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9/11/20

हमारे बच्चें हमारी जिंदगी है ,हमारी दुनिया है। स्कूल भेजने का सवाल ही नहीं उठता !@मनोज बत्तरा -बर्बाद इंडिया / मनोज बत्रा (एडिटर)

21 सितम्बर से ,आंशिक रूप से स्कूलों को खोलने का, सरकार का मन ! 

साढ़े 44 लाख से अधिक कोरोना -केस,और कई तरह की छूट,आश्चर्यजनक और विचारणीय प्रश्न है!

हमारे बच्चें हमारी जिंदगी है ,हमारी दुनिया है। स्कूल भेजने का सवाल ही नहीं उठता !@मनोज बत्तरा 

दिनांक -11 सितम्बर ,2020 . 
राजपुरा -चंडीगढ़ (पंजाब ). (ईश्वर आज़ाद द्वारा ). 
      
     दिनांक 10 सितम्बर ,2020 के 'दैनिक ट्रिब्यून 'के सम्पादकीय 'सतर्कता संग शिक्षा 'पढ़कर ,वर्तमान में शिक्षा की दशा और दिशा ने ,'बर्बाद इंडिया न्यूज़ 'के मुख्य संपादक और पत्रकार मनोज बत्तरा का ध्यान आकर्षित किया।लेख में बताया गया कि सरकार ने आगामी 21 सितम्बर से ,कक्षा नौवीं से लेकर बारवीं कक्षा तक के छात्रों हेतू स्कूलों को आंशिक रूप से खोलने का मन बनाया है। लेख में कोरोना के वैश्विक -संकट के चलते ,वर्तमान में छात्रों की मनोदशा और चिंताओं का भी जिक्र है। लेख में ,ग्रामीण इलाकों में ख़राब इंटरनेट,बिजली -समस्या ,गरीबी आदि के कारण ऑनलाइन -शिक्षा में आ रही ,रुकावटों को भी प्रमुख रूप से उजागर किया गया है। 



     बत्तरा ने कहा कि देश में यदि कोरोना -केस लाखों में है ,तो एक अभिभावक की हैसियत से ,सरकार के ,इस मूर्खता -पूर्ण फैसले का स्वागत और समर्थन मैं कभी नहीं करूँगा। हमारे बच्चें हमारी जिंदगी है ,हमारी दुनिया है। स्वैछिक विकल्प और अनुमति का प्रश्न ही नहीं उठता। माना कि कोरोना -संक्रमण के बाद ,लागू लॉकडाउन ने देश में शिक्षा के अधिकार के दायरों को संकुचित कर दिया है। पर इस बात की क्या गारंटी है कि बच्चें और स्कूल ,नियमों के पालन में लापरवाही नहीं करेंगे और बच्चों को कोरोना -संक्रमण नहीं होगा। देश में 12000 कोरोना -केसों के आने पर तो बड़ा  लॉकडाउन लगा दिया जाता है और वर्तमान में साढ़े 44 लाख से अधिक कोरोना -केस आने पर ,कई तरह की छूट दी जा रही है -ये आश्चर्यजनक और विचारणीय प्रश्न है। 
     बत्तरा के उक्त आशय का पत्र ,आज 'दैनिक ट्रिब्यून 'के चंडीगढ़ ,करनाल और गुड़गांव तीनो संस्करणों में ,करोड़ों पाठकों हेतू 'ट्रिब्यून 'के सम्पादकीय -पृष्ठ पर ,'आपकी राय 'कॉलम के अंतर्गत प्रकाशित हुआ।बत्तरा का कहना है कि लेखन और पत्रकारिता के इस मुकाम पर ,वे बिना मार्ग-दर्शन और स्वप्रेरणा से पहुंचे है ,जिसके पीछे उनकी वर्षों की अथक मेहनत और समाज के प्रति दायित्व -बोध है।  



    


चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा


9/9/20

शिल्पा के कारण; बत्रा के फ्रिज का मक्ख़न ,थोड़ा कम हुआ !-बर्बाद इंडिया / मनोज बत्रा (एडिटर)

टेली-कॉलिंगनार !

'बर्बाद इंडिया 'की सबसे बड़ी प्रशंसक,शिल्पा  'शैली ',फिर पुरस्कृत !

शिल्पा के कारण; बत्रा के फ्रिज का मक्ख़न ,थोड़ा कम हुआ !

  दिनांक -9  सितम्बर ,2020 
 राजपुरा -चंडीगढ़ (पंजाब ). (शिल्पा 'शैली 'और मनोज बत्रा द्वारा ). 

      रियल और वास्तविक ,उन्हें इंसान कहना अटपटा लग रहा है ,इसलिए रियल और वास्तविक रब जैसे लोगों के अंतर्मन की पहचान ,उनकी आवाज में परिवर्तन से हो जाती है। दरअसल ,वे अंदर से जो, जी रहे होते है ,वो ही उनके चेहरे और आवाज से झलक रहा होता है। आज जब 'बर्बाद इंडिया'की उप -संपादक शिल्पा जी 'शैली'का कॉल आया ,तो उनकी आवाज साफ़ दिखा रही थी ,कि वे अंदर से कुछ उखड़ी हुई -सी थी। इस बात पर, मेरे पूछने पर वे नहीं मानी ,बोली -'नहीं कोई बात नहीं !'यहाँ मैंने उन्हें आवाज सही करने हेतू काढ़ा पीने की सलाह दी !खैर ,बत्तरा साहेब ,तो पूर्व -जन्मों के अंतर्ज्ञान और संस्कारों के धनी है ,अनकही बातें ,कम कही बातों के मर्म को ,गहरे तक समझ जाते है !


व्यक्तिगत कारणों से शिल्पा "शैली " के स्थान पर,प्रतीक -रूप में
अभिनेत्री  शिल्पा शैट्टी का चित्र लगाया गया है !
 


     मैं हैरान तब हुआ ,जब उक्त बात से जुडी बात उन्होंने बोल डाली -'सर ,लगता है इन दिनों आप काफी बिजी रहे ,जो हमारी बात नहीं हुई ,,,,,,पिछले टेलि-कॉलिंगनार का शेष-भाग मैंने पढ़ा !एक-एक बात आपने बड़ी गहराई से ,मर्म के साथ और अंत में निष्कर्ष देकर लिखी !लगता है ,मनोज सर ,आप कागज -पैन साथ रखते हो !'
     मन में उनकी बात सुनकर ,सोच रहा था कि प्यार हो ,दोस्ती हो या फिर कोई भी रिश्ता ,जब आदत बन जाता है ,तो वह अपनी अहमियत खो देता है !'नहीं ,बिजी नहीं था ,कुछ लापरवाही और कुछ संशय के कारण ,आपसे बात नहीं कर पाया !,,,,और जहाँ तक गहराई और मर्म के साथ लिखने का सवाल है ,तो पहले मैं दिये टॉपिक पर लिखता था। पर फिर जीवन के अनुभवों से ,अंतर्ज्ञान हुआ कि नहीं ,दिमाग के साथ दिल से भी लिखो। जो जियो वो लिखो ,ऐसी सच्चाई लिखो ,जो दुनिया के काम आ सके !और खुद में चिंतन -मनन से ,ऐसे निष्कर्ष पैदा करो ,जो आम -जन को ,जीवन की जटिलता में दिशा दे !शिल्पा  जी ,इसी का नाम तो साहित्य है !ऐसा लेखन ,ऐसा साहित्य, जिसमें विश्व का कल्याण और परोपकार छिपा है ! ऐसा साहित्य लिखना-पढ़ना सकारात्मकता पैदा करता है और विश्व-कल्याण और परोपकार की भावनायें ,इंसान को भक्ति की ओर ले जाती है !'
     खैर ,दोस्तों ,जो भी है ,शिल्पा 'शैली जी मेरी और 'बर्बाद इंडिया 'की सबसे बड़ी प्रशंसक है !उनकी स्वादिष्ट आवाज में ,तारीफ सुनकर स्वाद आ जाता है ,मानो ऐसे लगता है ,जैसे कोई बड़ा राष्ट्रिय -पुरस्कार मिला हो ,लिखना सफल हुआ हो !अब शिल्पा जी का सम्मान बनता है, भाई ! मुख्य सम्पादक की हैसियत से मैं उनको   'बर्बाद इंडिया 'की सबसे बड़ी प्रशंसक होने की घोषणा,पुरस्कार सहित करता हूं !
     हमारे बीच का टेलि-कालिंगनार ,अपने पूरे हुस्न पर था।शिल्पा जी बोली -'मेरे बॉस मुझसे बोले ,शिल्पा ,ऐसा आपमें क्या है ,जो काम हम सीनियर होकर भी नहीं कर पाते ,वो आप कर डालते हो !कंपनी के जो ग्राहक किश्तें नहीं भर रहे होते है ,वे आगे -पीछे किश्तें भरने लगते है !'यह सुनकर मैं भी खुश था कि मेरी सखी की ऑफिस में बहुत इज्जत है !खैर,शिल्पा जी ने आगे बॉस से कहा कि 'सर ,कंपनी के ग्राहकों से मेरी बॉन्डिंग अच्छी रहती है,उनकी मजबूरी को समझती हूँ ,किश्त भरने के लिए ,जोर नहीं डालती !सर ,कोई भी समस्या ,सही समय और सही जरिया आने पर ही ,स्वयं  हल होती है !बस ,कंपनी और ग्राहकों को सब्र से काम लेना चाहिए !कंपनी के ग्राहक मुझ पर विश्वास करते है !'उनकी बात बीच में रोक ,उत्सुकता में गलतियां होती रहती है ,मैं बोल पड़ा कि 'विश्वास किया नहीं जाता ,हो जाता है!'
     और इधर मुझे ये भी लग रहा था कि अपने फ्रिज का थोड़ा मक्ख़न आज कुछ और कम करूँ !'दरअसल ,आपकी मधुर और बैलेंस आवाज लोगों पर असर डालती है और वे पॉजिटिव होकर ,एक्टिव हो जाते है !'मैं ये सब उनसे बोला ,मन में यह सब सोचते हुए भी ,कि तैनूं तां निन्द आ जांदी है ,इनहादि ग्लां सुनके ,जिवें सप्प ,सो जांदा है ,बीण दी आवाज तें !
     दरअसल , शिल्पा जी को खुद भी नहीं मालूम ,कि उनकी आवाज में जादू  है ! सुनने वाले में भी ,आवाज की आवृति ,बैलेंस ,मर्म आदि को समझने की शक्ति होनी चाहिए !वैसे तो कोई इंसान पूर्ण नहीं होता ,पर नवजोत सिंह सिद्धू के स्टाइल में कहूं तो,'मोहतरमा ,तुसी कम्प्लीट हो ,सारियां नूं करदे ,पलित्त हो !'भई ,अपनी तो बेहतरीन इंसान वाली तलाश इनसे पूरी हो गयी है !

     "बत्तरा साहब ,बस करो आप !इतनी तारीफ भी कोई मुँह पे करता है ?" 
     -"अरे , पगले मन !मैं तो सखी साहिबा की तारीफ ,फ़ोन  पे कर रहा हूँ !"

चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा



8/31/20

"किसी के जाने से देश नहीं रुकता !वह तो नए चेहरों के साथ ,नयी उम्मीदों व नए प्रयासों के साथ आगे बढ़ता है !"-चीफ एडिटर मनोज बत्तरा /बर्बाद इंडिया न्यूज़।

"धोनी के बिना भारतीय क्रिकेट !"-विषय /दैनिक ट्रिब्यून/ सम्पादकीय- पृष्ठ/ "जन -संसद "कॉलम 

"किसी के जाने से देश नहीं रुकता !वह तो नए चेहरों के साथ ,नयी उम्मीदों व नए प्रयासों के साथ आगे बढ़ता है !"-चीफ एडिटर मनोज बत्तरा /बर्बाद इंडिया न्यूज़। 

दिनांक -31 अगस्त ,2020 .  
चंडीगढ़ (पंजाब ). (ईश्वर आज़ाद द्वारा ). 

     दैनिक ट्रिब्यून ,चंडीगढ़ के मुख्य संपादक श्री राज कुमार सिंह ने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने वाले महेंद्र सिंह धोनी ,क्रिकेट जगत में ऐसे कप्तान रहे है ,जिनके नेतृत्व में भारतीय टीम ने क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में सफलता की ऊंचाइयों को छुआ ! उनकी कप्तानी ने टीम को ,टेस्ट क्रिकेट में पहली बार नंबर एक बनाया !सही मायनों में ,धोनी की विदाई से क्रिकेट की दुनिया में ,एक करिश्माई युग का अंत हुआ !
     पूर्व में,दैनिक ट्रिब्यून द्वारा,अपने सम्पादकीय- पृष्ठ पर , "जन -संसद "कॉलम के अंतर्गत "धोनी के बिना भारतीय क्रिकेट "विषय पर प्रबुद्ध व विचारशील पाठकों और बुद्धिजीवियों से विचार आमंत्रित किये गए थे !

Happy Birthday MS Dhoni India s Captain cool turns 39 i know 10 facts about mahendra  singh dhoni - HAPPY B'DAY Mahi: 39 साल के हुए महेंद्र सिंह धोनी, पढ़ें उनसे  जुड़ी 10 बड़ी बातें

     "बर्बाद इंडिया "के चीफ एडिटर और वरिष्ठ पत्रकार मनोज बत्तरा ने भी उक्त विषय पर अपने विचार भेजें !बत्तरा ने कहा कि "इसमें कोई दो राय नहीं ,कि धोनी साहब ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में भारत को ऊंचाइयों पर कई आयाम दिए! अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा ,उनका निजी फैसला है !पूरे देश को उनकी भावनाओं और फैसले का सम्मान करना चाहिए!रही बात उनके बिना भारतीय क्रिकेट की दशा की ,तो मुझे पूर्व राष्ट्रपति स्व .अब्दुल जी कलाम साहब के शब्द याद आ रहे है कि "इन्तजार करने वालों को ,सिर्फ उतना ही मिलता है ,जितना कोशिश करने वाले ,अक्सर छोड़ देते है !" पर यहाँ कलाम साहब के कहने के भाव कुछ और थे !लेकिन यहाँ मैं कहना चाहूंगा कि किसी के जाने से देश नहीं रुकता !वह तो नए चेहरों के साथ ,नयी उम्मीदों व नए प्रयासों के साथ आगे बढ़ता है !बहुत सारे उत्साही लोग ,इस इन्तजार में रहते है कि कब उन्हें मौका मिले ,देश और परिवार का नाम रोशन करने का !धोनी का करिश्माई युग ,क्रिकेट जगत में प्रेरणा बनेगा ,नए आयाम स्थापित करेगा !ये बात दूसरी है कि धोनी की कमी, अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सदैव खलेगी और उनका योगदान सदैव याद किया जाता रहेगा !" 
     हालाँकि बत्तरा के विचार जन -संसद में साझा राय नहीं बना पाएं,जबकि उनके विचार प्रासंगिक तो है ही ! 


चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा





8/21/20

जल -विवाद के चलते ,बिजली का अवैध खम्बा,पंजाब -हरियाणा में आग लगा सकता है !@पत्रकार मनोज बत्तरा/-बर्बाद इंडिया / मनोज बत्रा (एडिटर)

जल -बंटवारे पर केंद्र को डराने वाले ,पंजाब -मुख्यमंत्री सहित हरियाणा -मुख्यमंत्री को, जब लोक -हित में ,पत्रकार /देशभक्त मनोज बत्तरा ने अप्रत्यक्ष डराया !...... 

जल -विवाद के चलते ,बिजली का अवैध खम्बा,पंजाब -हरियाणा में आग लगा सकता है !@पत्रकार मनोज बत्तरा

21 अगस्त ,2020 . 
राजपुरा (पंजाब ). (ईश्वर आज़ाद और मनोज बत्तरा द्वारा ). 

     भले ही पिछले दिनों केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ, वीडियो कॉन्फ्रेंस में, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा केंद्र सरकार को डराने की अप्रत्यक्ष कोशिश हुई !उन्होंने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को सचेत रहने की अपील करते हुए कहा कि यदि एस वाई एल(सतलुज -यमुना लिंक नहर )का पानी साझा किया गया ,तो कम पानी वाला पंजाब जलने लगेगा(हिंसक विरोध -प्रदर्शनों के कारण, उनका इशारा था!) और यह राष्ट्रीय समस्या बन जाएगी !यह मुद्दा देश की सुरक्षा को भंग करने की संभावना रखता है !40 साल पुराने इस मुद्दे से पंजाब में और
अ िस्थरता आएगी,पहले ही पंजाब, पाकिस्तान और अलगावादी सिख फॉर जस्टिस संस्था से खतरे में है !


Captain Amarinder Singh submits his resignation to Speaker - The ...
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह 


     पर पूर्व का एक अतिसंवेदनशील स्थानीय मुद्दा ,ऐसा भी है ,जिसमें पत्रकार और साहित्यकार मनोज बत्तरा द्वारा पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर को अप्रत्यक्ष रूप से डराकर ,मसला दो बार हल किया गया !इस मुद्दे से पंजाब की कांग्रेस सरकार के खिलाफ ,विपक्ष को विधान सभा में घेरने का मुद्दा हाथ लग जाता !पंजाब के साथ हरियाणा के लोग भी मर सकते थे,मर सकते है !हरियाणा ,पंजाब पर उसके लोगों को मारने का आरोप लगा सकता था,है  !और यदि ऐसा होता ,तो संविधान का बहुत बड़ा संकट पैदा हो सकता था,है !
     दरअसल राजपुरा ,पंजाब के एक गांव कुलदीप नगर में एक बिजली का खम्बा ,इस प्रकार मुड़ा हुआ था ,कि बिजली की हाई -वोल्टेज तारें धीरे -धीरे ,जमीन से 6 -7 फुट ऊपर तक आ गई थी !ये खम्बा नियमों को ताक पर रखकर ,किसी के खाली प्लॉट में ,एक शोरूम को पीछे से बिजली की सप्लाई देने हेतू खड़ा किया गया है !लापरवाही आदि के चलते ,इन तारों के नीचे से गुजरने से ,एक स्कूल -बस के बच्चें और एक कंटेनर का ड्राइवर मरते -मरते बचें !इन लटकती तारों के ऊपर अक्सर चिड़िया ,कौवें ,कबूतर आदि भी बैठकर ,जब उठकर उड़ते है ,तो ख़तरनाक़ तरीकें से ,स्पार्किंग तारों पर ,इधर से उधर दौड़ती है !(पुराना फाइल वीडियो संलग्न है !)




     पत्रकार और साहित्यकार मनोज बत्तरा ने बताया ,कि आज भी दिक्कत ये है ,कि बारिशों के दिनों में और प्राय इन हाई वोल्टेज तारों के नीचे पानी भरा रहता है !ये पानी एक गंदे नाले  और गंडाखेड़ी नहर से जुड़ा हुआ है !गंडाखेड़ी नहर आगे हरियाणा में चली जाती है !प्रॉपर बारिशों के दिनों में कच्चे में खड़े इस खम्बें के फिर से गिरने के चांस है !यदि ये खम्बा गिर जाता है या स्पार्किंग से तारें टूट कर ,गिर कर नीचे के पानी के संपर्क में आ जाती है ,तो गंडाखेड़ी नहर या आगे लिंक नहर में नहाने वाले पंजाब -हरियाणा के लोग ,बच्चें ,पशु ,खेतों में काम कर रहे किसान -मज़दूर आदि करंट से  मर सकते है !चूँकि पंजाब और हरियाणा के बीच जल -विवाद चल रहा है ,हरियाणा के लोगों के मरने की िस्थति में  हरियाणा ,पंजाब पर उसके लोगों को मारने का आरोप लगा सकता है !और यदि ऐसा होता है  ,तो दोनों राज्यों के झगडे के कारण ,संविधान का बहुत बड़ा संकट पैदा हो सकता है !


Haryana CM Manohar Lal Khattar meets PM Modi
हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर ,प्रधानमंत्री मोदी जी के साथ!


     बत्तरा ने आगे कहा कि दोनों राज्यों के बीच कोई संवैधानिक संकट आदि न हो ,इसीलिए एक जागरूक ,देशभक्त नागरिक होने का कर्तव्य निभातें हुए उन्होंने , उक्त आशय से सम्बंधित पत्र ,दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री को पहले भी भेजकर ,लोगों की जान-माल की रक्षा के लिए ,दो बार ये खम्बा और लटकती तारें उन्होंने ठीक करवाई है !पर सम्बंधित विभाग में भर्ष्टाचार इतना है कि कोई इस खतरनाक खम्बें को ,स्थाई रूप से नहीं हटवाता !समस्या फिर विकटता की और जा रही है !

चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा








7/31/20

कोरोना -वॉरियर्स डॉ.मनजीत सिंह ,अपने निःस्वार्थ कार्यों हेतू पुरस्कृत !-बर्बाद इंडिया / मनोज बत्रा (एडिटर)

बंदा रब का दास है !क्षेत्र का बड़ा ख़ास है !!

 कोरोना -वॉरियर्स डॉ.मनजीत सिंह ,अपने निःस्वार्थ कार्यों हेतू पुरस्कृत !

30 जुलाई ,2020 . 
कुलदीप नगर ,राजपुरा(पंजाब ). 
(ईश्वर आज़ाद और मनोज बत्तरा द्वारा ).

     कुलदीप नगर और आस-पास के एरिया के मशहूर डॉक्टर मनजीत सिंह ,इलाके का जाना-माना नाम है !ये नाम ऐसे ही नहीं बना !इसके पीछे उनकी काम के प्रति गहरी लगन, मेहनत और समाज के प्रति सेवा का उनका  भाव है! 
     अब समाज और देश की तरक्की और सेवा तो कोई रब का बंदा ही सोच सकता है !जी हाँ ,पंजाब के इतिहास में बेहद रुचि रखने वाले ,डॉक्टर मनजीत रब के दास भी है !रब के वजूद में विश्वास रखते है और गुरुद्वारों ,मंदिरों आदि धार्मिक स्थलों में दर्शन ,प्रसादा छकना और सेवा करना आदि इनके नियमित कार्य और व्यवहार है !
     डॉक्टर मनजीत इलाके के लोगो के बीच अपनी अच्छी पकड़ रखते है !प्यार और सम्मान से लोग, उन्हें उनके निक नेम "डॉक्टर बिल्ला "से कहकर पुकारते है !लोगों का विश्वास उनके द्वारा किये गए निःस्वार्थ कार्यों के कारण भी है !पिछले दिनों उन्होंने एक नाली साफ़ करने वाले, बेहद गरीब व्यक्ति के माथे पर उगे हानिकारक फोड़े का ऑप्रेशन ,अपने और कुछ साथियों के पैसों से मिलकर करवाया !गरीबों को मुफ़्त दवाइयां तक बाँट देते है,डॉक्टर मनजीत !


मोहमद खलील नाली वाला 

     कोरोना -काल में भी डॉक्टर मनजीत सिंह ,"डॉक्टर लाल पैथ लेब" की टीम के साथ,अपनी जान की परवाह किये बिना, जुड़े हुए कार्य कर रहे है !वे सचमुच कोरोना वॉरियर्स है !रक्त -दान कैम्प हो या कोई भी चेकअप- कैम्प या समाज की सेवा का कार्य ,वे अपना योगदान बनाए रखते है !डेंगू तो इनसे डरता है !डेंगू के बहुत सारे मरीज इन्होने ठीक किये है!




डॉक्टर मनजीत अपना प्लेटलेट्स किसी
 अनजान व्यक्ति को दान करते हुए !

      डॉक्टर मनजीत सिंह एक कवि ,लेखक, स्वतंत्र पत्रकार और एक सामाजिक प्राणी भी है !"लक्कड़ -छक्क्ड़ जोड़कर ,मैंने कंप्यूटर- सेंटर बनाया !"नामक कविता उनके कवि -रूप की बेहतरीन मिसाल है !जन्म-दिन ,मुंडन ,सगाई ,विवाह हो या किसी का भोग ,डॉक्टर साहेब ,वहाँ पहुँच कर अपना सामाजिक कर्तव्य अवश्य निभाते है!
     डॉक्टर मनजीत एक प्यारी -सी बिटिया के पिता भी है !जीवन में बेटियों की अहमियत समझने के कारण ही ,वे  "बेटी बचाओं ,बेटी पढ़ाओं "मुहिम के सख्त हिमायती है !






      उन्होंने बताया कि वे गांव में रेड क्रॉस संस्था को लाने के इच्छुक है ,ताकि गांव के युवा समाज और देश-सेवा से जुड़ सकें !



     पूर्व में एक सामाजिक संस्था द्वारा डॉक्टर मनजीत का सम्मान किया गया !"बर्बाद इंडिया "भी अपने सामाजिक-दायित्व को समझता है !इसीलिए डॉक्टर मनजीत को उत्साहित करने के लिए ही ,उनके सामाजिक- कार्यों और निःस्वार्थ सेवाओं के लिए ,पुरस्कृत किया जा रहा है !डॉक्टर मनजीत सिंह को "बर्बाद इंडिया"की संपादक- टीम की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं !

चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा


7/28/20

शिल्पा "शैली "पुरस्कृत और "बर्बाद इंडिया "की को -एडिटर नियुक्त !-बर्बाद इंडिया / मनोज बत्रा (एडिटर)

सम्पादकीय- 


आचार्य मनोज बत्तरा के कीपैड से !


उच्च मानवीय गुणों की स्वामिनी शिल्पा "शैली "पुरस्कृत और "बर्बाद इंडिया "की को -एडिटर नियुक्त !

27 जुलाई ,2020 . 
चंडीगढ़ (पंजाब ). (चीफ एडिटर मनोज बत्तरा द्वारा ). 

     प्रिय पाठकों !मेरा मानना है कि आपके जीवन में जिस इंसान ने अपनी भूमिका निभानी होती है ,उसे परिस्थितियाँ आपके जीवन में अवश्य लेकर आती है!जीवन में हर एक चीज का समय कुदरत ने पहले से ही निश्चित कर रखा है !फिर अच्छी व बुरी आत्माएं अपना -अपना समूह बनाकर इस दुनिया में कार्य करती है और इस जन्म के या पूर्व जन्मों के कर्मफल हमारे आगे आते रहते है!अब यहाँ कर्म-बंधन से मुक्ति अलग आध्यात्मिक विषय है!


व्यक्तिगत कारणों से शिल्पा "शैली " के स्थान पर,प्रतीक -रूप में
अभिनेत्री  शिल्पा शैट्टी का चित्र लगाया गया है ! 

     मेरे जीवन की परिस्थितियाँ शिल्पा "शैली"जी को, मेरे जीवन में सहजता और प्रभावशाली ढंग से लेकर आई !मानो ,उनका मेरे जीवन में आना पहले से ही तय था !
     विषम और प्रतिकूल परिस्थितयों में भी सकारात्मक ,पॉज़िटिव सोच के साथ ,निरंतर सतत ,ठोस प्रयास का उच्च सन्देश उन्होंने मुझे दिया !शिल्पा "शैली"जी के वाक्यों को ईश्वरीय सन्देश मानकर ,मैंने जब अमलीजामा पहनाया ,तब काफी हद तक परेशानी से मुक्ति भी हो गई !
     शिल्पा "शैली "जी का सहयोगात्मक रवैया ,अपनत्व ,मानवता ,दर्शन ,जीने की कला ,मातृत्व ,कर्तव्यनिष्ठा ,मृदुल वाणी,ईश्वर के प्रति भक्ति-भाव ,अपने जीवन में मर्यादा (राम )और आर्ट ऑफ़ लिविंग (कृष्ण )का सामंजस्य और उनका सुलझा व्यक्तित्व आदि ईश्वर -रुपी शिल्पकार का, उनके रूप में शिल्प ही तो है!सचमुच,वे उच्च मानवीय गुणों की स्वामिनी है !मैं तो भई ,उनसे बेहद प्रभावित हूँ और नतमस्तक हूँ ,उनके दिव्य व्यक्तित्व के आगे !
     शिल्पा "शैली "जी के महान व्यक्तित्व से प्रभावित होकर ही ,मैंने उन्हें पुरस्कृत करने का निर्णय लिया है ! सम्मान -स्वरूप उन्हें एक पत्रिका भेंट की जा रही है तथा शिल्पा "शैली "जी को "बर्बाद इंडिया "के संपादक -मंडल में को -एडिटर नियुक्त किया जा रहा है !ताकि शिल्पा जी समाज को सही और सकारात्मक दिशा देने में ,अपनी अहम भूमिका निभा सकें !
     शिल्पा "शैली"जी की रचनात्मकता ,सृजन और सकारत्मकता के नवीन व विविध आयाम स्थापित करेंगी ,ऐसा मेरा विश्वास है ! 


चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा





7/26/20

मशहूर टीवी एंकर चित्रा त्रिपाठी (आज तक ) का चैनल के दायरों में दम घुटता है ?पत्रकार मनोज बत्तरा से हुई बातचीत !-बर्बाद इंडिया / मनोज बत्रा (एडिटर)

भारत में पत्रकारिता -जगत की दयनीय हालत!

मशहूर टीवी एंकर चित्रा त्रिपाठी (आज तक ) का चैनल के दायरों में दम घुटता है ?पत्रकार मनोज बत्तरा से हुई बातचीत !

25 जुलाई ,2020 .
नई दिल्ली। (ईश्वर आज़ाद और चीफ एडिटर मनोज बत्रा द्वारा ).

     पिछले दिनों भारत की मशहूर टीवी एंकर चित्रा त्रिपाठी (आज तक )और "बर्बाद इंडिया "के चीफ एडिटर ,पत्रकार ,साहित्यकार और फिल्म -निर्देशक मनोज बत्तरा की बातचीत हुई !बातचीत में एंकर के अंदर का दर्द और भारत में पत्रकारिता -जगत की दयनीय हालत साफ़ झलक रही थी !




     बातचीत के प्रमुख अंश प्रस्तुत है :-

     चित्रा त्रिपाठी -"पॉजिटिव और सच्ची ख़बरों के लिए मैंने 'सच्ची खबर'नाम से एक वेबसाइट शुरू की है !मुझे आशा है कि इसे आप ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचायेंगे !"
     मनोज बत्तरा -"चित्रा ,मन में जिज्ञासा है कि इस ब्लॉग /वेबसाइट की आपको जरूरत क्यों पड़ी ?इसका कोई विशेष महत्त्व /उपयोगिता भी है ?इतना समय कैसे निकाल लेती है आप ,इन सब के लिए ?आखिर लक्ष्य क्या है आपका ?"
     चित्रा त्रिपाठी -"चैनल या कम्पनी में, एक दायरें में काम करना पड़ता है!अपने स्वतंत्र विचारों के लिए ही एक वेबसाइट शुरू की है !"
     मनोज बत्तरा -"क्या सचमुच ,आपके कहने का अर्थ है कि मीडिया के दायरों में आपका दम घुटता है ?.....असंगठित मीडिया के दायरों में आपका दम घुटना ,मेरी नज़र में ,भारतीय लोकतंत्र की एक असाधारण घटना है!मेरी सोच से भी ,बहुत ज्यादा बुरा हाल है ,लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ 'मीडिया 'का!क्या बनेगा मेरे बर्बाद इंडिया का ?"
      इस बातचीत को विराम देते हुए बत्रा ने ,चित्रा को उनके बारें में कहा -"स्वतंत्र विचारों की अभिव्यक्ति ,आपमें परोपकार ,दया ,उदारता ,विश्व -कल्याण ,समानता ,प्रेम ,श्रद्धा ,भक्ति आदि उच्च मानवीय गुणों को दर्शाती है !अद्भुत आपका व्यक्तित्व बाहर से दिखता था ,पर अंदर से भी है!.... आपके भीतर की मातृशक्ति और मानवता के आगे नतमस्तक होना चाहूँगा !नमन और हार्दिक अभिवादन ! 


चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा




7/11/20

दैनिक ट्रिब्यून द्वारा पत्रकार मनोज बत्तरा पुरस्कृत !-बर्बाद इंडिया /मनोज बत्रा (एडिटर )

दैनिक ट्रिब्यून द्वारा पत्रकार मनोज बत्तरा पुरस्कृत !

10 जुलाई,2020.
राजपुरा (पंजाब ).(ईश्वर आज़ाद द्वारा ).

     दैनिक ट्रिब्यून,चंडीगढ़ द्वारा ,बर्बाद इंडिया  न्यूज़ के मुख्य संपादक,फिल्म-निर्देशक,पत्रकार व साहित्यकार  मनोज बत्तरा को सम्मान दिया गया।



     सम्मान-स्वरूप, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री तथा महामहिम राज्यपाल से सम्मानित, डॉक्टर मधुकांत के लघु-कथा-संग्रह"तूणीर " की पुस्तक भिजवाई गई !






   यह पुस्तक दैनिक ट्रिब्यून ,चंडीगढ़ के मुख्य संपादक श्री राज कुमार सिंह द्वारा, अपने प्रमाणित हस्ताक्षर के साथ, बत्तरा को भिजवाई गई।



      आपको जानकारी दें दें कि दैनिक ट्रिब्यून के संपादक द्वारा ,अपने सम्पादकीय -पृष्ठ पर "जन -संसद" नामक कॉलम के लिए, प्रबुद्ध और विचारशील पाठकों से "चीनी उत्पादों के बहिष्कार की तार्किकता "  विषय में विचार आमंत्रित किये थे।
       अपने विचारों के अंतर्गत ,बत्तरा ने चीनी -सामान के बहिष्कार की पुरजोर वकालत की और इस बात पर जोर दिया कि चीनी -सामान का ,जनता से पहले सरकार बहिष्कार करें।
       यहाँ यह जानना भी जरूरी है कि इस पत्र के प्रकाशित होने से पहले ही ,भारत सरकार ने ,भारत की सम्प्रभुता और रक्षा का बहाना बनाकर ,चीन के बहुत सारे एप्प प्रतिबंधित करके ,गलवान घाटी में ,चीन से झड़प में शहीद हुए सैनिकों का बदला ले लिया। 
       6 जुलाई,2020 को बत्तरा के विचारों के आशय का सम्पादित और संक्षिप्त पत्र ,पुरस्कृत पत्र के रूप में,दैनिक ट्रिब्यून के चंडीगढ़ ,करनाल और गुड़गांव संस्करण में  प्रकाशित हुआ।




     बहुत बड़ी सर्कुलेशन वाले और बेहद सम्मानित पत्र "दैनिक ट्रिब्यून" से सम्मान पार कर ,बत्तरा बेहद उत्साहित और प्रफुलित है। वे दैनिक ट्रिब्यून के संपादक -मंडल के हृदय से आभारी है।


मनोज बत्तरा  का विस्तृत -पत्र -


चीनी उत्पादों के बहिष्कार की तार्किकता !



चीनी सामान का, जनता से पहले सरकार बहिष्कार करें!-आचार्य मनोज बत्रा 

India said tata-byebye to Chinese products by boycotting it


     देश में चीनी सामान के बहिष्कार की मांग समय -2 पर ,पूर्व में उठती रही है !क्योंकि बहुत सारे लोग स्वदेशी सामान के उपयोग को निश्चित करके ,भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देना चाहते है!आज वर्तमान में ,गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों की घात लगाकर,चीनी सैनिकों द्वारा निर्मम हत्या,उनकी शहादत ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया !

हर कोई दुत्कार रहा चीन में बने ...

    फलस्वरूप प्रत्युत्तर में ,चीनी सामान के बहिष्कार की मांग ,भारत में जोर पकड़ रही है !
  क्या इस दिशा में सरकार के पास कोई ठोस नीति है ?इस प्रश्न के जवाब में यही कहा जा सकता है कि नहीं है !क्योंकि सरकार का पूर्व व्यवहार इस पक्ष में दिखाई नहीं देता !वीवो जैसी कम्पनी को लगभग 441 करोड़ के कंटरोपट /टेंडर दिए जाते है ! पटेल की मूर्ति तक चीन से मंगवाई जाती है !ये मूर्ति देश में बन सकती थी !

OLX पर 'स्टेच्यू ऑफ यूनिटी' को बेचने ...

  क्या हम चीनी सामान का विकल्प दे सकते है ?शायद समान विकल्प नहीं दे सकते !कुछ विभिन्न उत्पादों के लिए अनुपलब्ध कच्चा माल,चीन से ज्यादा प्रोडक्शन ऑफ़ कास्ट,उच्च क्वालिटी और उच्च टेक्नोलॉजी का आभाव ,पर्यावरण व श्रम कानूनों का सख्त होना तथा शिथिल प्रशासन आदि इसके पीछे के कारण है!
  क्या लोग सस्ते का मोह छोड़कर ,देसी उत्पादों को प्राथमिकता देंगे ?देखिए ,जब प्रश्न देश -भक्ति का होता है ,मातृभूमि का होता है ,तो देशभक्त जनता सस्ते का मोह नहीं करेंगी !  देसी उत्पादों को प्राथमिकता जरूर देगी ! परिणाम आने शुरू तो हो गए है !बहुत सारे लोगो ने चीनी एप्स डिलीट किये है !

RepublicDay2019: आज भी दिल को छू लेते हैं ये ...

  और अगर देश में स्वदेशी वस्तुओं के अधिकतम उपयोग का कानून बन जाये !कम आर्थिक -विषमता हो !धन का समान वितरण हो !प्राकृतिक संसाधनों पर समाजवादी व साम्यवादी दृष्टिकोण हो !भ्र्ष्टाचार खत्म हो ,तो देश आर्थिक रूप से सबल बन जायेगा !
    किन्तु "जैसा राजा ,वैसी प्रजा"वाली कहावत को भी नहीं भूलना चाहिए !यदि सरकार चीनी सामान के बहिष्कार की पहल नहीं करेंगी ,तो हममें से बहुत सारे भोले-भाले लोग ,स्वदेशी के महत्व को समझ नहीं पाएंगे !भारत सरकार को चाहिए कि वीवो सहित समस्त चीनी कंपनियों के कंटरोपट ,टेंडर रद्द करें !चीनी सामान के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाएं ! 
   निष्कर्षः चीन को सबक सीखने के उद्देश्य से ,आर्थिक चोट पहुँचाने के लिए ,भारत सरकार को ,जनता से पहले बहिष्कार करना होगा !

Modi should learn from Nehru to improve india-china relations ...


चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा


  

7/8/20

विकास दुबे जैसे अपराधियों को राजनितिक सांठ -गांठ पर कैसे रोक लगे ?-बर्बाद इंडिया /मनोज बत्रा (एडिटर )

सम्पादकीय- 

आचार्य मनोज बत्तरा के कीपैड से !


अपराधियों को राजनितिक -संरक्षण /सांठ -गांठ पर कैसे रोक लगे ?

     कुख्यात अपराधी विकास दुबे द्वारा, कानपुर में एक डी एस पी समेत आठ पुलिसकर्मियों की निर्मम हत्या का दुस्साहस,अपराधियों का राजनितिक सांठ-गांठ  स्पस्ट करता है। समय-समय पर कोर्ट और चुनाव- आयोग इस दिशा में पहल करते रहे है, किन्तु राजनितिक दलों की इच्छा- शक्ति के बिना, तमाम कोशिशें  विफल रही है!

vikas dube के लिए इमेज परिणाम

      एक विद्वान ने कहा था कि अपराधी जन्मजात नहीं होते ,बल्कि बनाये जाते है !बहुत सारे कारण  है ,जिनसे अपराधी बन जाते है या बनायें जाते है !जैविक- कारण ,मनोवैज्ञानिक -कारण ,गरीबी ,बेरोजगारी ,भौतिकवाद ,जटिलताएं,आगे बढ़ने की होड़ ,धन-तन-पिपासा ,अतिमहत्वांक्षा आदि ही ऐसे ही प्रमुख कारण है !अपराधियों को मुख्यतया चार श्रेणियों -स्वाभाविक ,सामान्य ,मशीनरी और सफेदपोश अपराधी ,में बांटा जा सकता है !सर्वप्रथम ,सकारात्मक वैचारिक -क्रांति के साथ-साथ ,निश्चित रूप से व्यवस्था और नीतियों में परिवर्तन करके ,इन कारणों को कम करना होगा ,ताकि अधिकांश अपराधी बने ही न !




    इसके पश्चात ,अपराध और अपराधी को पनपने ही न दिया जाये !इसके लिए प्रशासन और कानून को हाईटेक  व सख्त होना होगा !सविंधान में परिवर्तन करके ,पुलिस को राज्य -सूची के साथ ही ,केंद्र -सूची में भी डालने की आवश्कयता है ! स्थानीय -स्तर पर राज्य -पुलिस ,केंद्रीय -बल ,सरकारी गुप्तचर-विभाग ,सम्बंधित NGO और सामाजिक-कानूनी संस्थाओं आदि के प्रतिनिधियों व सदस्यों को संयुक्त -रूप से संगठित कर ,प्रशासनिक गतिविधियों को पारदर्शी रूप में अंजाम देना होगा !अपराधियों में  इस संयुक्त -प्रशासन और सख्त कानून का डर भी अपराध पर निश्चित रूप से अंकुश लगाएगा !

www.ujalahiteshiexpress.com/admin_privacy/image...


   अब मुख्यता ,अपराधियों को राजनितिक -संरक्षण /सांठ-गांठ पर कैसे रोक लगे ?इसके लिए ,एक ऐसे कानून के निर्माण और शत -प्रतिशत क्रियावन्यन की अतिआवश्यकता है ,जो स्वच्छ राजनीति  के लिए, ईमानदार और स्वच्छ छवि वाले ,पढ़े -लिखे देशभक्त लोगों को ही मुख्यता ,लोकतान्त्रिक परम्पराओं और मूल्यों का हिस्सा बनायें !यहाँ सविंधान की मूल -भावना और उदेश्यों का भी ध्यान रखा जाएँ!



   साथ ही राष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट की शक्तियों में भी वृद्धि की जाये,कि यदि सरकार ,विपक्षी-दल या अन्य दल /संस्था /संगठन आदि भर्ष्टाचार व आपराधिक गतिविधियों या अपराधियों को संरक्षण/सांठ-गाँठ में लिप्त पाया जाता है ,तो उनकी तुरंत बर्खास्ती हो!उनकी चल-अचल संपत्ति जब्त की जाएँ और उन पर आपराधिक व देश-द्रोह का मुकदमा चलाया जाये !और ऐसे केसों में त्वरित फैसला हो!




चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा





7/6/20

तेल के दामों में कमी का लाभ जनता को क्यों नहीं ?-बर्बाद इंडिया /मनोज बत्रा (एडिटर )

सम्पादकीय- 


आचार्य मनोज बत्तरा के कीपैड से !


तेल के दामों में कमी का लाभ जनता को क्यों नहीं ?
    
  Fuel Price: Petrol and diesel prices reduced again due to fall in ...  

     बजट -निर्धारण में धन -आगमन और विभिन्न क्षेत्रों के विकास व लोक-कल्याणकारी योजनाओं आदि पर व्यय ,सब निश्चित होता है। सैद्धांतिक रूप और आर्थिक -दृष्टिकोण से ,सरकार आय -व्यय के असंतुलन पर ,घाटे की अर्थव्यवस्था को अपनाती है और प्राय उसका प्रयास रहता है कि वह इस घाटे की अर्थव्यवस्था को कम से कम अपनाएं। 
     इसके साथ ही ,व्यावहारिक रूप से ,सरकार की सोच यह भी रहती है कि वह लोक -कल्याणकारी योजनाओं को भी बजट के अनुसार चलाएं ,न कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमतों के उतार -चढ़ाव के रहते ,जनता को अतिरिक्त लाभ पहुंचायें !क्योंकि इसके पीछे कहीं न कहीं सरकार की सोच ,प्राय लोक -कल्याणकारी होते हुए भी ,व्यापारिक रहती है। वह अपना राजस्व कम कर ,बजट को प्रभावित नहीं होने देती !वह अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमतों के गिरने का लाभ उठाते हुए ,राजस्व बढ़ाती है और घाटे की अर्थव्यवस्था को कम करती है।फलस्वरूप जनता को ये वाले लाभ मिल नहीं पातें !

Gold And Silver Rate On 8th June 2020, Bullion Rates In Major ...

    और सरकार के इस व्यावहारिक रूप का दूसरा पक्ष भी है!अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमतों के बढ़ने पर ,सरकार दोहरापन दिखाती है। वह जनता पर बढ़ी कीमतों का बोझ डाल देती है!जोकि नैतिक नहीं है !बस यहीं से सरकार पर ऊँगली उठनी शुरू हो जाती है। इसके पीछे भी दो कारण समझ आते है - सरकार द्वारा राजस्व बढ़ाना और घाटे की अर्थव्यवस्था को कम करना !पर अगर सूक्ष्म -रूप से विचार किया जाएँ ,तो संभवतः राजस्व बढ़ाने के विकल्प  व संसाधनों की कमी ,भर्ष्टाचार ,आर्थिक -नीतियां ,आर्थिक -विषमता,उपनिवेश और एक सम्रग आर्थिक दृष्टिकोण आदि सरकार के जनता के प्रति सौतेले व्यवहार के प्रमुख कारण है! 
    एक लोक-कल्याणकारी सरकार को संविधान के लोक-कल्याणकारी नीति -निर्देशक तत्वों का स्वेच्छा से पालन करना चाहिए। सरकार को चाहिए कि तेल के दामों में अनावश्यक वृद्धि करने और आम जनता पर अनावश्यक कर लगाने से बचना चाहिए। अन्यथा ,विशेषतः किसानों की परेशानियां बढ़ेगी और आम जनता को महंगाई की मार झेलनी पड़ेगी। अंतर्राष्ट्रीय परिस्थितयों में देश को आज उदार नीति की आवश्यकता है। 

  किसान क्यों रो रहे हैं प्याज़ के ...
    
  
चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा



     

6/30/20

"बर्बाद इंडिया" के प्रमुख लिंक !-चीफ एडिटर -मनोज बत्तरा

"बर्बाद इंडिया" के प्रमुख लिंक !




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6/29/20

15 देशों में ,"बर्बाद इंडिया "के बढ़ते कदम !हमारे उद्देश्य व जानकारी !-बर्बाद इंडिया /मनोज बत्रा (एडिटर )

हमारे बारे में व सम्पर्क !

     ई ,2020 ईसवी में प्रारम्भ हुआ, ऑनलाइन न्यूज़ वेबपोर्टल -"बर्बाद इंडिया, "अपने शीर्षक- नाम ,शैली ,विविधता आदि कई कारणों से ,बड़ी तेजी के साथ भारत सहित ,दुनिया के विभिन्न देशों में पसंद किया जा रहा है! 




मुख्य-संपादक आचार्य मनोज बत्तरा के विषय में !

     "बर्बाद इंडिया "के मुख्य संपादक आचार्य मनोज बत्तरा है!पूर्व -जन्म के संस्कारों से उनका व्यक्तित्व निर्मित है !सतयुग में वे एक साध्वी थे !अब पुनः जन्म में पूर्वाभास ,दिव्याभास ,प्रेम ,भक्ति परोपकार ,विश्व-कल्याण आदि उनके जीवन के अविश्वनीय सच है !वे मुख्यत :एक विचारक ,दार्शनिक और नवीन विश्व के स्वप्न -द्रष्टा है !
     वे लेखन ,संपादन ,साहित्य ,स्वतंत्र पत्रकारिता ,अध्यापन ,फिल्म -निर्देशन और समाज-सेवा आदि क्षेत्रों से जुड़ें रहे है !








     हिंदी -उर्दू -साहित्य और फिल्मस की विभिन्न विधायें -लेख ,सम्पादकीय ,लघु कथा ,आत्मकथा ,उपन्यास ,कविता ,गीत ,ग़ज़ल ,शेरों -शायरी ,डायरी ,नाटक ,फिल्म -पटकथा ,संवाद,निर्देशन आदि उनकी प्रमुख विधाएँ है !


       अमर उजाला ,दैनिक जागरण ,दैनिक ट्रिब्यून ,दैनिक शाह टाइम्स,दैनिक मुज़फ्फरनगर बुलेटिन ,उत्तम बुलेटिन ,विज्ञान प्रगति ,समय की धारा  आदि विभिन्न 20 से अधिक पत्र -पत्रिकाओं से वे जुड़े रहें !








हमारा उद्देश्य !

     1 . झूठी और व्यावसायिक पत्रकारिता आदि से दूर रहते हुए ,देश की सच्ची तस्वीर प्रस्तुत करना !



     2. कम पढ़े -लिखें लोगों ,सामान्य जनता और क्रन्तिकारी विचारों वाले व्यक्तियों को स्वतंत्र -पत्रकारिता,संपादक को पत्र -लेखन  और समाज-सेवा से जोड़ना तथा उन्हें मीडिया की शक्ति और स्टेटस का अनुभव कराना !





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