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11/5/20

इंडिया टाइम्स हिंदी का इंटरनेट पर वीडियो हुआ वायरल ! उड़ने वाली कार में; अब मनाइये हनीमून !-बर्बाद इंडिया न्यूज़ / मनोज बत्रा (एडिटर)

आश्चर्यजनक 

इंडिया टाइम्स हिंदी का इंटरनेट पर वीडियो हुआ वायरल !

उड़ने वाली कार में; अब मनाइये हनीमून !

  नई दिल्ली ,4 नवंबर ,2020 . (मनोज बत्तरा द्वारा ). 

     कुदरत अपने चमत्कारों से तो मानव को आश्चर्यचकित करती ही है,विज्ञान भी उसे विस्मित करने में ,कोई कसर नहीं छोड़ता !आवश्कयता अविष्कार की जननी होती है ,ये बात विज्ञान -जगत अच्छे से समझता है ,शायद इसीलिए वह मानव -जाति की इच्छाओं,सपनों और उसके सुगम जीवन आदि का सम्मान करते हुए ,अद्भुत और आश्चर्यजनक अविष्कारों का निर्माण करता रहता है!



     आज विज्ञान की सहायता से ही कल्पनाशील और सुख -इच्छुक मानव,समुन्द्र के अंदर शादी और हनीमून तक मना लेता है !अब उसकी इन इच्छाओं को आकाश में भी पूरा किया जा सकेगा ! जी हाँ ,अब विज्ञान मानव के हनीमून हेतू लाया है ,एक उड़ने वाली कार !



     इंडिया टाइम्स हिंदी के अनुसार ,स्लोवाकिया की क्लेनविजन फर्म की अद्भुत यह कार, अचानक 3 मिनट में ही ,हवाई जहाज में बदल जाती है ! जमीन पर चलने के साथ-साथ यह आकाश में भी उड़कर गति करती है !अभी हाल ही में 1500 फीट ऊँची उड़ान भरकर ,इस कार ने सफल टेस्ट पास किया है ! 200 किलोग्राम से अधिक का भार उठाने वाली यह अद्भुत कार ,18 लीटर प्रति घंटा ईंधन खपत करती है !इस कार को प्रोफेसर स्टीफन क्लेन ने डिजाइन किया है !निकट भविष्य में ये कार्रें आकाश में टैक्सी के रूप में भी उड़ती दिखाई देंगी !



     धिक जानकारी और इसकी उड़ान का सफल परीक्षण देखने हेतू कृपया इस लिंक पर क्लिक कीजियेगा !


                 


चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा


9/20/20

साढ़े सात ,पौने उन्नीस जैसे पहाड़े बोलता है ,गणित का ये महान सम्राट! इस शख्स हेतू पंजाब मुख्यमंत्री से माँगा है ,आर्थिक पैकेज !@पत्रकार मनोज बत्रा

बर्बाद इंडिया टेलीविज़न !

साढ़े सात ,पौने उन्नीस जैसे पहाड़े बोलता है ,गणित का ये महान सम्राट!

 इस शख्स हेतू पंजाब मुख्यमंत्री से माँगा है ,आर्थिक पैकेज !@पत्रकार मनोज बत्रा 

दिनांक -20 सितम्बर ,2020 . 

फिल्लौर (पंजाब ). (मनोज बत्तरा द्वारा ). 

     देखने में मासूम ,भोला -भाला और गरीब ये शख्स गढ़ा रोड़ ,फिल्लौर ,पंजाब का रहने वाला है !पर कुदरत ने इनको ऐसी नेमत बक्शी है कि अच्छे पढ़े -लिखे लोग भी ,गणित के मामले में ,इनके सामने चारों खाने चित्त है !ये पौने एक ,सवा एक ,डेढ़ ,पौने दो ,सवा दो ,ढाई ,पौने तीन..... जैसे पहाड़ों को बखूबी सटीकता के साथ बोल लेते है !



     अब ये शोध का विषय हो सकता है कि ये शख्स कैसे ,इतने मुश्कित पहाड़ों को बोल पाता है ,जबकि ऐसे पहाड़े स्कूल में तो कभी पढाये गए ही नहीं और न ही आधुनिक तकनीक के चलते ,हम सब साधारण पहाड़ों  को भी ,अच्छे से याद कर पाये !

     'बर्बाद इंडिया 'मानता है कि इस शख्स का कांसेप्ट यूनिक है ,शोध का विषय है !इसलिए 'बर्बाद इंडिया 'इनकी आर्थिक दशा सुधारने हेतू 5 लाख रूपए,सरकारी नौकरी और  उत्साहित करने के लिए राजकीय-सम्मान की मांग ,पंजाब के मुख्य मंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह से करता है ! कृपया वे इस शख्स को खोज कर पुरस्कृत करें !

     यहाँ बताने योग्य है कि पूर्व में ,इस पत्रकार की प्रार्थना पर ,पंजाब के मुख्यमंत्री 5 लाख रूपये का चेक ,एक बीमार प्रसिद्ध फिल्म कलाकार को भिजवा चुके है !



     बर्बाद इंडिया टेलीविज़न पर, इससे सम्बंधित वीडियो देखने हेतू लिंक इस प्रकार है -

     https://www.youtube.com/watch?v=yoPskQEcwXk


चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा
-मुख्य कार्यकारी अधिकारी (चैनल )




9/16/20

कुत्ता मरा या जिंदा रहा ? बताइयें तो जरा !('बर्बाद इंडिया न्यूज़ '-यू- ट्यूब चैनल !) -बर्बाद इंडिया / मनोज बत्रा (एडिटर)

'बर्बाद इंडिया न्यूज़ '-यू- ट्यूब चैनल !

कुत्ता मरा या जिन्दा रहा ?बताइये ,तो जरा !


     रेलवे -ट्रैक पर घूमना ,कानूनी अपराध है !उसे बिल्कुल नहीं पता था !सफ़ेद रंग का ,वो नंगा प्राणी ,निश्चिन्त और बेखबर ,न जाने क्यों ट्रैक पर टहल रहा था ,शायद भोजन की तलाश थी उसे !अचानक मौत के पंजे उसकी ओर बढ़े !मौत ने कोई कसर नहीं छोड़ी ,उसे लीलने में !ये वीडियों देखकर तो ,एक बार आपका दिल दहल जायेगा, तरस आयेगा ,आपको इस नन्हें जीव पर !कुत्ता मरा या जिन्दा रहा ?बताइये,तो जरा !





'बर्बाद इंडिया न्यूज़ 'पर इस वीडियों को देखने के लिए ,यहाँ क्लिक करें -

https://www.youtube.com/watch?v=fUga00M9AoM


चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा
-मुख्य कार्यकारी अधिकारी (चैनल )


9/15/20

मौत का खंजर ? मौत का मंजर ?ऐसा आपने पहले कभी नहीं देखा होगा !('बर्बाद इंडिया न्यूज़ '-यू- ट्यूब चैनल !) -बर्बाद इंडिया / मनोज बत्रा (एडिटर)

'बर्बाद इंडिया न्यूज़ '-यू- ट्यूब चैनल !

मौत का खंजर ? मौत का मंजर ?ऐसा आपने पहले कभी नहीं देखा होगा !

     कहते है कि विनाश से पहले ,इंसान की बुद्धि उल्टी हो जाती है !ऐसा ही हुआ ,एक नवयुवक के साथ !जल्दबाजी ,लापरवाही और अज्ञानता आदि के चलते ,स्वयं को असुरक्षित स्थिति में ड़ालकर ,जीवन को बहने दिया ,बाढ़ के उफनते पानी में !



     आखिर क्यों ,सब्र नहीं था उसे ?क्या उसे अपने परिवार की चिंता नहीं थी ?क्या कोई अपने जीवन से ,ऐसे भी खेलता है ?क्या ये मौत का खंजर था ?क्या ये मौत का मंजर था ?नहीं पता !कौन है ये शख़्स ?कहाँ का वीडियो है ?किसने वीडियो बनाया ?ऐसा आपने पहले कभी नहीं देखा होगा !



'बर्बाद इंडिया न्यूज़ 'पर इस वीडियों को देखने के लिए ,यहाँ क्लिक करें -

https://www.youtube.com/watch?v=UgV8-FWrFu4


चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा
-मुख्य कार्यकारी अधिकारी (चैनल )


9/13/20

आश्चर्यजनक ! 7 साल का 'मकड़ी मानव 'हिंदुस्तान में ! 'स्पाइडर ब्वॉय ' के दीवारों पर चढ़ने-उतरने के पीछे ,पूर्व -जन्म व प्रबल इच्छा -शक्ति !@विचारक मनोज बत्रा-बर्बाद इंडिया / मनोज बत्रा (एडिटर)

आश्चर्यजनक !

7 साल का 'मकड़ी मानव 'हिंदुस्तान में !

'स्पाइडर ब्वॉय ' के दीवारों पर चढ़ने-उतरने के पीछे ,पूर्व -जन्म व प्रबल इच्छा -शक्ति !@विचारक मनोज बत्रा

दिनांक -13 सितम्बर ,2020 . 
कानपुर (उत्तर प्रदेश ). (मनोज बत्तरा द्वारा ).

     7 साल का बच्चा ,तीसरी कक्षा का छात्र, यदि स्पाइडर मैन की तरह ,झटपट दीवारों पर,बिना किसी सहारे के, बड़ी तेजी से ,चढ़ने -उतरने लगे ,तो इसे आप क्या कहेंगे ?कोई चमत्कार या कोई अनहोनी ?हमारे सामने भी जब ऐसे समाचार आते है ,तो हमारा मन भी आश्चर्य ,जिज्ञासा और कौतूहल से भर उठता है!



     मीडिया -ख़बरों के अनुसार,कानपुर निवासी यसार्थ सिंह नाम का बच्चा ,ये हैरत अंगेज कारनामा कर डालता है !लोग यसार्थ सिंह को प्यार से ,'स्पाइडर ब्वॉय 'के नाम से पुकारते है !यसार्थ की माता श्रीमति गरिमा सिंह का कहना है कि यसार्थ स्पाइडर मैन मूवी से प्रभावित था ,जिसके परिणाम-स्वरूप इसके मन में ,दीवारों पर चढ़ने -उतरने की इच्छा हुई !वह छिपकली की तरह अपने हाथ और पैर के पंजों को ,दीवार पर चिपका लेता है !इस तरह दीवारों पर चढ़ने -उतरने का अभ्यास ,उसे सफलता की ओर ले गया। पर हमें डर लगा रहता है कि उसे कहीं चोट न लग जाये !यसार्थ एक बड़ा अधिकारी बनकर ,देश की सेवा करना चाहता है।



     अब सवाल उठता है कि यसार्थ ये सब कैसे कर पाता है ,तो 'बर्बाद इंडिया 'ने इस प्रश्न का उत्तर खोजने की कोशिश की है !हमारी खोज के अनुसार ,बहुत से लोगों में पूर्व-जन्मों के संस्कार ,गुण आदि ,वर्तमान जन्म में भी ,थोड़े या ज्यादा आ सकते है !फिर सकारात्मक -शक्ति व प्रबल इच्छा -शक्ति भी ,ऐसे अजूबा कारनामों में अपनी भूमिका निभाती है !अब देखना ये भी होगा कि क्या बड़ा होने पर भी, यसार्थ ऐसे ही दीवारों पर चढ़-उतर पायेंगा !तो आप इन्तजार कीजिये ,'बर्बाद इंडिया 'पर ,भविष्य की इस न्यूज़ का !  

                         
चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा


                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                         

9/12/20

आश्चर्यजनक ! सोनू सूद की जरूरत ,भारतीय ग्रास कला को ,रोजगार -अवसर हेतू ! बंद आँखों से ,सरकंडे की अद्भुत कलाकृतियां बनाते है ,अभिषेक चौहान !-बर्बाद इंडिया / मनोज बत्रा (एडिटर)

आश्चर्यजनक !

सोनू सूद की जरूरत ,भारतीय ग्रास कला को ,रोजगार -अवसर हेतू !

बंद आँखों से ,सरकंडे की अद्भुत कलाकृतियां बनाते है ,अभिषेक चौहान ! 

दिनांक -12 सितम्बर ,2020 . 
राजपुरा (पंजाब ). (मनोज बत्तरा द्वारा ). 

     अनादि काल से चली आ रही ,विरासती कला 'ग्रास आर्ट' के माहिर ,ग्रास आर्टिस्ट अभिषेक चौहान ,देश के प्रथम ऐसे कलाकार है ,जो आँखें बंद करके ,सरकंडे/घास  से,विभिन्न प्रकार की अद्भुत कलाकृतियां बना सकते है। 
     केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय और पंजाब सरकार द्वारा ,अभिषेक को उनकी इस अद्भुत कला हेतू सम्मानित भी किया जा चुका है। अभिषेक का कहना है कि ये विरासती कला ,आज अपनी पहचान खोती जा रही है ,यदि भारत के रियल हीरो और फिल्म कलाकार सोनू सूद ,इस कला के अम्बैसेडर बने ,तो विश्व -स्तर पर ,ग्रास कला की खासी पहचान बन सकती है !सरकंडे से फूल ,सजावटी सामान ,गहने ,धार्मिक -चिन्ह और राखियां आदि को भी तैयार किया जा सकता है ,इसलिए स्वदेशी रोजगार के अवसर को पैदा किया जा सकता है !प्रवासी मजदूरों हेतू रोजगार उत्पन्न करने की मुहिम चलाने वाले ,सोनू सूद की आवश्यकता ,आज देश की इस अद्भुत ग्रास कला को भी है !  


            
                                                                    अभिषेक के पुराने चित्र !
                                                        आँखें बंद और तैयार कलाकृति !
          
चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा


                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                       

9/4/20

5 %कलियुग में,सांप से डर,चूहा पेड़ पर रहने लगा !-बर्बाद इंडिया / मनोज बत्रा (एडिटर)

सच्ची घटना ! मार्मिक प्रसंग !!

5 %कलियुग में,सांप से डर,चूहा पेड़ पर रहने लगा !

चूहे और गिलहरी ने कराये ,बत्तरा को भूल व पाप के अहसास! रामायण के प्राय अनसुने प्रसंग याद कर ,किया पश्चाताप !

दिनांक -3 सितम्बर ,2020 .
राजपुरा (पंजाब ). (मनोज बत्तरा द्वारा ).

     आज मेरे जीवन की वो सच्ची घटना घटी ,जिसने मुझमें पाप के अहसास कराये और मुझे रामायण-काल की याद दिला दी !
     अभी दो-तीन दिन पहले का ही किस्सा है !मेरे पड़ोस के दो घरों में सांप निकले ,जोकि मानवीय हाथों द्वारा मारे भी गए !दरअसल ,मेरा एरिया सांप ,बिच्छू ,छिपकलियों ,चूंहो ,कीट -पतंगों से भरा हुआ है!मैंने कई बार प्रशासन का ध्यान इस और दिलाया ,पर इसका अभी तक कोई स्थाई समाधान नहीं निकल पाया !
     मैं उस समय हैरान हो गया ,जब हमारी एक सहृदय पड़ोसन ने, मेरे घर आकर ,मुझे बताया कि भैया ,सांप हमारे फ्रिज के ऊपर बैठा था !पहले तो हम डर गए ,क्योंकि हमारे घर छोटा बच्चा है !फिर हमने वह सांप मरवा दिया !आप उस समय घर नहीं थे ,नहीं तो सांप मारने के लिएआपको बुलाते !दरअसल ,सेफ्टी के लिए मैंने पड़ोस में दो बार साँपों को मारा था ,जिसका कि बाद में मुझे अफ़सोस भी रहा ,कि जीव -हत्या ,पाप है !
     खैर ,बातें चल रही थी !पड़ोसन ने बताया कि अगले दिन घरों के पीछे जो पेड़ है ,उन्होंने उस पर एक सांप को, तीन फुट ऊपर तक चढ़ते देखा है !मुझे समझते देर न लगी कि सांप पेड़ से चढ़कर ,दीवार से टप्प कर ,घरों में घुस रहे है !पड़ोसन ने आगे मुझसे प्रार्थना की ,कि भैया ,आप घरों के पीछे ,जो शोरूम है ,उनसे कहकर पेड़ कटवाओ !और बत्तरा साहब खुश हो गए कि मौहल्ले में मेरी कितनी इज्जत है !
     चलो भाई,शोरूम वालों से इस सम्बन्ध में बात हुई और वे सब ,मामले की गंभीरता को समझते हुए मान गए !और पांच लोगों ने मिलकर ,घरों के पीछे के 7 -8 सामान्य और फलदार पेड़ काट डालें,ताकि सांप पेड़ों से चढ़कर ,घरों में न घुसे !कुछ पेड़ों को  जड़ से और कुछ को 3 -4 फुट तक ऊपर तने तक ,काटा गया !
     मैं छत पर खड़ा पेड़ों को काटने की सारी कार्रवाही देख रहा था ,कि अचानक मैंने देखा कि एक पेड़ के ऊपर लगे, एक घौंसले में २ -3 चूहे बैठे है !आसपास पॉलिथीन के लिफाफे है और कुछ गंदगी भी है !कुल्हाड़ियों की आवाज सुनकर वे सब डरकर ,नीचे भाग गए !मुझे समझते देर न लगी कि चूहों को खाने के उद्देश्य से ही ,सांप पेड़ों पर चढ़ रहे है और घरों में भी घुस आते है !शोरूम का बगीचा ,आसपास गंदे नालों ,खेतों ,छप्पड़ के कारण साँपों से घिरा रहता है !संभवत ,साँपों के डर से ,जीवन -मोह के चलते चूहें ,पेड़ पर रहने लगे हो !



     इस घटना को देखकर ,मन में विचार भी चल रहे थे कि देखो ,अभी कलियुग लगभग 5 %ही गया है और चूंहे पेड़ों पर रहने लगें !रामायण -काल की भी याद आ रही थी !रामचंदर जी ने सीता मैया से कहा था कि "ऐसा कलियुग आयेगा ,हंस चुगेगा दाना -तिनका ,कौवा मोती खायेगा !"



     मेरा विचारक मन आगे भी सोच रहा था ,कि प्रकृति का चक्र तो देखों ,सांप ,चूहे को खाता है ,हम सांप को खाते भी है और मार भी डालते है !सांप और मानव कितने पापी है ,ये विचारणीय प्रश्न है !
    किन्तु अब एक बात तो समझ आती है मुझे ,कि प्रकृति ने सांप को मुख्यता मांसाहारी बनाया ,तो उसे चूहे को मारने का हक़ है ,ये कोई पाप नहीं हुआ !और मानव सांप को सुरक्षा की दृष्टि से मारें ,तो पाप नहीं है और बेवजह मारे ,तो पाप है !परिस्थितयों के अनुसार ,पाप और पुण्य की परिभाषा बदल जाती है !वेदों में ,जीव हत्या को पाप बताया गया है ,बुद्धिमान और विवेकशील इंसान की कोशिश ये होनी चाहिए कि जीव हत्या न ही करें और सम -भाव से,सब प्राणियों में आत्मा का अस्तित्व स्वीकारतें हुए ,जीने का अधिकार प्रदान करें !क्योंकि पाप -बोध ,आत्म-ग्लानि ,समस्त प्राणियों में स्वयं के श्रेष्ठ होने का अहम ,मूढ़ता आदि ,उसके भक्ति -मार्ग में बाधक है !



     उक्त विचारों की कश्मकश मेरे अंदर चल ही रही थी ,कि क्या देखता हू ,एक नन्हीं -सी ,प्यारी -सी गिलहरी ,उन कटे हुए पेड़ के तनों पर ,मस्ती से चढ़ने लगी !कटा हुआ तना देखकर ,डरकर ,बड़ी हैरानी से घबराकर कि ये क्या हुआ ,आखिर पेड़ गया कहाँ ?वह कटे तने से उतरकर ,कहीं और भाग गई !सारा दृश्य देख मेरा मन दुःखी हो गया कि क्या तुझे ,चूहे और गिलहरी का आशियाना छीनने का कोई हक़ था !क्या पर्यावरण को नुकसान देकर तूने अच्छा किया !सीता माता ने अपने पुत्रों लव-कुश को समझाते हुए कहा था कि हरे पेड़ों से लकड़ियां मत काटो ,ये पेड़ भी जीव है !जलाने के लिए सूखी लकड़ियों का प्रयोग करों!



     आगे मन में ये विचार भी कौंध रहे थे कि अपने मौहल्ले और अपने बीवी-बच्चों की सुरक्षा तो तूने देखी ,पर इन नन्हे जीवों की सुरक्षा का क्या !इनके आशियाने का क्या !
     रामायण -काल का एक और भी प्रसंग याद आ रहा था कि सीता माता को पाने के लिए ,समुद्र बांधने के लिए ,राम-सेतू का कार्य जोरों पर था!नर ,वानर ,रीछ -भालू आदि सभी अपना सहयोग दे रहे थे !कि तभी रामचंद्र जी ने देखा कि एक नन्ही गिलहरी ,बार-बार समुन्दर में गोता लगाकर ,अपने शरीर को गीला करती है और फिर रेत में लेटकर ,रेत को अपने शरीर से चिपकती है !फिर शरीर से चिपकी रेत से, पुल के पत्थरों के बीच की दरारों को भरने की कोशिश करती है !इस मासूम गिलहरी की कर्मठता और अपने प्रति श्रद्धा -भाव देखकर राम जी ,गिलहरी को अपनी गोद में बिठाकर ,प्यार से ,अपने हाथ से सहलातें है !आज भी गिलहरियों के शरीर पर ,तीन सफ़ेद धारियां ,भगवान राम की अँगुलियों की याद दिलाती है !



     जब से ये प्रसंग मैंने सुना था ,तब से नन्ही और मासूम गिलहरियों के प्रति मेरी अपार श्रद्धा रही है !पर आज मेरे कारण उसका आशियाना उजड़ गया !गिलहरी का ही क्यों ,चूहे का भी आशियाना मेरे कारण ही उजड़ा !
     अंत में ,सारी कश्मकश का मैंने यही हल सोचा कि हम बुद्धिमान और विवेकशील प्राणी है ,किन्तु मन की मूढ़ता ,अहम ,अज्ञानता ,अपनी सुविधा देखने आदि कारणों के चलते ,पर्यावरण और जीवों को नुक्सान दे देते है !यदि हम अपने घरों की दीवारों को ही ऊँचा करवाने की सोचते ,तो  पेड़ और चूहे व् गिलहरी के आशियाने बच सकते थे !मुझे अपनी भूल का अहसास था !और रही बात सांप और चूहे के प्रकृति -चक्र की ,तो उसमे दखलंदाजी शायद नैतिक नहीं है !


चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा



8/5/20

आयुर्वेदिक दवा की तीन खुराकों से प्लेटलेट्स सेल में आश्चर्यजनक बढोत्तरी !-बर्बाद इंडिया / मनोज बत्रा (एडिटर)

अच्छी खबर! 

आयुर्वेदिक दवा की तीन खुराकों से प्लेटलेट्स सेल में आश्चर्यजनक बढोत्तरी !

4 अगस्त ,2020. 
चंडीगढ़ (पंजाब ). (मनोज बत्तरा द्वारा ). 
 
    डेंगू सहित अन्य कई कारणों के चलते, शरीर के खून में प्लेटलेट्स सेल, खतरनाक सीमा तक कम हो जाते है !अन्य वायरल बिमारियों में भी ऐसा हो सकता है !ऐसी स्थिति में,मरीज को प्लेटलेट्स देने के लिए (प्लेटलेट्स ट्रान्सफयूजन) एक जटिल और वैज्ञानिक निर्णय की आवश्यकता पड़ती है !

What Are Platelets?

    ऐसे में प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाने के लिए, आयुर्वेद का कोई सरल और सुरक्षित फार्मूला, शोध के बाद सामने आ जाये ,तो इसे वरदान ही कहा जायेगा ! जी ,हाँ ,सेक्टर 44 स्थित,भारत के प्रसिद्ध वर्धान आयुर्वैदिक एंड हर्बल मेडिसन प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य डॉक्टर अनिल कुमार द्वारा शोध के बाद ,एक अत्यंत गुणकारी औषधि विकसित की है ,जिसकी तीन खुराकें देने मात्र से ही ,मरीज में आश्चर्यजनक ढंग से प्लेटलेट्स सेल बढ़ जाते है !दर्जनों मरीजों पर इस दवा का असर चेक किया गया है ,परिणाम सुखद ही आया है !
चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा


 


7/26/20

मशहूर टीवी एंकर चित्रा त्रिपाठी (आज तक ) का चैनल के दायरों में दम घुटता है ?पत्रकार मनोज बत्तरा से हुई बातचीत !-बर्बाद इंडिया / मनोज बत्रा (एडिटर)

भारत में पत्रकारिता -जगत की दयनीय हालत!

मशहूर टीवी एंकर चित्रा त्रिपाठी (आज तक ) का चैनल के दायरों में दम घुटता है ?पत्रकार मनोज बत्तरा से हुई बातचीत !

25 जुलाई ,2020 .
नई दिल्ली। (ईश्वर आज़ाद और चीफ एडिटर मनोज बत्रा द्वारा ).

     पिछले दिनों भारत की मशहूर टीवी एंकर चित्रा त्रिपाठी (आज तक )और "बर्बाद इंडिया "के चीफ एडिटर ,पत्रकार ,साहित्यकार और फिल्म -निर्देशक मनोज बत्तरा की बातचीत हुई !बातचीत में एंकर के अंदर का दर्द और भारत में पत्रकारिता -जगत की दयनीय हालत साफ़ झलक रही थी !




     बातचीत के प्रमुख अंश प्रस्तुत है :-

     चित्रा त्रिपाठी -"पॉजिटिव और सच्ची ख़बरों के लिए मैंने 'सच्ची खबर'नाम से एक वेबसाइट शुरू की है !मुझे आशा है कि इसे आप ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचायेंगे !"
     मनोज बत्तरा -"चित्रा ,मन में जिज्ञासा है कि इस ब्लॉग /वेबसाइट की आपको जरूरत क्यों पड़ी ?इसका कोई विशेष महत्त्व /उपयोगिता भी है ?इतना समय कैसे निकाल लेती है आप ,इन सब के लिए ?आखिर लक्ष्य क्या है आपका ?"
     चित्रा त्रिपाठी -"चैनल या कम्पनी में, एक दायरें में काम करना पड़ता है!अपने स्वतंत्र विचारों के लिए ही एक वेबसाइट शुरू की है !"
     मनोज बत्तरा -"क्या सचमुच ,आपके कहने का अर्थ है कि मीडिया के दायरों में आपका दम घुटता है ?.....असंगठित मीडिया के दायरों में आपका दम घुटना ,मेरी नज़र में ,भारतीय लोकतंत्र की एक असाधारण घटना है!मेरी सोच से भी ,बहुत ज्यादा बुरा हाल है ,लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ 'मीडिया 'का!क्या बनेगा मेरे बर्बाद इंडिया का ?"
      इस बातचीत को विराम देते हुए बत्रा ने ,चित्रा को उनके बारें में कहा -"स्वतंत्र विचारों की अभिव्यक्ति ,आपमें परोपकार ,दया ,उदारता ,विश्व -कल्याण ,समानता ,प्रेम ,श्रद्धा ,भक्ति आदि उच्च मानवीय गुणों को दर्शाती है !अद्भुत आपका व्यक्तित्व बाहर से दिखता था ,पर अंदर से भी है!.... आपके भीतर की मातृशक्ति और मानवता के आगे नतमस्तक होना चाहूँगा !नमन और हार्दिक अभिवादन ! 


चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा




7/23/20

HDFC बैंक -मैनेजर की ईमानदारी से पत्रकार मनोज बत्रा बागोंबाग़ !-बर्बाद इंडिया / मनोज बत्रा (एडिटर)

HDFC बैंक -मैनेजर की ईमानदारी से पत्रकार मनोज बत्रा बागोंबाग़ !

23 जुलाई ,2020 . 
राजपुरा (पंजाब ). (ईश्वर आज़ाद द्वारा ). 

     कैलिबर मार्किट ,राजपुरा स्थित hdfc बैंक-शाखा के मैनेजर सरदार दविंदर सिंह तलवार जी की ईमानदारी देखकर ,"बर्बाद इंडिया "के मुख्य संपादक ,पत्रकार ,साहित्यकार और फिल्म-निर्देशक मनोज बत्तरा बेहद उत्साहित ,प्रफुल्लित और बागोंबाग़ है !उन्होंने बताया कि उन्होंने ऐसी व्यक्तिगत और संस्थागत ईमानदारी अपने जीवन पहले कभी नहीं देखी !सचमुच,दुनिया में अच्छे ,पॉजिटिव और ईमानदार लोग अभी जिन्दा है!
     दरअसल ,बत्रा की धर्म -पत्नी श्रीमती छाया बत्रा ने अपना बचत-खाता ,किन्ही कारणों से उक्त ब्रांच से कुछ दिन पहले बंद करवाया था ! और इस खातें का अंतिम बैलेंस 30 पैसे शेष रह गया था !
    बत्तरा ने बताया कि उनकी पत्नी के इस खातें में बकाया 30 पैसे का भुगतान,बैंक ने  MANAGER 'S CHEQUE भेजकर किया गया !यह चेक कुरिअर द्वारा उन्हें प्राप्त हुआ है!



    बत्तरा ने सकारात्मक चुटकी लेते हुए भी आगे कहा कि 30 पैसे के भुगतान के लिए ,किसी कानून के अंतर्गत ही ,खाता निल करने के लिए ही ,बैंक-मैनेजर ने 20 -30 रूपये कुरिअर पर भी खर्च किये होंगे !सचमुच ,ऐसे व्यक्ति और बैंक साधुवाद की पात्र है !
   बत्तरा ने आम जनता से अपील की है कि हमारी दुनिया और जरूरतों को समझने वाले इस ईमानदार HDFC बैंक में खाता खुलवा कर बैंकिंग सेवाओं का आनंद जरूर लें!


चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा


6/22/20

सूर्य -ग्रहण ,तीसरे विश्व -युद्ध व चीन के अंत का,कुदरती सन्देश तो नहीं ?-बर्बाद इंडिया /मनोज बत्रा (एडिटर )

सम्पादकीय- 

आचार्य मनोज बत्तरा के कीपैड से !


सूर्य -ग्रहण ,तीसरे विश्व -युद्ध व चीन के अंत का,कुदरती सन्देश तो नहीं ?

Surya Grahan 2020 LIVE Streaming Online: solar eclipse live Solar ...
21 जून ,2020 .
चंडीगढ़ (पंजाब )(मनोज बत्तरा द्वारा ).

     आज एक खगोलीय घटना घटी। सूर्य -ग्रहण लगा।पूरी दुनिया की नज़रें इस तरह के ग्रहण पर टिकी थी।क्योंकि 500 वर्षों के बाद, ग्रह -नक्षत्रों का यह दुर्लभ संयोग था। ये वलयाकार सूर्य -ग्रहण था।
     जब सूरज और धरती के बीच, चंदा मामा आ जाते है ,तो सूरज का प्रकाश धरती पर बेहद मंद पड़ जाता है ,जैसे 1000 वाट का जलता हुआ बल्ब ,10 वाट का हो गया हो। तब धरती के बहुत से हिस्सों में ,क्रमश:काली छाया आ जाती है।इसी को ज्योतिष -शास्त्र के अनुसार ,सूर्य -ग्रहण कहा जाता है।
     सूर्य -ग्रहण आज सुबह लगभग 9 बजकर 15 मिनट पर आरम्भ हुआ। और लगभग 6 घंटे का सफर तय करता हुआ ,दोपहर लगभग 3 बजे समाप्त हुआ !इसका असर 15 दिन तक माना जा रहा है।

Solar Eclipse: रविवार को लगेगा सबसे बड़ा ...

भारत के ज्योतिषियों के अनुसार ,सूर्य -ग्रहण!

    भारत के ज्योतिषियों के अनुसार ,सूर्य -ग्रहण सूक्ष्म और स्थूल ,दो प्रकार का होता है।ग्रहण में आसुरी शक्तियां बढ़ जाती है। प्राकृतिक -आपदा ,अनहोनी की सम्भावना रहती है। मानव की सोच ,चिंतन और भावनाओं में भी प्राय बदलाव आ जाता है।
    इन लोगों के अनुसार,सूर्य -ग्रहण के समय (ग्रहण से 12 घंटे पूर्व 'सूतक 'में भी )फल ,फूल ,लकड़ी ,तुलसी जी के पौधे ,देवी -देवताओं के चित्रों आदि को छूना नहीं चाहियें। बच्चों ,बूढ़ों और रोगी को छोकर ,सभी को भोजन नहीं करना चाहिए। क्योंकि इस समय भोजन में विषाणु पड़ जाते है।जोकि शरीर को नुक्सान देते है!सूतक -काल में ही खाने-पीने की चीजों में तुलसी जी रख देने चाहिए। 

घर में है तुलसी का पौधा तो इन बातों ...

     ग्रहण में सूरज को नहीं देखना चाहिए ,नहीं तो अँधा होने की प्रबल संभावना रहती है। ग्रहण के समय तरल पदार्थ लिए जा सकते है। ग्रहण में अमंगल न हो ,इसलिये भगवान सूर्य सहित सभी देवी-देवताओं की पूजा -अर्चना ,गायत्री -मन्त्र ,महामृत्युंजय -मन्त्र आदि का उच्चारण करना चाहिए। बुराइयों से बचना चाहियें। क्योंकि इस समय भक्ति करने से ,अनंत गुणा फल प्राप्त होता है। कुरुक्षेत्र के ब्रह्म -सरोवर में इस ग्रहण के समय स्नान करने से ,अश्वमेध यज्ञ के बराबर फल मिलता है। ग्रहण के बाद नहा -धोकर ,पूजा-पाठ करके भोजन करना चाहिए।

भारत के वरिष्ठ वैज्ञानिकों के अनुसार ,सूर्य -ग्रहण!

    भारत के वरिष्ठ वैज्ञानिकों के अनुसार ,सूर्य -ग्रहण ,प्रकृति की एक अद्भुत घटना है। हमारे लिए यह एक उत्सव है। उनके अनुसार ,किसी भी प्रकार के अंधविश्वास में नहीं पड़ना चाहिए। और बच्चों को विज्ञान के अनुसार ही ,सूर्य -ग्रहण के लिए अपना आचरण रखना चाहिए।
     इनके अनुसार ,ग्रहण के समय खाना खाया जा सकता है। तरल -पदार्थ लिए जा सकते है।ये बताते है ,कि सूर्य -ग्रहण के समय ,हानिकारक पराबैंगनी किरणें निकलती है,जोकि आँख के रेटिना को नष्ट कर सकती है ,जिससे कि अंधे हो सकतें है। 3 सेकंड से अधिक रेटिना ऐसी किरणों को झेल नहीं पाता है। रेटिना नष्ट होने पर दर्द नहीं होता ,क्योंकि रेटिना में दर्द की नसें नहीं होती।सूर्य -ग्रहण में सूर्य देखने के लिए,विशेष प्रकार के चश्में और टेलीस्कोप का प्रयोग करना चाहिए।

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     ज्योतिष और विज्ञान की बहस में ,वैज्ञानिक कहते है कि वे सिर्फ लोगों को समझा सकते है !उनका भी मानना है कि आस्था पर तर्क का असर नहीं होता!

लोग डरें हुए थे !

     ज्योतिषियों के अनुसार ,आज का सूर्य-ग्रहण अशुभ स्थितियों में लगा था !अनहोनी ,प्राकृतिक आपदाओं की संभावना से लोग डरें हुए भी थे ,जिस कारण लोग पूजा -अर्चना में लगे रहे और समस्त माहौल भक्तिमय हो गया।

चैनल मालिकों को मोटी आमदनी !

      इसके अतिरिक्त,यू -टूयूब पर भी अनेकोनेक लोग भक्ति वीडियो देखने लगें ,जिस कारण विभिन्न चैनल के सब्सक्राइबर और व्यूज बढ़ गए। सबको मोटी आमदनी होगी।

कोरोना संकट में कमी आएगी ,के पीछे कोई तर्क नहीं !

     कुछ चैनल्स को यह भी कहते सुना और देखा गया कि इस ग्रहण के बाद ,कोरोना -संकट में कमी आयेगी !पर इसके पीछे कोई तर्क नहीं दिखाया गया !

अफ्रीका से चलकर भारत ,पाकिस्तान होता हुआ ,सूर्य -ग्रहण चीन में जाकर समाप्त हुआ ! 


    मेरा मानना है कि कुदरत हो या महान पुरुष ,इनका कोई भी कार्य, बिना उद्देश्य के नहीं होता !अफ्रीका से चलकर भारत ,पाकिस्तान होता हुआ ,सूर्य -ग्रहण चीन में जाकर समाप्त हुआ ! अगर मैं अपनी सूक्ष्म-बुद्धि (न कि छोटी बुद्धि )पर विश्वास करूँ ,तो मुझे ऐसा प्रतीत होता है ,कि ग्रहण का अंत चीन में ही क्यों ?और ऐसे समय में ही क्यों ,जब चीन के कारण ,दुनिया में लाखों लोग ,कोरोना से संक्रमित है !इस अंत में क्या छिपा है ! कहीं कुदरत चीन को यह सन्देश तो नहीं दे रही ,कि अपने अहंकार ,हवस ,साम्राज्यवादी ,बाज़ारवादी ,भोगवादी ,मानवता विरोधी और कुदरत विरोधी (कोरोना -संकट ) नीतियों में सुधार ला ,नहीं तो ,तीसरा विश्व-युद्ध निश्चित रूप से होगा और तेरा अंत भी निश्चित है !
    (मुझे इस बात की फिलहाल जानकारी नहीं है ,कि पूर्व सूर्य -ग्रहणों में कुछ ग्रहण चीन में ख़त्म हुए हो !)


     मुझे लगता है कि कुदरत चीन को सुधरने का ,युद्ध की विभीषिका से ,दुनिया को बचाने का एक अवसर दे रही है ! अब देखना होगा कि चालबाज चीन दुनिया को किस और धकेलता है !


-चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा 

https://www.youtube.com/watch?v=B0YAOkRlqHo&t=13s&fbclid=IwAR35oAyFjXlgi9hR-T6N73KxwHaH-mLgdVOI93YOTX1d6G-Ft5KU2ocN6Ws



6/20/20

आसमान से गिरा रहस्यमय धातु ,उल्कापिंड का टुकड़ा तो नहीं ?-बर्बाद इंडिया/मनोज बत्तरा(एडिटर)

आसमान से गिरा रहस्यमय धातु ,उल्कापिंड का टुकड़ा तो नहीं ?

19, जून, 2020. 
जालोर (राजस्थान )(मनोज बत्तरा द्वारा ).

      नवभारत टाइम्स के अनुसार ,कल शुक्रवार सुबह को ,राजस्थान के जालोर जिले के सांचौर में ,आसमान से लगभग पौने तीन किलो की ,एक रहस्यमय धातु,भंसाली हॉस्पिटल के पास,गर्म अवस्था में ,जोरदार गर्जना और धमाके के साथ गिरी !जिससे लोगों में अफरातफरी मच गई !पहली नज़र में इसे उल्का पिंड समझा जा रहा है !हालाँकि अभी तक ,इसके उल्का पिंड होने की,अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।



     काले-नीले पत्थर जैसी दिखने वाली यह धातु ,जमीन में धंसी हुई मिली!पुलिस ने इसको अपने कब्जे में लेकर ,ठंडा होने पर ,एक जार में डालकर ,जोधपुर विश्व -विद्यालय को जाँच के लिए सौंप दिया !इस रहस्यमय धातु की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए है !जाँच से ही पता चलेगा ,कि आसमान से गिरा रहस्यमय धातु ,उल्कापिंड का टुकड़ा तो नहीं ?


चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा

https://www.youtube.com/watch?v=B0YAOkRlqHo&t=13s&fbclid=IwAR35oAyFjXlgi9hR-T6N73KxwHaH-mLgdVOI93YOTX1d6G-Ft5KU2ocN6Ws

6/12/20

आश्चर्य :कुत्तें ,40 किले,करोड़ों की जमीन के मालिक !(-संजय खान)-बर्बाद इंडिया न्यूज़/मनोज बत्रा (चीफ एडिटर)

आश्चर्यजनक- 

कुत्तें ,40 किले,करोड़ों की जमीन के मालिक !-संजय खान 

पटियाला (पंजाब )(मनोज बत्तरा द्वारा ).

    "सारा शहर मुझे डौगी /dogi के नाम से जानता हैं !"-ये सोच ,ये अहम ,सचमुच शायद वफादार कहलाने वाली जाति के, उन कुत्तों में होगी ,जिनके नाम करोड़ों रूपये की 40 किले जमीन हैं !ये जमीन पीढ़ी दर पीढ़ी नन्हें पपियों के नाम चलती रहती है !
    एक समय था ,जब राजाओं -महाराजाओं,जैलदार -जागीरदार आदि के नाम बहुत सारी जमीनें हुआ करती थी !पर क्या उस समय किसी ने सोचा होगा कि कुत्तों के नाम भी,भविष्य में जमीनें होंगी!वो भी इतनी बड़ी ,इतनी कीमत की !
    गांव खानपुर ,जिला -पटियाला (पंजाब )के अजय गिरि जी महाराज के अनुसार, गांव में दशनाम जूना अखाडा के संतों ने डेरे का निर्माण करवाया था !




     और निवासी जगजीत सिंह के अनुसार ,लगभग 500 वर्ष पहले ,पटियाला के महाराजा आला सिंह ने ,गांव में एक ऐतिहासिक शिव -मंदिर का निर्माण करवाया था!राजा ने उस समय के डेरा -प्रमुख भगवान गिरी जी महाराज के नाम ,जब इस मंदिर आदि की जमीन करनी चाही ,तो भगवान गिरी जी ने मना कर दिया और राजा से इच्छा जताई कि जमीन को पशुओं के नाम कर दिया जाएँ !




     यहाँ भगवान गिरि जी के उदारता ,परोपकार ,विश्व-कल्याण आदि उच्च मानवीय -गुण साफ़ दीखते है!और फिर राजा ने 40 किले जमीन कुत्तों के नाम कर दी !










    आज हर वर्ष यहाँ शिव-रात्रि-मेला भरता है !खीर-पूरी का प्रसाद बनता है !रंगारंग कार्यक्र्म और खेल-कूद के आयोजन किये जाते है!




     खान चैनल पंजाबी (यू ट्यूब )के मालिक ,स्वतंत्र पत्रकार  व फिल्म -निर्देशक संजय खान के अनुसार,इंडिया की ये एक यूनिक स्टोरी है !देश में शायद और कहीं जानवरों के नाम, इस तरह की जमीन नहीं है !




-चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा 
https://www.youtube.com/watch?v=B0YAOkRlqHo&t=13s&fbclid=IwAR35oAyFjXlgi9hR-T6N73KxwHaH-mLgdVOI93YOTX1d6G-Ft5KU2ocN6Ws




6/11/20

आश्चर्य! नींबू /अंगारें उड़ाता,मुँह/नाक/शर्बत से धुंआ निकालता,सेलिब्रिटी शेफ राजीव!-बर्बाद इंडिया न्यूज़/मनोज बत्रा (चीफ एडिटर)



आश्चर्यजनक -

नींबू /अंगारें उड़ाता ,मुँह /नाक/शर्बत से धुंआ निकालता,सेलिब्रिटी शेफ राजीव चौहान !


 लुधियाना (पंजाब )(मनोज बत्तरा द्वारा ). 

    दुनिया में बहुत सारे लोग हैं ,जो तरह -तरह के शौक रखते हैं!कुछ सामान्य शौक !कुछ आदतन शौक !कुछ अजीबों -गरीब शौक !ये शौक ही ऐसे लोगों की ,जीने की  कला हैं ,जिद्द है ,पैशन हैं !अपने शौक पूरे कर डालनें के लिए ये कुछ भी कर डालते हैं !किसी भी हद तक चले जाते है!कहीं न कहीं ये लोग खुद को दुनिया से अलग दिखाने की या कुछ नया करने की चाहत रखते हैं ! 
    ऐसे ही एक शख्स है ,मेरे परम मित्र ,सेलिब्रिटी मास्टर शेफ श्री राजीव चौहान!चौहान आग और धुंए से खेलते हैं !आग और धुंए से जुड़ी ऐसी -ऐसी ट्रिक्स अपनाते है, कि सामने वाला देखकर दंग रह जाता है !
    द किचन फ़ूड पॉइंट ,लुधियाना के मालिक , the biker's sky lounge cafe(basant food group) और bistro flamme bois,लुधियाना (पंजाब )से जुड़ें रहे, शेफ राजीव चौहान ,नींबू को हवा में उड़ा डालते है!आग के अंगारें उड़ाना इनका प्रमुख शौक है!किसी पदार्थ की सहायता से ,ये अपने मुँह और नाक से धुंआ निकालने लगते है !हद तो तब हो गई ,जब इन्होनें शरबत से धुंआ निकाल कर दिखा दिया !सचमुच ,मास्टर माइंड है ,राजीव चौहान !
    "बर्बाद इंडिया "को शेफ राजीव चौहान ने बताया,कि किचन में काम करते -करते ऐसे आईडिया आ जाते है !मैं जीवन में कुछ अलग करके ,दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाना चाहता हू !मेरी रचनात्मकता ही मेरा शौक है,जूनून है !
                                                        


 








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CONTECTS;-

address-द किचन फ़ूड पॉइंट ,
84,फिरोज गाँधी मार्किट ,लुधियाना(पंजाब).
  
email-rajivchouhan84@gmail.com

phone-9915572599/8360278641

you tube-master chef rajiv chouhan

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राजीव की कुछ बोलती तस्वीरें !




राजीव की कलात्मक प्रस्तुति!              




प्रस्तुति के बाद रिलेक्स राजीव !

                         

 फोटो के दीवानें राजीव !                    



                       
                                     राजीव के दीवानें कलाकार !








  किचन के कलाकार राजीव !

               




                                                    राजीव का मोहक अंदाज !




THE BIKER'S SKY LOUNGE CAFE,

LUDIANA(PUNJAB)








BISTRO FLAMME BOIS,LUDIANA(PUNJAB)



-चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा 
https://www.youtube.com/watch?v=B0YAOkRlqHo&t=13s&fbclid=IwAR35oAyFjXlgi9hR-T6N73KxwHaH-mLgdVOI93YOTX1d6G-Ft5KU2ocN6Ws