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11/5/20

इंडिया टाइम्स हिंदी का इंटरनेट पर वीडियो हुआ वायरल ! उड़ने वाली कार में; अब मनाइये हनीमून !-बर्बाद इंडिया न्यूज़ / मनोज बत्रा (एडिटर)

आश्चर्यजनक 

इंडिया टाइम्स हिंदी का इंटरनेट पर वीडियो हुआ वायरल !

उड़ने वाली कार में; अब मनाइये हनीमून !

  नई दिल्ली ,4 नवंबर ,2020 . (मनोज बत्तरा द्वारा ). 

     कुदरत अपने चमत्कारों से तो मानव को आश्चर्यचकित करती ही है,विज्ञान भी उसे विस्मित करने में ,कोई कसर नहीं छोड़ता !आवश्कयता अविष्कार की जननी होती है ,ये बात विज्ञान -जगत अच्छे से समझता है ,शायद इसीलिए वह मानव -जाति की इच्छाओं,सपनों और उसके सुगम जीवन आदि का सम्मान करते हुए ,अद्भुत और आश्चर्यजनक अविष्कारों का निर्माण करता रहता है!



     आज विज्ञान की सहायता से ही कल्पनाशील और सुख -इच्छुक मानव,समुन्द्र के अंदर शादी और हनीमून तक मना लेता है !अब उसकी इन इच्छाओं को आकाश में भी पूरा किया जा सकेगा ! जी हाँ ,अब विज्ञान मानव के हनीमून हेतू लाया है ,एक उड़ने वाली कार !



     इंडिया टाइम्स हिंदी के अनुसार ,स्लोवाकिया की क्लेनविजन फर्म की अद्भुत यह कार, अचानक 3 मिनट में ही ,हवाई जहाज में बदल जाती है ! जमीन पर चलने के साथ-साथ यह आकाश में भी उड़कर गति करती है !अभी हाल ही में 1500 फीट ऊँची उड़ान भरकर ,इस कार ने सफल टेस्ट पास किया है ! 200 किलोग्राम से अधिक का भार उठाने वाली यह अद्भुत कार ,18 लीटर प्रति घंटा ईंधन खपत करती है !इस कार को प्रोफेसर स्टीफन क्लेन ने डिजाइन किया है !निकट भविष्य में ये कार्रें आकाश में टैक्सी के रूप में भी उड़ती दिखाई देंगी !



     धिक जानकारी और इसकी उड़ान का सफल परीक्षण देखने हेतू कृपया इस लिंक पर क्लिक कीजियेगा !


                 


चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा


9/16/20

कुत्ता मरा या जिंदा रहा ? बताइयें तो जरा !('बर्बाद इंडिया न्यूज़ '-यू- ट्यूब चैनल !) -बर्बाद इंडिया / मनोज बत्रा (एडिटर)

'बर्बाद इंडिया न्यूज़ '-यू- ट्यूब चैनल !

कुत्ता मरा या जिन्दा रहा ?बताइये ,तो जरा !


     रेलवे -ट्रैक पर घूमना ,कानूनी अपराध है !उसे बिल्कुल नहीं पता था !सफ़ेद रंग का ,वो नंगा प्राणी ,निश्चिन्त और बेखबर ,न जाने क्यों ट्रैक पर टहल रहा था ,शायद भोजन की तलाश थी उसे !अचानक मौत के पंजे उसकी ओर बढ़े !मौत ने कोई कसर नहीं छोड़ी ,उसे लीलने में !ये वीडियों देखकर तो ,एक बार आपका दिल दहल जायेगा, तरस आयेगा ,आपको इस नन्हें जीव पर !कुत्ता मरा या जिन्दा रहा ?बताइये,तो जरा !





'बर्बाद इंडिया न्यूज़ 'पर इस वीडियों को देखने के लिए ,यहाँ क्लिक करें -

https://www.youtube.com/watch?v=fUga00M9AoM


चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा
-मुख्य कार्यकारी अधिकारी (चैनल )


9/13/20

एक और सोनू सूद ! सोनू सूद की जलाई अलख से ,देश में इंसानियत का प्रसार ! सतपाल चावला ने ,अपने पैसे खर्च कर, मज़दूर को घर भिजवाया -बर्बाद इंडिया / मनोज बत्रा (एडिटर) !

एक और सोनू सूद !

सोनू सूद की जलाई अलख से ,देश में इंसानियत का प्रसार !

सतपाल चावला ने ,अपने पैसे खर्च कर, मज़दूर को घर भिजवाया !

दिनांक -13 सितम्बर ,2020 . 
कुलदीप नगर,राजपुरा (पंजाब ). (मनोज बत्तरा द्वारा ). 

     कोरोना के वैश्विक -संकट के चलते ,मुंबई के प्रवासी मज़दूरों को ,अपने खर्च पर फिल्म -अभिनेता सोनू सूद ने ,उन्हें उनके घर तक पहुँचाने की, जो मुहिम शुरू की थी ,उसका असर देश के हिस्सों में भी देखने को मिल रहा है !या यूँ कहे कि सोनू सूद ने मानवता की मिसाल की जो अलख जलाई ,उससे लोगों में भी मानवता का प्रसार हुआ है !सचमुच, सोनू सूद द्वारा ,किये गए उच्च -स्तरीय,लोक -कल्याण के कार्यों के कारण ही ,वे देश के असली हीरो है !



     आज मानवता का एक साक्षात् किस्सा देखने को मिला !लगा एक और सोनू सूद सामने है !कुलदीप नगर निवासी ,राधा -स्वामी सतपाल चावला ने 30 रूपये टैम्पू का किराया खर्च करके ,एक बिहारी मज़दूर को ,पटियाला में ,उसके चाचा के घर पहुँचाया !
     दरअसल वह बिहारी इस समय ,गोरखपुर ,उत्तर प्रदेश से शाम के वक़्त राजपुरा पहुंचा था।रास्ते में उसके सारे पैसे खर्च हो गए थे !वह पटियाला का रास्ता पूछकर ,पैदल ही ,26 किलोमीटर दूर पटियाला जाने लगा तो सतपाल चावला की मानवता जाग गई ,उन्हें ये भी डर था कि देर रात वह ,पैदल पटियाला पहुंचेगा ,तो कर्फ्यु के कारण उसे पुलिस वाले भी ,तंग करेंगे !खैर ,उन्होंने 30 रूपये टैम्पू का किराया खर्च करके,उस बिहारी मज़दूर को पटियाला के लिए ,टैम्पू में रवाना कर दिया। 



     पेशे से स्वयं टैम्पू के वाहक ,सतपाल चावला मृदुभाषी ,मिलनसार और हँसमुख इंसान है !उनके मना करने के बावजूद ,इस समाचार को ,बड़ी खबर मानकर ,लोगों तक पहुँचाना ,'बर्बाद इंडिया 'अपना कर्तव्य  समझता है और अपनी शुभकामनाओं से उन्हें सम्मानित करता है !

    
चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा


आश्चर्यजनक ! 7 साल का 'मकड़ी मानव 'हिंदुस्तान में ! 'स्पाइडर ब्वॉय ' के दीवारों पर चढ़ने-उतरने के पीछे ,पूर्व -जन्म व प्रबल इच्छा -शक्ति !@विचारक मनोज बत्रा-बर्बाद इंडिया / मनोज बत्रा (एडिटर)

आश्चर्यजनक !

7 साल का 'मकड़ी मानव 'हिंदुस्तान में !

'स्पाइडर ब्वॉय ' के दीवारों पर चढ़ने-उतरने के पीछे ,पूर्व -जन्म व प्रबल इच्छा -शक्ति !@विचारक मनोज बत्रा

दिनांक -13 सितम्बर ,2020 . 
कानपुर (उत्तर प्रदेश ). (मनोज बत्तरा द्वारा ).

     7 साल का बच्चा ,तीसरी कक्षा का छात्र, यदि स्पाइडर मैन की तरह ,झटपट दीवारों पर,बिना किसी सहारे के, बड़ी तेजी से ,चढ़ने -उतरने लगे ,तो इसे आप क्या कहेंगे ?कोई चमत्कार या कोई अनहोनी ?हमारे सामने भी जब ऐसे समाचार आते है ,तो हमारा मन भी आश्चर्य ,जिज्ञासा और कौतूहल से भर उठता है!



     मीडिया -ख़बरों के अनुसार,कानपुर निवासी यसार्थ सिंह नाम का बच्चा ,ये हैरत अंगेज कारनामा कर डालता है !लोग यसार्थ सिंह को प्यार से ,'स्पाइडर ब्वॉय 'के नाम से पुकारते है !यसार्थ की माता श्रीमति गरिमा सिंह का कहना है कि यसार्थ स्पाइडर मैन मूवी से प्रभावित था ,जिसके परिणाम-स्वरूप इसके मन में ,दीवारों पर चढ़ने -उतरने की इच्छा हुई !वह छिपकली की तरह अपने हाथ और पैर के पंजों को ,दीवार पर चिपका लेता है !इस तरह दीवारों पर चढ़ने -उतरने का अभ्यास ,उसे सफलता की ओर ले गया। पर हमें डर लगा रहता है कि उसे कहीं चोट न लग जाये !यसार्थ एक बड़ा अधिकारी बनकर ,देश की सेवा करना चाहता है।



     अब सवाल उठता है कि यसार्थ ये सब कैसे कर पाता है ,तो 'बर्बाद इंडिया 'ने इस प्रश्न का उत्तर खोजने की कोशिश की है !हमारी खोज के अनुसार ,बहुत से लोगों में पूर्व-जन्मों के संस्कार ,गुण आदि ,वर्तमान जन्म में भी ,थोड़े या ज्यादा आ सकते है !फिर सकारात्मक -शक्ति व प्रबल इच्छा -शक्ति भी ,ऐसे अजूबा कारनामों में अपनी भूमिका निभाती है !अब देखना ये भी होगा कि क्या बड़ा होने पर भी, यसार्थ ऐसे ही दीवारों पर चढ़-उतर पायेंगा !तो आप इन्तजार कीजिये ,'बर्बाद इंडिया 'पर ,भविष्य की इस न्यूज़ का !  

                         
चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा


                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                         

9/12/20

आश्चर्यजनक ! सोनू सूद की जरूरत ,भारतीय ग्रास कला को ,रोजगार -अवसर हेतू ! बंद आँखों से ,सरकंडे की अद्भुत कलाकृतियां बनाते है ,अभिषेक चौहान !-बर्बाद इंडिया / मनोज बत्रा (एडिटर)

आश्चर्यजनक !

सोनू सूद की जरूरत ,भारतीय ग्रास कला को ,रोजगार -अवसर हेतू !

बंद आँखों से ,सरकंडे की अद्भुत कलाकृतियां बनाते है ,अभिषेक चौहान ! 

दिनांक -12 सितम्बर ,2020 . 
राजपुरा (पंजाब ). (मनोज बत्तरा द्वारा ). 

     अनादि काल से चली आ रही ,विरासती कला 'ग्रास आर्ट' के माहिर ,ग्रास आर्टिस्ट अभिषेक चौहान ,देश के प्रथम ऐसे कलाकार है ,जो आँखें बंद करके ,सरकंडे/घास  से,विभिन्न प्रकार की अद्भुत कलाकृतियां बना सकते है। 
     केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय और पंजाब सरकार द्वारा ,अभिषेक को उनकी इस अद्भुत कला हेतू सम्मानित भी किया जा चुका है। अभिषेक का कहना है कि ये विरासती कला ,आज अपनी पहचान खोती जा रही है ,यदि भारत के रियल हीरो और फिल्म कलाकार सोनू सूद ,इस कला के अम्बैसेडर बने ,तो विश्व -स्तर पर ,ग्रास कला की खासी पहचान बन सकती है !सरकंडे से फूल ,सजावटी सामान ,गहने ,धार्मिक -चिन्ह और राखियां आदि को भी तैयार किया जा सकता है ,इसलिए स्वदेशी रोजगार के अवसर को पैदा किया जा सकता है !प्रवासी मजदूरों हेतू रोजगार उत्पन्न करने की मुहिम चलाने वाले ,सोनू सूद की आवश्यकता ,आज देश की इस अद्भुत ग्रास कला को भी है !  


            
                                                                    अभिषेक के पुराने चित्र !
                                                        आँखें बंद और तैयार कलाकृति !
          
चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा


                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                       

9/6/20

दुनिया के पास ,अब बचा यही रास्ता ! वैश्विक -शांति हेतू वैश्विक -उदारता और चीन के यू -टर्न की आवश्यकता ! @ मनोज बत्तरा -बर्बाद इंडिया / मनोज बत्रा (एडिटर)

सम्पादकीय- 

आचार्य मनोज बत्तरा के कीपैड से !



दुनिया के पास ,अब बचा यही रास्ता !

वैश्विक -शांति  हेतू वैश्विक -उदारता और चीन के यू -टर्न की आवश्यकता ! @ मनोज बत्तरा  

      "तिब्बत हमारी हथेली है ,तो लद्दाख ,नेपाल ,भूटान ,अरुणाचल  और सिक्किम हमारी अंगुलियाँ है !"-सन 1950 में ,दक्षिण एशिया के संदर्भ में,चीन के तत्कालीन शासन -प्रमुख माओत्से तुंग की इस सार्वजनिक टिप्पणी के आते ही ,भारत को सतर्क हो जाना चाहिए था,किन्तु तब हम राग अलापते रहे -"चीनी -हिंदी ,भाई- भाई !"और सन 1962 में चीन ने ,भारत पर आक्रमण कर ,उसका 37000 वर्ग किलोमीटर से अधिक का क्षेत्र,कब्जा लिया ,जिसे भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने ,संसद में भूमि का निर्जन टुकड़ा बताकर ,बात को 'आया राम ,गया राम' कर दिया था। इससे चीन की हिम्मत बढ़ी ,और उसने धीरे -धीरे ,लगातार भारतीय क्षेत्र पर ,बेखौफ अपना कब्ज़ा बढ़ाना जारी रखा और परिणाम-स्वरूप आज वाली स्थिति आ गई।



     आज वैश्विक कोरोना -संकट की जिम्मेदारी के, चीन व अमेरिका के बीच आरोप -प्रत्यारोप ,अत्यधिक मानवीय -हानि ,हर प्रकार के संकटों के माहौल में ,चीन को वैश्विक विरोध,बहिष्कार ,अविश्वास ,बदनामी और निर्यात पर टिकी चाइनीज अर्थव्यवस्था को बड़े -बड़े झटके सहन करने पड़ रहे है। चीन को घेरने और उस पर लगाम कसने हेतू ,चीन के खिलाफ वैश्विक -घेराबंदी को तेज किया जा रहा है !चीन के खिलाफ अमेरिका ,भारत -ऑस्ट्रेलिया -जापान संग 'नाटो' जैसा संगठन बनाने की तैयारी में है। पूर्व में ,1991 में अमेरिका ,तिब्बत की सरकार को मान्यता देकर, उसकी स्वतंत्रता का अनुमोदन कर चुका है। और सन 1960-61-65 में तीन बार, संयुक्त राष्ट्र संघ तिब्बतियों पर, चाइना के अमानवीय अत्याचारों की निंदा कर चुका है।



   
     निकट भविष्य में ,पूर्व में हुई भूलों में सुधार करते हुए ,भारत लेह में छोटे से कार्यालय में स्थित ,तिब्बत की निर्वासित सरकार और ताइवान को मान्यता देकर, फ्रांस ,ब्रिटेन,कनाडा,भूटान,ताइवान ,इंडोनेशिया ,अफगानिस्तान ,वियतनाम ,दक्षिणी कोरिया ,इजराइल आदि विश्व के देशों से ,इस मुद्दे पर समर्थन प्राप्त कर ,उनसे भी तिब्बत की निर्वासित सरकार और ताइवान को मान्यता दिलवा सकता है। ताइवान सरकार ने तो बिना मान्यता के भी ,भारत को सैन्य -सहायता देने को कहा है। ताजा घटना-क्रम में ,चीन के खिलाफ मोर्चाबंदी तेज करते हुए ,ताइवान ने उसके एक विमान को,अपने क्षेत्र में घुसने के कारण मार गिराया है।
     भारत द्वारा चीन के खिलाफ ,सन 1962 में गठित ,मेजर जनरल सुजान सिंह वाली,गुप्त फ़ोर्स 'स्पेशल फ्रंटियर फ़ोर्स 'को फिर से मोर्चा सँभालने हेतू तैयार किया गया है। दुश्मन को मुँह -तोड़ जवाब देने हेतू भारतीय सेना को ,महाघातक राफेल और इंगला एयर डिफेंस सिस्टम से भी सुसज्जित किया गया है।अभी हाल ही में,भारत ने हाइपरसोनिक  मिसाइल -तकनीक  का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। 



     भारत द्वारा चीनी -एप्स -प्रतिबंध ,चीन से आयातित माल पर ड्यूटी -वृद्धि और चीनी ठेकों को रद्द करने आदि से भी चीन बौखला गया है। ताजा घटना-क्रमानुसार ,500 चीनी-सैनिकों द्वारा ,पैंगोंग त्सो झील के दक्षिणी इलाके को कब्जाने की नाकाम कोशिश हुई। चीन अवैध कब्जों ,लगातार घुसपैठ आदि चालों से सीमा -विवाद को तनावपूर्ण बना रहा है और सैन्य व राजनयिक वार्ताओं को भी सिरे नहीं चढ़ा रहा है ।दोनों के बीच सीमा -विवाद समाप्त होने की संभावना ,दिनों-दिन नगण्य होती जा रही है।



      वर्तमान परिपेक्ष्य में , रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और विदेश सचिव हर्षवर्धन शृंगला के ये बयान महत्वपूर्ण मानें जा रहे है।

     मास्को में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन के एक सम्मेलन में ,रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि "क्षेत्रीय स्थायित्व ,शांति और सुरक्षा हेतू आक्रामकता ,एक -दूसरे के हितों के प्रति संवेदनशीलता ,मतभेदों का शांतिपूर्ण समाधान ,अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का सम्मान,परस्पर विश्वास का माहौल प्रमुख पहलू है।" उन्होंने आगे अपने बयान में,आंतकवाद के खिलाफ संस्थागत क्षमता विकसित  करने और पारदर्शी व् समग्रता लिए, मर्यादित वैश्विक सुरक्षा ढांचे के विकास की वकालत की।




     भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन शृंगला ने भी ,चीन को चेतावनी दे दी ,कि "सीमा पर शांति होने तक ,हमारे व्यापारिक -सम्बन्ध ,सामान्य रूप से नहीं चल सकते। भारत अपनी क्षेत्रीय अखंडता व सम्प्रभुता की रक्षा हेतू दृढ़ता के साथ प्रतिबद्ध है और इस पर कायम रहेगा। "उन्होंने आगे कहा की कि संकट के कठिन पलों में ,भारत  चीन से सैन्य व राजनयिक स्तर पर ,सम्पर्क  व संवाद बनाये हुए है।




     चाइना से भी कुछ सवाल किये जा  सकते है कि आखिर इतने बड़े वैश्विक -विरोध को चाइना कैसे झेल पायेगा !विश्व -बिरादरी के बिना चाइना जी सकेगा ?क्या अपने करोड़ों लोगों का पेट भर पायेंगा ?क्या तिब्बत आदि देशों की सम्प्रभुता को भंग करने का नैतिक अधिकार चाइना के  पास था ?

     चाइना को इस बात का डर,आशंका और समझ भी होनी चाहिए कि आम जनता ,सरकार की कुटिल नीतियों का कभी साथ नहीं देती ,उसे तो अपने जीवन से मतलब होता है !अपने परिवार के जीवन को बचाने के लिए ,ये सरकार का प्रबल और हिंसक विरोध तक कर डालते है !वैश्विक-आक्रमण की स्थिति में चाइना में ,भविष्य में गृह-युद्ध के हालात पैदा हो सकते है।

     खोई हुई वैश्विक-साख व शक्तिशाली देश का पुनः रुतबा पाने के लिए ,सुरक्षा -परिषद की स्थाई सदस्यता-निलंबन टालने के लिए ,विभिन्न देशों से द्विपक्षीय -सम्बन्ध बेहतर बनाने के लिए ,अंतर्राष्ट्रीय- न्यायालय में लगने वाले संभावित केस को ,कमजोर और उदार करने के लिए ,आज चाइना को वर्तमान की वैश्विक -परिस्थितयों में ,अपने अहंकार ,हवस ,साम्राज्यवादी ,बाज़ारवादी ,भोगवादी ,मानवता विरोधी और कुदरत विरोधी (कोरोना -संकट ) नीतियों में सुधार लाकर , यू -टर्न लेना होगा।  अब शांति -दूत के रूप में चाइना को नई भूमिका निभानी चाहिए। शांति -दूत बनकर,चाइना विश्व -बिरादरी को विश्वास दिलायें कि भविष्य में वो ऐसा कोई कार्य नहीं करेगा ,जिससे वैश्विक -संकट उत्पन्न हो और विश्व के विभिन्न देशों के साथ ,उसके सम्बन्ध खराब हो !वर्तमान परिस्थितियों में ,चाइना के पास उक्त उद्देश्यों को पाने के लिए,उक्त रास्ते के अलावा कोई चारा नहीं है। बस, उसे कुछ तकलीफ दायक त्याग करने होंगे !युद्ध से वह कभी भी इन उद्देश्यों की पूर्ति सुनिश्चित नहीं कर पायेंगा।




      वैश्विक -शांति-प्रयासों में पहल के तौर पर ,चाइना प्रभावित देशों की सम्प्रभुता बहाल करें और तिब्बत की जमीन से भी अपने पैर पीछे हटाकर ,तिब्बत को स्वतंत्र राष्ट्र घोषित करें।सन 1962 के समय, भारत का 37000 वर्ग किलोमीटर एरिया चाइना ने कब्जा लिया था ,वह भी लौटा दें।ऐसा करने से भारत की विदेश -नीति  /तटस्थता की नीति प्रभावित नहीं होगी।




     अन्तर्राष्ट्रीय मीडिया के सामने ,चाइना ये भी कह दे ,कि पाकिस्तान को आतंकवाद को प्रायोजित करना बंद करना होगा और कश्मीर-राग अलापना बंद करके, भारत से अपने रिश्तें सुधारने होंगें !ऐसे पाकिस्तान ,चाइना से डरकर ,भारत को परेशान करना बंद कर देगा !वैश्विक -शान्ति -प्रयासों में फिर चाइना की भी तारीफ़ होगी !

     चूँकि हर देश सैद्धांतिक रूप से आत्म -निर्भर होना चाहिए ,इसलिए चाइना के अनावश्यक निर्यात को नियंत्रित करने का,चाइना द्वारा विश्व को आश्वासन देना होगा।




     कोरोना -संकट से जूझ रहे ,विश्व के विभिन्न देशों और विश्व -स्वास्थ्य -संगठन को,और अधिक आर्थिक सहायता चाइना को देनी होगी।

     आज आवश्यकता है ,वर्तमान की वैश्विक -परिस्थितयों में ,वैश्विक -शांति के प्रयासों में ,वैश्विक -उदारता,सकारात्मक सोच और विश्व के लिए सद्बुद्धि और सदभावना की !रक्त -रंजित,भीषण संभावित तीसरे विश्व -युद्ध की विभीषिका से समस्त विश्व को बचाने ,सामान्य अवस्था में लाने और सुगमता से विकास की ऒर अग्रसर करने हेतू विश्व-बिरादरी को पिछला सब-कुछ भुलाना होगा।मजबूर विश्व के पास भी ,इसके अलावा कोई चारा नहीं है।

    निष्कर्षतः चाइना को जिद्द छोड़नी होगी। अपनी विस्तारवादी नीतियों पर अंकुश लगाना होगा। बच्चें कम पैदा करने होंगें या बच्चों की पैदाइश पर ,कुछ समय प्रतिबंध लगाना होगा। ताकि दूसरे की जमीन हड़पने की जरूरत ही न पड़े ! निर्वासित जीवन की कठिनाइयों और असीम दर्द -वेदना को समझना होगा। चाइना को ये भी समझना होगा कि वैश्विक -शांति में ही चाइना और विश्व का चंहुमुखी विकास संभव है !

  चाइना चूँकि महान शक्तिशाली है,जो चाहे फैसला लें। दुनिया को बर्बाद या आबाद करना ,अब चाइना के हाथ में है !अब देखना होगा, कि चालबाज समझे जाने वाला चीन, दुनिया को किस और धकेलता है !अब ईश्वर ही ,चाइना में विश्व हेतु सद्बुद्धि और सदभावना भर पाएं -ऐसी कामना है !




-मनोज बत्तरा



(लेखक स्वतंत्र पत्रकार और 'बर्बाद  इंडिया न्यूज़' के मुख्य  संपादक  है!)



crownmanojbatra@gmail.com




चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा



8/21/20

जल -विवाद के चलते ,बिजली का अवैध खम्बा,पंजाब -हरियाणा में आग लगा सकता है !@पत्रकार मनोज बत्तरा/-बर्बाद इंडिया / मनोज बत्रा (एडिटर)

जल -बंटवारे पर केंद्र को डराने वाले ,पंजाब -मुख्यमंत्री सहित हरियाणा -मुख्यमंत्री को, जब लोक -हित में ,पत्रकार /देशभक्त मनोज बत्तरा ने अप्रत्यक्ष डराया !...... 

जल -विवाद के चलते ,बिजली का अवैध खम्बा,पंजाब -हरियाणा में आग लगा सकता है !@पत्रकार मनोज बत्तरा

21 अगस्त ,2020 . 
राजपुरा (पंजाब ). (ईश्वर आज़ाद और मनोज बत्तरा द्वारा ). 

     भले ही पिछले दिनों केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ, वीडियो कॉन्फ्रेंस में, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा केंद्र सरकार को डराने की अप्रत्यक्ष कोशिश हुई !उन्होंने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को सचेत रहने की अपील करते हुए कहा कि यदि एस वाई एल(सतलुज -यमुना लिंक नहर )का पानी साझा किया गया ,तो कम पानी वाला पंजाब जलने लगेगा(हिंसक विरोध -प्रदर्शनों के कारण, उनका इशारा था!) और यह राष्ट्रीय समस्या बन जाएगी !यह मुद्दा देश की सुरक्षा को भंग करने की संभावना रखता है !40 साल पुराने इस मुद्दे से पंजाब में और
अ िस्थरता आएगी,पहले ही पंजाब, पाकिस्तान और अलगावादी सिख फॉर जस्टिस संस्था से खतरे में है !


Captain Amarinder Singh submits his resignation to Speaker - The ...
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह 


     पर पूर्व का एक अतिसंवेदनशील स्थानीय मुद्दा ,ऐसा भी है ,जिसमें पत्रकार और साहित्यकार मनोज बत्तरा द्वारा पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर को अप्रत्यक्ष रूप से डराकर ,मसला दो बार हल किया गया !इस मुद्दे से पंजाब की कांग्रेस सरकार के खिलाफ ,विपक्ष को विधान सभा में घेरने का मुद्दा हाथ लग जाता !पंजाब के साथ हरियाणा के लोग भी मर सकते थे,मर सकते है !हरियाणा ,पंजाब पर उसके लोगों को मारने का आरोप लगा सकता था,है  !और यदि ऐसा होता ,तो संविधान का बहुत बड़ा संकट पैदा हो सकता था,है !
     दरअसल राजपुरा ,पंजाब के एक गांव कुलदीप नगर में एक बिजली का खम्बा ,इस प्रकार मुड़ा हुआ था ,कि बिजली की हाई -वोल्टेज तारें धीरे -धीरे ,जमीन से 6 -7 फुट ऊपर तक आ गई थी !ये खम्बा नियमों को ताक पर रखकर ,किसी के खाली प्लॉट में ,एक शोरूम को पीछे से बिजली की सप्लाई देने हेतू खड़ा किया गया है !लापरवाही आदि के चलते ,इन तारों के नीचे से गुजरने से ,एक स्कूल -बस के बच्चें और एक कंटेनर का ड्राइवर मरते -मरते बचें !इन लटकती तारों के ऊपर अक्सर चिड़िया ,कौवें ,कबूतर आदि भी बैठकर ,जब उठकर उड़ते है ,तो ख़तरनाक़ तरीकें से ,स्पार्किंग तारों पर ,इधर से उधर दौड़ती है !(पुराना फाइल वीडियो संलग्न है !)




     पत्रकार और साहित्यकार मनोज बत्तरा ने बताया ,कि आज भी दिक्कत ये है ,कि बारिशों के दिनों में और प्राय इन हाई वोल्टेज तारों के नीचे पानी भरा रहता है !ये पानी एक गंदे नाले  और गंडाखेड़ी नहर से जुड़ा हुआ है !गंडाखेड़ी नहर आगे हरियाणा में चली जाती है !प्रॉपर बारिशों के दिनों में कच्चे में खड़े इस खम्बें के फिर से गिरने के चांस है !यदि ये खम्बा गिर जाता है या स्पार्किंग से तारें टूट कर ,गिर कर नीचे के पानी के संपर्क में आ जाती है ,तो गंडाखेड़ी नहर या आगे लिंक नहर में नहाने वाले पंजाब -हरियाणा के लोग ,बच्चें ,पशु ,खेतों में काम कर रहे किसान -मज़दूर आदि करंट से  मर सकते है !चूँकि पंजाब और हरियाणा के बीच जल -विवाद चल रहा है ,हरियाणा के लोगों के मरने की िस्थति में  हरियाणा ,पंजाब पर उसके लोगों को मारने का आरोप लगा सकता है !और यदि ऐसा होता है  ,तो दोनों राज्यों के झगडे के कारण ,संविधान का बहुत बड़ा संकट पैदा हो सकता है !


Haryana CM Manohar Lal Khattar meets PM Modi
हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर ,प्रधानमंत्री मोदी जी के साथ!


     बत्तरा ने आगे कहा कि दोनों राज्यों के बीच कोई संवैधानिक संकट आदि न हो ,इसीलिए एक जागरूक ,देशभक्त नागरिक होने का कर्तव्य निभातें हुए उन्होंने , उक्त आशय से सम्बंधित पत्र ,दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री को पहले भी भेजकर ,लोगों की जान-माल की रक्षा के लिए ,दो बार ये खम्बा और लटकती तारें उन्होंने ठीक करवाई है !पर सम्बंधित विभाग में भर्ष्टाचार इतना है कि कोई इस खतरनाक खम्बें को ,स्थाई रूप से नहीं हटवाता !समस्या फिर विकटता की और जा रही है !

चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा








8/5/20

आयुर्वेदिक दवा की तीन खुराकों से प्लेटलेट्स सेल में आश्चर्यजनक बढोत्तरी !-बर्बाद इंडिया / मनोज बत्रा (एडिटर)

अच्छी खबर! 

आयुर्वेदिक दवा की तीन खुराकों से प्लेटलेट्स सेल में आश्चर्यजनक बढोत्तरी !

4 अगस्त ,2020. 
चंडीगढ़ (पंजाब ). (मनोज बत्तरा द्वारा ). 
 
    डेंगू सहित अन्य कई कारणों के चलते, शरीर के खून में प्लेटलेट्स सेल, खतरनाक सीमा तक कम हो जाते है !अन्य वायरल बिमारियों में भी ऐसा हो सकता है !ऐसी स्थिति में,मरीज को प्लेटलेट्स देने के लिए (प्लेटलेट्स ट्रान्सफयूजन) एक जटिल और वैज्ञानिक निर्णय की आवश्यकता पड़ती है !

What Are Platelets?

    ऐसे में प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाने के लिए, आयुर्वेद का कोई सरल और सुरक्षित फार्मूला, शोध के बाद सामने आ जाये ,तो इसे वरदान ही कहा जायेगा ! जी ,हाँ ,सेक्टर 44 स्थित,भारत के प्रसिद्ध वर्धान आयुर्वैदिक एंड हर्बल मेडिसन प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य डॉक्टर अनिल कुमार द्वारा शोध के बाद ,एक अत्यंत गुणकारी औषधि विकसित की है ,जिसकी तीन खुराकें देने मात्र से ही ,मरीज में आश्चर्यजनक ढंग से प्लेटलेट्स सेल बढ़ जाते है !दर्जनों मरीजों पर इस दवा का असर चेक किया गया है ,परिणाम सुखद ही आया है !
चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा


 


7/26/20

मशहूर टीवी एंकर चित्रा त्रिपाठी (आज तक ) का चैनल के दायरों में दम घुटता है ?पत्रकार मनोज बत्तरा से हुई बातचीत !-बर्बाद इंडिया / मनोज बत्रा (एडिटर)

भारत में पत्रकारिता -जगत की दयनीय हालत!

मशहूर टीवी एंकर चित्रा त्रिपाठी (आज तक ) का चैनल के दायरों में दम घुटता है ?पत्रकार मनोज बत्तरा से हुई बातचीत !

25 जुलाई ,2020 .
नई दिल्ली। (ईश्वर आज़ाद और चीफ एडिटर मनोज बत्रा द्वारा ).

     पिछले दिनों भारत की मशहूर टीवी एंकर चित्रा त्रिपाठी (आज तक )और "बर्बाद इंडिया "के चीफ एडिटर ,पत्रकार ,साहित्यकार और फिल्म -निर्देशक मनोज बत्तरा की बातचीत हुई !बातचीत में एंकर के अंदर का दर्द और भारत में पत्रकारिता -जगत की दयनीय हालत साफ़ झलक रही थी !




     बातचीत के प्रमुख अंश प्रस्तुत है :-

     चित्रा त्रिपाठी -"पॉजिटिव और सच्ची ख़बरों के लिए मैंने 'सच्ची खबर'नाम से एक वेबसाइट शुरू की है !मुझे आशा है कि इसे आप ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचायेंगे !"
     मनोज बत्तरा -"चित्रा ,मन में जिज्ञासा है कि इस ब्लॉग /वेबसाइट की आपको जरूरत क्यों पड़ी ?इसका कोई विशेष महत्त्व /उपयोगिता भी है ?इतना समय कैसे निकाल लेती है आप ,इन सब के लिए ?आखिर लक्ष्य क्या है आपका ?"
     चित्रा त्रिपाठी -"चैनल या कम्पनी में, एक दायरें में काम करना पड़ता है!अपने स्वतंत्र विचारों के लिए ही एक वेबसाइट शुरू की है !"
     मनोज बत्तरा -"क्या सचमुच ,आपके कहने का अर्थ है कि मीडिया के दायरों में आपका दम घुटता है ?.....असंगठित मीडिया के दायरों में आपका दम घुटना ,मेरी नज़र में ,भारतीय लोकतंत्र की एक असाधारण घटना है!मेरी सोच से भी ,बहुत ज्यादा बुरा हाल है ,लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ 'मीडिया 'का!क्या बनेगा मेरे बर्बाद इंडिया का ?"
      इस बातचीत को विराम देते हुए बत्रा ने ,चित्रा को उनके बारें में कहा -"स्वतंत्र विचारों की अभिव्यक्ति ,आपमें परोपकार ,दया ,उदारता ,विश्व -कल्याण ,समानता ,प्रेम ,श्रद्धा ,भक्ति आदि उच्च मानवीय गुणों को दर्शाती है !अद्भुत आपका व्यक्तित्व बाहर से दिखता था ,पर अंदर से भी है!.... आपके भीतर की मातृशक्ति और मानवता के आगे नतमस्तक होना चाहूँगा !नमन और हार्दिक अभिवादन ! 


चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा




7/23/20

HDFC बैंक -मैनेजर की ईमानदारी से पत्रकार मनोज बत्रा बागोंबाग़ !-बर्बाद इंडिया / मनोज बत्रा (एडिटर)

HDFC बैंक -मैनेजर की ईमानदारी से पत्रकार मनोज बत्रा बागोंबाग़ !

23 जुलाई ,2020 . 
राजपुरा (पंजाब ). (ईश्वर आज़ाद द्वारा ). 

     कैलिबर मार्किट ,राजपुरा स्थित hdfc बैंक-शाखा के मैनेजर सरदार दविंदर सिंह तलवार जी की ईमानदारी देखकर ,"बर्बाद इंडिया "के मुख्य संपादक ,पत्रकार ,साहित्यकार और फिल्म-निर्देशक मनोज बत्तरा बेहद उत्साहित ,प्रफुल्लित और बागोंबाग़ है !उन्होंने बताया कि उन्होंने ऐसी व्यक्तिगत और संस्थागत ईमानदारी अपने जीवन पहले कभी नहीं देखी !सचमुच,दुनिया में अच्छे ,पॉजिटिव और ईमानदार लोग अभी जिन्दा है!
     दरअसल ,बत्रा की धर्म -पत्नी श्रीमती छाया बत्रा ने अपना बचत-खाता ,किन्ही कारणों से उक्त ब्रांच से कुछ दिन पहले बंद करवाया था ! और इस खातें का अंतिम बैलेंस 30 पैसे शेष रह गया था !
    बत्तरा ने बताया कि उनकी पत्नी के इस खातें में बकाया 30 पैसे का भुगतान,बैंक ने  MANAGER 'S CHEQUE भेजकर किया गया !यह चेक कुरिअर द्वारा उन्हें प्राप्त हुआ है!



    बत्तरा ने सकारात्मक चुटकी लेते हुए भी आगे कहा कि 30 पैसे के भुगतान के लिए ,किसी कानून के अंतर्गत ही ,खाता निल करने के लिए ही ,बैंक-मैनेजर ने 20 -30 रूपये कुरिअर पर भी खर्च किये होंगे !सचमुच ,ऐसे व्यक्ति और बैंक साधुवाद की पात्र है !
   बत्तरा ने आम जनता से अपील की है कि हमारी दुनिया और जरूरतों को समझने वाले इस ईमानदार HDFC बैंक में खाता खुलवा कर बैंकिंग सेवाओं का आनंद जरूर लें!


चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा


6/26/20

सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड ने ,10 वीं व 12 वीं कक्षाओं की परीक्षायें रद्द की !#बर्बाद इंडिया /मनोज बत्रा (एडिटर )

बड़ी खबर 

सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड ने ,10 वीं व 12 वीं कक्षाओं की परीक्षायें रद्द की !




25 जून ,2020 . 
नई दिल्ली (भारत )(एजेंसियां ). 
(मनोज बत्तरा द्वारा ).

     कोरोना -संकट के चलते ,बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए ,सी बी एस ई और आई सी एस ई बोर्ड ने ,10 वीं व 12 वीं कक्षाओं की,जुलाई में होने वाली परीक्षाओं के कार्यक्रम को रद्द कर दिया है !केंद्र सरकार के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और दोनों बोर्डों ने कोर्ट को इस सम्बन्ध में सूचना दी!कोर्ट परीक्षाएं रद्द करने की याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था !
     सी बी एस ई द्वारा परीक्षाओं का आयोजन बाद में किया जायेगा !तब 12 वीं कक्षा के छात्रों के पास परीक्षा में शामिल होने या पिछली कक्षा में प्रदर्शन के आधार पर, मूल्यांकन का रास्ता चुनने का विकल्प रहेगा!किन्तु 10 वीं कक्षा के छात्रों के पास फिर से परीक्षा का विकल्प नहीं होगा!
     जबकि आई सी एस ई बोर्ड ने कहा ,कि उसके पास फिर परीक्षा कराने का विकल्प नहीं है !


चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा

https://www.youtube.com/watch?v=B0YAOkRlqHo&t=13s&fbclid=IwAR35oAyFjXlgi9hR-T6N73KxwHaH-mLgdVOI93YOTX1d6G-Ft5KU2ocN6Ws