चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा |
देश की सच्ची तस्वीर ! सच्ची खबरें ! अनछुई खबरें ! #चीफ एडिटर- मनोज बत्तरा #आदर्श व समर्पण -पदम्-भूषण स्व.जसपाल भट्टी !
Translate
Search This Blog
11/5/20
इंडिया टाइम्स हिंदी का इंटरनेट पर वीडियो हुआ वायरल ! उड़ने वाली कार में; अब मनाइये हनीमून !-बर्बाद इंडिया न्यूज़ / मनोज बत्रा (एडिटर)
10/12/20
उस संडे को उनकी अचानक कॉल आई ,तो मैंने आश्चर्य से ,शिल्पा जी से पूछा -'संडे को ऑफिस खुला है ?'वे तपाक से बोली -'हाँ ,आज आधा दिन मेरी ड्यूटी लगी है !अरे ,काम करना है ,तो नखरा कैसा ?'
कितना सटीक बोला शिल्पा 'शैली 'जी ने !बिना काम किये ,लक्ष्यों को कैसे प्राप्त किया जा सकेगा?बिना सामूहिक -कर्म के मानव -सभ्यता का विकास कैसे संभव होगा ?बिना कर्म के हम दुनिया को कैसे सुन्दर बना पायेंगे ?-ऐसे ही तमाम सवाल मेरे मन में कौंध गए !फिर सच भी तो हैं -
"दुनिया में रहना है ,तो काम कर प्यारे !सबको हाथ जोड़, सलाम कर प्यारे !
वरना ये दुनिया जीने नहीं देगी ,मरने नहीं देगी !"
बातों का सिलसिला ,आगे बड़ा ,तो शिल्पा जी बोली -'जे अस्सी ,सिर मिलाये है ,तो अग्गे वध्धों !आपका लास्ट कुछ डयूज पेंडिंग है !हाथी निकल गया है ,पूंछ बाहर है !'
मैंने इसके लिए टाइम माँगा ,तो उन्होंने कहा -'ग्रेस पीरियड है!अब आगे मेरे हाथ में नहीं है !आप इंतजाम कीजिये !'
खैर ,रब का आदेश था ,तो अपना बेस्ट देना था और मैंने अपने प्रयासों को दोगुना करके ,ठोस फैसले लेकर अपना बेस्ट दिया और सब क्लियर किया !
पर आगे कुछ और अड़चन आ गई ,तो एक हफ्ते के बाद शिल्पा जी ने कहा -'अब सिस्टम से और आगे अकेले लड़ नहीं सकती!तभी आपको बता रही हूँ .... '
खैर ,मैंने सिस्टम को फॉलो करते हुए ,फिर तुरत एक्शन लिए !दरअसल मैं शिल्पा जी के वजूद ,सब्र और कर्म -आराधना आदि के समक्ष,अंदर से नत -मस्तक हूँ ,उनको नीवा कैसे होने दे सकता था !
एक हफ्ता फिर बीत गया !
मैं परेशान था कि शिल्पा जी की कोई कॉल नहीं आई ,एक हफ्ते से !कहीं वे काम को सिरे चढ़ाने के चक्कर में ,कोई टेंशन तो नहीं ले रही !मुझसे रहा न गया ,तो मैंने उन्हें सन्देश भेज दिया !मेरे समर्पण को यही कर्तव्य लगा -
'शिल्पा जी ,अगर सिर जोड़े है ,तो लड़ाई अकेले क्यों ?आप बिल्कुल भी टेंशन मत लीजिये !मुझे ऐसे मेटर्स को सॉल्व करना आता है !'
दो दिन तक उनका कॉल नहीं आया तो ,मुझे उनकी बेहद चिंता होने लगी !मैंने उन्हें कॉल करना ही ठीक समझा !
आगे की बातचीत के प्रमुख अंश :-
'हेलो ,शिल्पा जी आपको याद दिलाने के लिए फोन किया है कि हमारे बीच एक दोस्ती भी है !'-मेरी बात सुनकर वे खिलखिला दी ,तो मैंने उनसे आगे कहा -'आपकी चिंता हो रही थी !वो ऑफिशियल- मेटर अगर सॉल्व नहीं हो रहा है ,तो आप बिल्कुल भी चिंता न करें !हम कोर्ट का सहारा लेंगें!'
'नहीं ,वहाँ तक नौबत नहीं आयेगी !आपका काम सॉल्व हो गया !'
9/20/20
साढ़े सात ,पौने उन्नीस जैसे पहाड़े बोलता है ,गणित का ये महान सम्राट! इस शख्स हेतू पंजाब मुख्यमंत्री से माँगा है ,आर्थिक पैकेज !@पत्रकार मनोज बत्रा
बर्बाद इंडिया टेलीविज़न !
साढ़े सात ,पौने उन्नीस जैसे पहाड़े बोलता है ,गणित का ये महान सम्राट!
इस शख्स हेतू पंजाब मुख्यमंत्री से माँगा है ,आर्थिक पैकेज !@पत्रकार मनोज बत्रा
दिनांक -20 सितम्बर ,2020 .
फिल्लौर (पंजाब ). (मनोज बत्तरा द्वारा ).
देखने में मासूम ,भोला -भाला और गरीब ये शख्स गढ़ा रोड़ ,फिल्लौर ,पंजाब का रहने वाला है !पर कुदरत ने इनको ऐसी नेमत बक्शी है कि अच्छे पढ़े -लिखे लोग भी ,गणित के मामले में ,इनके सामने चारों खाने चित्त है !ये पौने एक ,सवा एक ,डेढ़ ,पौने दो ,सवा दो ,ढाई ,पौने तीन..... जैसे पहाड़ों को बखूबी सटीकता के साथ बोल लेते है !
अब ये शोध का विषय हो सकता है कि ये शख्स कैसे ,इतने मुश्कित पहाड़ों को बोल पाता है ,जबकि ऐसे पहाड़े स्कूल में तो कभी पढाये गए ही नहीं और न ही आधुनिक तकनीक के चलते ,हम सब साधारण पहाड़ों को भी ,अच्छे से याद कर पाये !
'बर्बाद इंडिया 'मानता है कि इस शख्स का कांसेप्ट यूनिक है ,शोध का विषय है !इसलिए 'बर्बाद इंडिया 'इनकी आर्थिक दशा सुधारने हेतू 5 लाख रूपए,सरकारी नौकरी और उत्साहित करने के लिए राजकीय-सम्मान की मांग ,पंजाब के मुख्य मंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह से करता है ! कृपया वे इस शख्स को खोज कर पुरस्कृत करें !
यहाँ बताने योग्य है कि पूर्व में ,इस पत्रकार की प्रार्थना पर ,पंजाब के मुख्यमंत्री 5 लाख रूपये का चेक ,एक बीमार प्रसिद्ध फिल्म कलाकार को भिजवा चुके है !
बर्बाद इंडिया टेलीविज़न पर, इससे सम्बंधित वीडियो देखने हेतू लिंक इस प्रकार है -
https://www.youtube.com/watch?v=yoPskQEcwXk
चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा -मुख्य कार्यकारी अधिकारी (चैनल ) |
9/18/20
रब को भक्त के सामने हाथ जोड़ते ,किसी ने देखा है ? -बर्बाद इंडिया न्यूज़ / मनोज बत्रा (एडिटर)
टेली-कलिंगनार !
पाठक ,कृपया किसी भी बात को अन्यथा न लें !
रब को भक्त के सामने हाथ जोड़ते ,किसी ने देखा है ?
दिनांक -18 सितम्बर ,2020 .
राजपुरा -चंडीगढ़ (पंजाब ). (मनोज बत्तरा द्वारा ).
रब को भक्त के सामने हाथ जोड़ते ,किसी ने देखा है ?मैंने देखा है !दो दिन से बोल रही है कि 'मुझसे हाथ जुडवा लो ,पर उस ऑफिस वाली समस्या का, हल आज ही निकालों !नेगेटिविटी आ जायेगी और फिर मेरे रेपुटेशन का भी सवाल है !'
ये कोई और नहीं ,मेरे जीवन की वो 'गॉड -पर्सन 'है ,जिन्होंने विषम -परिस्थितियों में मेरा साथ निभाया और मेरे जीवन की दिशा को बदल दिया !अब इतनी शक्ति तो ,रब में ही होती है !यहाँ रब तुल्य प्रिय सखी से पूछना चाहता हूँ कि आखिर क्यों ,रब की मर्यादा का हनन कर रही हैं ?कहीं रब भी ,हाथ जोड़ते है ,भक्त के सामने ?
कृपया पाठक भी इस बात को अन्यथा न लें !किसी भी रिश्तें की ,चाहे वो दोस्ती का रिश्ता भी हो ,सार्थकता अपनेपन ,परस्पर विश्वास और श्रद्धा (रब के जैसी पवित्रता )से ही है!
खैर ,मैंने उन्हें समझाया (देखो जी ,रब को समझा रहा हूँ !),कि 'आपका भाग्य मुझसे जुड़ चुका है ,वह काम करेगा !निश्चित रूप से समस्या हल होगी !विधाता आपका रेपुटेशन ख़राब नहीं होने देगा !अरे ,आपके आने से ,तो मैं बहुत स्ट्रांग हो गया हूँ !टेंशन लेनी बंद कर दी है ,मैंने!सुख हो,या दुःख हो ,महापुरुषों की तरह एक समान रहता हू !मैं हरसंभव ,निरन्तर कोशिश करके ,समस्या के प्रति सफलता का परिणाम दूंगा !'
मेरी सखी की साख का सवाल था ,इसीलिए फिर मैंने उस समस्या को मन में 'गोल'माना और चिलचलाती धूप और गर्मी में ,पसीने व भूख-प्यास की ,परवाह किये बगैर ,रास्तों की तलाश में जुट गया !पर मेरे साथ भी वही हुआ ,जो अक्सर होता है ,सब जगह से ना हुई!अंततः मेरे भेजे गए मैसेज का ,मेरे फ़ोन पर रिप्लाई आया कि मैं आपकी समस्या हल कर देती हूँ !खैर ,उन्होंने झट से समस्या ,बिना कोई ज्यादा सवाल किये,हल कर दी !उनकी मित्रता और अपने प्रति सम्मान देख ,मैं आत्म-विभोर था !उन्हें प्रत्युत्तर में ,अपनी दुआयें और धन्यवाद के शब्द ही दे पाया !
मेरी सखी खुश थी !पर अंदर ही अंदर मुझे अफ़सोस भी हो रहा था कि आज तेरा एक उसूल टूटा है !क्या तू लोगों की सहायता ,भविष्य में अपनी सहायता पाने हेतू करता है !मैंने इस सम्बन्ध में सखी से भी कहा कि 'आज मैंने ऐसे अपने जीवन का यू-टर्न लिया !मैं बिल्कुल भी ऐसा नहीं हूँ !'मेरी इस बात पे ,वे तपाक से बोली-'कभी -कभी यू -टर्न लेने से भी ,सफलता मिल जाती है !'
उनके शब्द गंभीर लगे !चिंतन -मनन किया तो लगा की सखी ,सोलह आने सही बोल रही है !पर क्या दोस्तों !आने -दोआने चलते है अभी?
'सब आपकी वजह से है ,सखी !'मैंने आगे उनसे कहा !
'अरे नहीं ,घर के लोग मुझे भाव नहीं देते,और एक आप हो ,तारीफ पे तारीफ किये जातें हैं !ये मेरा रूटीन व्यवहार है !' सखी ने मुझसे हँसते हुए कहा !
'ओहो ,तो आप अंदर और बाहर से एक जैसे हैं !'मैंने भी मस्ती में उनसे कहा !
'आज आपकी जुबान,लगन और कर्तव्यनिष्ठा देखकर ,मैं कह सकती हूँ ,कि आप सिंगल पर्सन है ,जिन पर मैं ट्रस्ट कर सकती हूँ !'सखी के आगे कहे ये शब्द, मैंने रिवॉर्ड मानकर ,उन्हें शुक्रिया कहा !
जीवन में एक इंसान भी ,आप पर सच्चे मन से विश्वास कर लें ,तो आपका जीवन सफल है !जीवन में इससे ज्यादा कुछ चाहिए आपको ?भाई ,मुझे तो चाहिए ,अगर इनके हाथ का बना खाना मिल जाये ,तो मज़ा आ जाये !'पर सखी साहिबा !आप थक जाओगे खिलाते -खिलाते !पेटू हूँ मैं !और लोग पता क्या कहेंगे ,देखो जी देखों ,रब भक्त को भोग लगा रहे है !'
वैसे इसमें बुरा भी क्या है ?सखा -भाव में रब भी ,बराबर के हक़दार है भोग लगाने के लिए !
वैसे दोस्तों !मेरी ये सखी कौन है ?
शिल्पा 'शैली' और रेखा 'रुद्राक्षी' तो बिल्कुल भी नहीं है !
चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा |
9/17/20
टेली -कलिंगनार ! .... जब बत्तरा ने ठुकराई ,एक ठग की 10 लाख रूपये की ऑफर ! लेडी श्रवण कुमार हैं ,शिल्पा 'शैली '!@मुख्य संपादक मनोज बत्तरा -बर्बाद इंडिया / मनोज बत्रा (एडिटर) )
टेली -कलिंगनार !
.... जब बत्तरा ने ठुकराई ,एक ठग की 10 लाख रूपये की ऑफर !
लेडी श्रवण कुमार हैं ,शिल्पा 'शैली '!@मुख्य संपादक मनोज बत्तरा
दिनांक -17 सितम्बर ,2020 .
राजपुरा -चंडीगढ़ (पंजाब ).(शिल्पा 'शैली 'और मनोज बत्तरा द्वारा )
आज 'बर्बाद इंडिया 'की को -एडिटर शिल्पा 'शैली 'जी से ,मुख्य संपादक मनोज बत्तरा की संक्षिप्त वार्ता हुई !प्रस्तुत है कुछ अंश :-
"मैंने जीवन में दो बातें सीखी है,पहली कि सफलता के लिये ,विकल्प और दूसरी ,उस लक्ष्य को ,जिसे आप पाना चाहते है ,'गोल'मानकर ,सकारात्मक सोच के साथ ,सतत प्रयास जरूरी है !"मैंने शिल्पा जी से कहा।
प्रत्युत्तर में शिल्पा जी बोली -'आपकी पहली बात ,100 %सच है !विकल्प जीवन में होने चाहिए !जीवन जीने का यहीं सलीका है!एक रास्ता बंद होता है ,तो अन्य रास्ते खुलते है !'
मन ही मन सोच रहा था कि दूसरी बात पर ,शिल्पा जी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। खैर ,मैंने ही इस बात को प्रमुखता देते हुये ,उनसे कहा -" 'गोल' वाली बात में भी ,कुछ पॉइंट है !'गोल'को हासिल करने में ,आपकी जिद्द या आपका अंहकार और या आपका स्वाभिमान भी ,महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है !"
'स्वाभिमान के साथ ही ,इंसान को जीवन में आगे बढ़ना चाहिये और ध्यान रखना चाहिए ,कि माता -पिता का नाम ख़राब न हो !'-शिल्पा जी की बात सुनकर ,ऐसा लगा जैसे वे 'लेडी श्रवण कुमार' है !बात -बात में माता -पिता को याद करना ,उनके दिए संस्कारों का प्रकटन आदि मातृ -पितृ -भक्ति का ,इस कलियुग में अद्भुत उदाहरण है !
'जी ,.... मैंने जीवन में सच्चाई के मार्ग को चुना !आपको बताऊँ मैं ,विषम -परिस्थितियों में ,एक ठग(ग्राहक ) ने लोगों से ठगी मारने के लिए ,10 लाख रुपये का ,मुझे ऑफर दिया ,तो मैंने अपनी ईमानदारी और देश-भक्ति का हवाला देते हुए ,उसे चलता कर दिया ! पर वो मुझसे प्रभावित होकर बोला कि आपकी मैं इज्जत करता हूँ ,बुरे वक़्त में कभी आपने 500 /-रूपये की मेरी मदद की थी !सोचा, आपकी परेशानियों में ,10 लाख रूपए आपकी मदद करेंगे !पर आपकी देश-भक्ति देखकर ,मेरी आत्मा भी जाग गई है !अब मेहनत से बेटी और बीवी का भरण-पोषण करूँगा !... फिर वह पंजाब छोड़कर कहीं चला गया !पिछले 5 वर्षों से ,अपनी शॉप पे उसके दर्शन नहीं हुये !'- मेरी ये बात सुनकर, शिल्पा जी सोच रही होंगी कि कितने 'मिया मिठ्ठू' है !मुझे तो डर है ,कहीं मुझे 'मिठ्ठू जी ' बुलाना न शुरू कर दें!मैंने उनसे आगे कहा -'सच्चाई का मार्ग एक कठिन मार्ग है!काँटों का बिछोना है !मेरे मन में एक ही बात रहती है कि कष्टों वाले, इस मार्ग पर, जब भी सफलता मिलेंगी ,वह आनंदमय ,स्थायित्व और संतोष पूर्ण होगी !'-शिल्पा जी ने मेरी इस बात पर पूर्ण समर्थन में ,अपनी हामी का मुझे रिवॉर्ड दिया !और बोली कि 'गलत रास्तों पर जाकर ,शॉर्टकट से सफलता पाना ,मतलब खुद को बर्बाद करना !'
व्यक्तिगत कारणों से शिल्पा "शैली " के स्थान पर,प्रतीक -रूप में
अभिनेत्री शिल्पा शैट्टी का चित्र लगाया गया है !
थैंक यू सो मच ,शिल्पा जी !कभी -कभी तो ऐसे लगता है कि हम दोनों एक ही थैली के चट्टे -बट्टे है !फोटो -कॉपी है !अब प्लीज ,लड़ना मत कि चट्टा कौन है ,और बट्टा कौन है ?
चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा |
9/16/20
कुत्ता मरा या जिंदा रहा ? बताइयें तो जरा !('बर्बाद इंडिया न्यूज़ '-यू- ट्यूब चैनल !) -बर्बाद इंडिया / मनोज बत्रा (एडिटर)
कुत्ता मरा या जिन्दा रहा ?बताइये ,तो जरा !
रेलवे -ट्रैक पर घूमना ,कानूनी अपराध है !उसे बिल्कुल नहीं पता था !सफ़ेद रंग का ,वो नंगा प्राणी ,निश्चिन्त और बेखबर ,न जाने क्यों ट्रैक पर टहल रहा था ,शायद भोजन की तलाश थी उसे !अचानक मौत के पंजे उसकी ओर बढ़े !मौत ने कोई कसर नहीं छोड़ी ,उसे लीलने में !ये वीडियों देखकर तो ,एक बार आपका दिल दहल जायेगा, तरस आयेगा ,आपको इस नन्हें जीव पर !कुत्ता मरा या जिन्दा रहा ?बताइये,तो जरा !
'बर्बाद इंडिया न्यूज़ 'पर इस वीडियों को देखने के लिए ,यहाँ क्लिक करें -
चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा -मुख्य कार्यकारी अधिकारी (चैनल ) |
9/15/20
मौत का खंजर ? मौत का मंजर ?ऐसा आपने पहले कभी नहीं देखा होगा !('बर्बाद इंडिया न्यूज़ '-यू- ट्यूब चैनल !) -बर्बाद इंडिया / मनोज बत्रा (एडिटर)
मौत का खंजर ? मौत का मंजर ?ऐसा आपने पहले कभी नहीं देखा होगा !
कहते है कि विनाश से पहले ,इंसान की बुद्धि उल्टी हो जाती है !ऐसा ही हुआ ,एक नवयुवक के साथ !जल्दबाजी ,लापरवाही और अज्ञानता आदि के चलते ,स्वयं को असुरक्षित स्थिति में ड़ालकर ,जीवन को बहने दिया ,बाढ़ के उफनते पानी में !
आखिर क्यों ,सब्र नहीं था उसे ?क्या उसे अपने परिवार की चिंता नहीं थी ?क्या कोई अपने जीवन से ,ऐसे भी खेलता है ?क्या ये मौत का खंजर था ?क्या ये मौत का मंजर था ?नहीं पता !कौन है ये शख़्स ?कहाँ का वीडियो है ?किसने वीडियो बनाया ?ऐसा आपने पहले कभी नहीं देखा होगा !
'बर्बाद इंडिया न्यूज़ 'पर इस वीडियों को देखने के लिए ,यहाँ क्लिक करें -
https://www.youtube.com/watch?v=UgV8-FWrFu4
चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा -मुख्य कार्यकारी अधिकारी (चैनल ) |
9/13/20
एक और सोनू सूद ! सोनू सूद की जलाई अलख से ,देश में इंसानियत का प्रसार ! सतपाल चावला ने ,अपने पैसे खर्च कर, मज़दूर को घर भिजवाया -बर्बाद इंडिया / मनोज बत्रा (एडिटर) !
सोनू सूद की जलाई अलख से ,देश में इंसानियत का प्रसार !
सतपाल चावला ने ,अपने पैसे खर्च कर, मज़दूर को घर भिजवाया !
दिनांक -13 सितम्बर ,2020 .
कुलदीप नगर,राजपुरा (पंजाब ). (मनोज बत्तरा द्वारा ).
कोरोना के वैश्विक -संकट के चलते ,मुंबई के प्रवासी मज़दूरों को ,अपने खर्च पर फिल्म -अभिनेता सोनू सूद ने ,उन्हें उनके घर तक पहुँचाने की, जो मुहिम शुरू की थी ,उसका असर देश के हिस्सों में भी देखने को मिल रहा है !या यूँ कहे कि सोनू सूद ने मानवता की मिसाल की जो अलख जलाई ,उससे लोगों में भी मानवता का प्रसार हुआ है !सचमुच, सोनू सूद द्वारा ,किये गए उच्च -स्तरीय,लोक -कल्याण के कार्यों के कारण ही ,वे देश के असली हीरो है !
आज मानवता का एक साक्षात् किस्सा देखने को मिला !लगा एक और सोनू सूद सामने है !कुलदीप नगर निवासी ,राधा -स्वामी सतपाल चावला ने 30 रूपये टैम्पू का किराया खर्च करके ,एक बिहारी मज़दूर को ,पटियाला में ,उसके चाचा के घर पहुँचाया !
दरअसल वह बिहारी इस समय ,गोरखपुर ,उत्तर प्रदेश से शाम के वक़्त राजपुरा पहुंचा था।रास्ते में उसके सारे पैसे खर्च हो गए थे !वह पटियाला का रास्ता पूछकर ,पैदल ही ,26 किलोमीटर दूर पटियाला जाने लगा तो सतपाल चावला की मानवता जाग गई ,उन्हें ये भी डर था कि देर रात वह ,पैदल पटियाला पहुंचेगा ,तो कर्फ्यु के कारण उसे पुलिस वाले भी ,तंग करेंगे !खैर ,उन्होंने 30 रूपये टैम्पू का किराया खर्च करके,उस बिहारी मज़दूर को पटियाला के लिए ,टैम्पू में रवाना कर दिया।
पेशे से स्वयं टैम्पू के वाहक ,सतपाल चावला मृदुभाषी ,मिलनसार और हँसमुख इंसान है !उनके मना करने के बावजूद ,इस समाचार को ,बड़ी खबर मानकर ,लोगों तक पहुँचाना ,'बर्बाद इंडिया 'अपना कर्तव्य समझता है और अपनी शुभकामनाओं से उन्हें सम्मानित करता है !
चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा |
आश्चर्यजनक ! 7 साल का 'मकड़ी मानव 'हिंदुस्तान में ! 'स्पाइडर ब्वॉय ' के दीवारों पर चढ़ने-उतरने के पीछे ,पूर्व -जन्म व प्रबल इच्छा -शक्ति !@विचारक मनोज बत्रा-बर्बाद इंडिया / मनोज बत्रा (एडिटर)
7 साल का 'मकड़ी मानव 'हिंदुस्तान में !
'स्पाइडर ब्वॉय ' के दीवारों पर चढ़ने-उतरने के पीछे ,पूर्व -जन्म व प्रबल इच्छा -शक्ति !@विचारक मनोज बत्रा
दिनांक -13 सितम्बर ,2020 .
कानपुर (उत्तर प्रदेश ). (मनोज बत्तरा द्वारा ).
7 साल का बच्चा ,तीसरी कक्षा का छात्र, यदि स्पाइडर मैन की तरह ,झटपट दीवारों पर,बिना किसी सहारे के, बड़ी तेजी से ,चढ़ने -उतरने लगे ,तो इसे आप क्या कहेंगे ?कोई चमत्कार या कोई अनहोनी ?हमारे सामने भी जब ऐसे समाचार आते है ,तो हमारा मन भी आश्चर्य ,जिज्ञासा और कौतूहल से भर उठता है!
मीडिया -ख़बरों के अनुसार,कानपुर निवासी यसार्थ सिंह नाम का बच्चा ,ये हैरत अंगेज कारनामा कर डालता है !लोग यसार्थ सिंह को प्यार से ,'स्पाइडर ब्वॉय 'के नाम से पुकारते है !यसार्थ की माता श्रीमति गरिमा सिंह का कहना है कि यसार्थ स्पाइडर मैन मूवी से प्रभावित था ,जिसके परिणाम-स्वरूप इसके मन में ,दीवारों पर चढ़ने -उतरने की इच्छा हुई !वह छिपकली की तरह अपने हाथ और पैर के पंजों को ,दीवार पर चिपका लेता है !इस तरह दीवारों पर चढ़ने -उतरने का अभ्यास ,उसे सफलता की ओर ले गया। पर हमें डर लगा रहता है कि उसे कहीं चोट न लग जाये !यसार्थ एक बड़ा अधिकारी बनकर ,देश की सेवा करना चाहता है।
अब सवाल उठता है कि यसार्थ ये सब कैसे कर पाता है ,तो 'बर्बाद इंडिया 'ने इस प्रश्न का उत्तर खोजने की कोशिश की है !हमारी खोज के अनुसार ,बहुत से लोगों में पूर्व-जन्मों के संस्कार ,गुण आदि ,वर्तमान जन्म में भी ,थोड़े या ज्यादा आ सकते है !फिर सकारात्मक -शक्ति व प्रबल इच्छा -शक्ति भी ,ऐसे अजूबा कारनामों में अपनी भूमिका निभाती है !अब देखना ये भी होगा कि क्या बड़ा होने पर भी, यसार्थ ऐसे ही दीवारों पर चढ़-उतर पायेंगा !तो आप इन्तजार कीजिये ,'बर्बाद इंडिया 'पर ,भविष्य की इस न्यूज़ का !
चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा |
9/12/20
आश्चर्यजनक ! सोनू सूद की जरूरत ,भारतीय ग्रास कला को ,रोजगार -अवसर हेतू ! बंद आँखों से ,सरकंडे की अद्भुत कलाकृतियां बनाते है ,अभिषेक चौहान !-बर्बाद इंडिया / मनोज बत्रा (एडिटर)
सोनू सूद की जरूरत ,भारतीय ग्रास कला को ,रोजगार -अवसर हेतू !
बंद आँखों से ,सरकंडे की अद्भुत कलाकृतियां बनाते है ,अभिषेक चौहान !
दिनांक -12 सितम्बर ,2020 .
राजपुरा (पंजाब ). (मनोज बत्तरा द्वारा ).
अनादि काल से चली आ रही ,विरासती कला 'ग्रास आर्ट' के माहिर ,ग्रास आर्टिस्ट अभिषेक चौहान ,देश के प्रथम ऐसे कलाकार है ,जो आँखें बंद करके ,सरकंडे/घास से,विभिन्न प्रकार की अद्भुत कलाकृतियां बना सकते है।
केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय और पंजाब सरकार द्वारा ,अभिषेक को उनकी इस अद्भुत कला हेतू सम्मानित भी किया जा चुका है। अभिषेक का कहना है कि ये विरासती कला ,आज अपनी पहचान खोती जा रही है ,यदि भारत के रियल हीरो और फिल्म कलाकार सोनू सूद ,इस कला के अम्बैसेडर बने ,तो विश्व -स्तर पर ,ग्रास कला की खासी पहचान बन सकती है !सरकंडे से फूल ,सजावटी सामान ,गहने ,धार्मिक -चिन्ह और राखियां आदि को भी तैयार किया जा सकता है ,इसलिए स्वदेशी रोजगार के अवसर को पैदा किया जा सकता है !प्रवासी मजदूरों हेतू रोजगार उत्पन्न करने की मुहिम चलाने वाले ,सोनू सूद की आवश्यकता ,आज देश की इस अद्भुत ग्रास कला को भी है !
अभिषेक के पुराने चित्र ! आँखें बंद और तैयार कलाकृति ! |
चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा |
टेली-कॉलिंगनार ! रिश्तों के गेम -शो 'कौन बनेगा रिश्तेदार ?'में बत्रा ने करोड़ों की बाजी जीती ! रिश्तों में बातें छिपाना ,मतलब खुद का गलत होना !@को -एडिटर शिल्पा 'शैली '-बर्बाद इंडिया / मनोज बत्रा (एडिटर)
रिश्तों के गेम -शो 'कौन बनेगा रिश्तेदार ?'में बत्रा ने करोड़ों की बाजी जीती !
रिश्तों में बातें छिपाना ,मतलब खुद का गलत होना !@को -एडिटर शिल्पा 'शैली '
दिनांक -12 सितम्बर ,2020 .
राजपुरा -चंडीगढ़ (पंजाब ). (मनोज बत्तरा द्वारा ).
आज प्रात कोई दस बजे,इंट्यूशन हो रही थी ,कि जैसे शिल्पा 'शैली 'जी मुझे याद कर रही हो !बस ,फिर क्या था ,मैंने कॉल घुमा दिया। और बातों का सिलसिला जारी हो गया।
व्यक्तिगत कारणों से शिल्पा "शैली " के स्थान पर,प्रतीक -रूप में
अभिनेत्री शिल्पा शैट्टी का चित्र लगाया गया है ! |
-'सुबह -सुबह कॉल कर रहा हू ,इसलिए कि देखता हू कि आपमें कितनी एनर्जी है। 'मेरे इस कथन पर वे मुस्कुरा दी।
-'शिल्पा जी ,आपकी ये बात पूरी तरह सच निकली कि समय ,स्वयं समाधान लेकर आता है।मेरी बेटी की पूरी फीस स्कूल ने माफ़ कर दी। नहीं तो हालात ने कमर तोड़ दी थी।'
-'चलिए ,आपका एक तरफ से बर्डन कम हुआ। 'वे खुश होकर बोली।
आगे बात उनके ऑफिस की चली ,तो मैंने कहा कि'यदि कटमर की नियत लोन भरने की है ,तो कंपनी को भी ,उसके हालातों को समझते हुए ,उदारता बरतनी चाहिए।'इस पर शिल्पा जी ने कहा कि 'व्यवहार में ऐसा नहीं होता। '
'मैंने भी आज रास्ता तलाशने की भरपूर कोशिश की ,कि कोई एक तो सच्चा इंसान मिलेगा ,जो समस्या को सिरे चढ़ाएगा !मैंने आगे कहा। इस पर शिल्पा जी तपाक से बोली -'ये आपकी पॉजिटिविटी ही है ,जो आप विषम हालातों में लगे हुए हो !सौ में से वो एक इंसान खोजना होता है ,जिसके पास सॉलूशन होता है !'चौबीसों घंटे साकारात्मक रहने वाली ,शिल्पा जी के शरीर के निकट ,निश्चित रूप से,अवश्य ही प्रकाश-पुंज होगा !लगता है ,शोध के लिए वैज्ञानियों की टीम जरूर बुलवानी पड़ेगी !
आज बातों के दौर में, उत्साह और व्याकुलता तो थी ,पर कानों को मज़ा नहीं आ रहा था,क्योंकि बाईपास पर ट्रैफिक का शोर बहुत था। आज मुझे अपने बहरें होने का अहसास हो रहा था ,हा -हा !
बातें आगे बढ़ रही थी। आज शिल्पा जी ने ,मेरा मक्खन लौटाने का मन बना रखा था ,बोली-'आप जो लिखते हो ,वो बहुत गहराई में उतर जाता है!निष्कर्ष अच्छे निकालते हो आप !लेखन के प्रति आपकी ईमानदारी और मेहनत दिखती है !लेखों में नयापन होता है !बोरियत नहीं आती !'
'शिल्पा जी,मेरा पुनर्जन्म है !पिछले जन्म का ज्ञान और संस्कार है !बातों के मर्म अच्छे से समझ आते है !और मैं ,मन ही मन सोच रहा था कि शिल्पा जी मेरे सिरहाने बैठी हो ,मैं लिखता रहूँ ,वे तारीफ के पुल बांधती रहे !पर प्रभु ,कभी मुझमें मेरे लेखन का अंहकार मत भरना !मेरे पाँव हमेशा जमीन पर ही रखना !
बातों -बातों में शिल्पा जी ने ,फिर एक ऐसी बात बोल दी कि मैं उनके आगे ,फोन पे यार ,नतमस्तक हो गया !उन्होंने कहा कि मैं अपने निकटम संबंधों में अपना सब कुछ शेयर करती हू !कुछ भी उनसे छिपाती हूँ ,तो मैं गलत हूँ!'रिश्तों के प्रति शिल्पा जी कितनी ईमानदार है !कितने विश्वसनीय रिश्तें है ,उनके पास ,इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है !रिश्तों के प्रति ईमानदार इंसान ,जीवन में प्राय कम मिलते है ! मेरी नज़र में ,शिल्पा जी ,एक G R 8 और धनी महिला है ,क्योंकि उनके पास रिश्तें है और अब मैं भी तो हूँ ,उनका रखवाला ,उनका भाला !पर ,रिश्तों के मामले में ,अपना तो बुरा हाल है ,दोस्तों !सचमुच ,अकाल पड़ा हुआ है !पीठ में छुरा घौंपा गया !गलत समझा गया या यूँ कहूं कि मेरे वजूद को कभी समझने की कोशिश ही नहीं की गई !स्वार्थी दुनिया में अकेले हो गए हम !
कुछ को हमने छोड़ा ,कुछ ने हमको छोड़ा ,रह गया बस, अब लोगों से रिश्ता थोड़ा -थोड़ा !
दरअसल ,मुझे लोग जल्दी से पसंद भी नहीं आते !अब ये बात दूसरी है ,दोस्तों कि, रिश्तों के गेम -शो 'कौन बनेगा रिश्तेदार ?'में मैंने अभी करोड़ों की बाजी जीती है !उन एक से रिश्ता ,करोड़ों रिश्तों के बराबर है !
सवा लाख से ,ये रिश्ता लड़ाऊं /मिलाऊ (तुलना )!
तँ मनोज बत्तरा नां कहलाऊँ !!
खैर ,मैंने उनकी उक्त बात पर ,उन्हें तेज आवाज में ,जोरदार सैलूट किया ,-'सलूटटट ...... शिल्पा जी ,जबरदस्त वाला !'
हमारे बीच का टेली-कलिंगनार आगे बढ़ रहा था !
भूतकाल के धोखे ,फरेब और असफलताओं तथा अज्ञात भविष्य आदि को ध्यान में रखते हुए ,मैंने कहा कि 'कल मेरा नहीं था ,न आने वाला कल मेरा कभी हुआ ,इसलिए मैं आज में जीने लगा हूँ !आने वाला पल,जाने वाला है !हो सके तो इसमें जिंदगी बिता दो ,पल जो ये जाने वाला है !ये गीत सुना है ,आपने ?'
शिल्पा 'शैली 'जी मेरी इस बात पर,मुस्कुराते हुए बोली ,कि 'मैं पता क्या सोचती हूँ कि आज ऐसा काम करो ,जो भविष्य बनायें !'
यहाँ दरअसल ,हम दोनों के कहने का वे अलग -अलग था ,पर हम दोनों 'आज में' जीने की बात कर रहे थे। शिल्पा जी ने भी इस बात को माना !
आज पता नहीं ,क्यों अपराध-बोध हो रहा है मुझे !आज मैं अपने इस लेख के साथ न्याय नहीं कर पाया !शिल्पा जी की लम्बी ,मर्म वाली बातों को यहाँ लिख नहीं पाया,शायद तभी !घर आते -आते बहुत कुछ भूल गया !'अब यादाश्त तेज करने वाला टॉनिक नहीं पिलाओगे ,तो ऐसे ही होगा,शिल्पा जी !खैर ,आज का टेली-कालिंगनार आप भी लिखिए !दो बार ,अलग-अलग स्टाइल में छाप देंगे !घर की अखबार /वेबसाइट है !अपने केड़े पैसे लगदे हैं इत्थे !
"पहले तो मैं जॉबर थी ,राइटर बनाया आपने !"
चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा |
-'
9/11/20
हमारे बच्चें हमारी जिंदगी है ,हमारी दुनिया है। स्कूल भेजने का सवाल ही नहीं उठता !@मनोज बत्तरा -बर्बाद इंडिया / मनोज बत्रा (एडिटर)
साढ़े 44 लाख से अधिक कोरोना -केस,और कई तरह की छूट,आश्चर्यजनक और विचारणीय प्रश्न है!
हमारे बच्चें हमारी जिंदगी है ,हमारी दुनिया है। स्कूल भेजने का सवाल ही नहीं उठता !@मनोज बत्तरा
दिनांक -11 सितम्बर ,2020 .
राजपुरा -चंडीगढ़ (पंजाब ). (ईश्वर आज़ाद द्वारा ).
दिनांक 10 सितम्बर ,2020 के 'दैनिक ट्रिब्यून 'के सम्पादकीय 'सतर्कता संग शिक्षा 'पढ़कर ,वर्तमान में शिक्षा की दशा और दिशा ने ,'बर्बाद इंडिया न्यूज़ 'के मुख्य संपादक और पत्रकार मनोज बत्तरा का ध्यान आकर्षित किया।लेख में बताया गया कि सरकार ने आगामी 21 सितम्बर से ,कक्षा नौवीं से लेकर बारवीं कक्षा तक के छात्रों हेतू स्कूलों को आंशिक रूप से खोलने का मन बनाया है। लेख में कोरोना के वैश्विक -संकट के चलते ,वर्तमान में छात्रों की मनोदशा और चिंताओं का भी जिक्र है। लेख में ,ग्रामीण इलाकों में ख़राब इंटरनेट,बिजली -समस्या ,गरीबी आदि के कारण ऑनलाइन -शिक्षा में आ रही ,रुकावटों को भी प्रमुख रूप से उजागर किया गया है।
बत्तरा ने कहा कि देश में यदि कोरोना -केस लाखों में है ,तो एक अभिभावक की हैसियत से ,सरकार के ,इस मूर्खता -पूर्ण फैसले का स्वागत और समर्थन मैं कभी नहीं करूँगा। हमारे बच्चें हमारी जिंदगी है ,हमारी दुनिया है। स्वैछिक विकल्प और अनुमति का प्रश्न ही नहीं उठता। माना कि कोरोना -संक्रमण के बाद ,लागू लॉकडाउन ने देश में शिक्षा के अधिकार के दायरों को संकुचित कर दिया है। पर इस बात की क्या गारंटी है कि बच्चें और स्कूल ,नियमों के पालन में लापरवाही नहीं करेंगे और बच्चों को कोरोना -संक्रमण नहीं होगा। देश में 12000 कोरोना -केसों के आने पर तो बड़ा लॉकडाउन लगा दिया जाता है और वर्तमान में साढ़े 44 लाख से अधिक कोरोना -केस आने पर ,कई तरह की छूट दी जा रही है -ये आश्चर्यजनक और विचारणीय प्रश्न है।
बत्तरा के उक्त आशय का पत्र ,आज 'दैनिक ट्रिब्यून 'के चंडीगढ़ ,करनाल और गुड़गांव तीनो संस्करणों में ,करोड़ों पाठकों हेतू 'ट्रिब्यून 'के सम्पादकीय -पृष्ठ पर ,'आपकी राय 'कॉलम के अंतर्गत प्रकाशित हुआ।बत्तरा का कहना है कि लेखन और पत्रकारिता के इस मुकाम पर ,वे बिना मार्ग-दर्शन और स्वप्रेरणा से पहुंचे है ,जिसके पीछे उनकी वर्षों की अथक मेहनत और समाज के प्रति दायित्व -बोध है।
9/9/20
शिल्पा के कारण; बत्रा के फ्रिज का मक्ख़न ,थोड़ा कम हुआ !-बर्बाद इंडिया / मनोज बत्रा (एडिटर)
'बर्बाद इंडिया 'की सबसे बड़ी प्रशंसक,शिल्पा 'शैली ',फिर पुरस्कृत !
शिल्पा के कारण; बत्रा के फ्रिज का मक्ख़न ,थोड़ा कम हुआ !
दिनांक -9 सितम्बर ,2020
राजपुरा -चंडीगढ़ (पंजाब ). (शिल्पा 'शैली 'और मनोज बत्रा द्वारा ).
रियल और वास्तविक ,उन्हें इंसान कहना अटपटा लग रहा है ,इसलिए रियल और वास्तविक रब जैसे लोगों के अंतर्मन की पहचान ,उनकी आवाज में परिवर्तन से हो जाती है। दरअसल ,वे अंदर से जो, जी रहे होते है ,वो ही उनके चेहरे और आवाज से झलक रहा होता है। आज जब 'बर्बाद इंडिया'की उप -संपादक शिल्पा जी 'शैली'का कॉल आया ,तो उनकी आवाज साफ़ दिखा रही थी ,कि वे अंदर से कुछ उखड़ी हुई -सी थी। इस बात पर, मेरे पूछने पर वे नहीं मानी ,बोली -'नहीं कोई बात नहीं !'यहाँ मैंने उन्हें आवाज सही करने हेतू काढ़ा पीने की सलाह दी !खैर ,बत्तरा साहेब ,तो पूर्व -जन्मों के अंतर्ज्ञान और संस्कारों के धनी है ,अनकही बातें ,कम कही बातों के मर्म को ,गहरे तक समझ जाते है !
व्यक्तिगत कारणों से शिल्पा "शैली " के स्थान पर,प्रतीक -रूप में अभिनेत्री शिल्पा शैट्टी का चित्र लगाया गया है ! |
मैं हैरान तब हुआ ,जब उक्त बात से जुडी बात उन्होंने बोल डाली -'सर ,लगता है इन दिनों आप काफी बिजी रहे ,जो हमारी बात नहीं हुई ,,,,,,पिछले टेलि-कॉलिंगनार का शेष-भाग मैंने पढ़ा !एक-एक बात आपने बड़ी गहराई से ,मर्म के साथ और अंत में निष्कर्ष देकर लिखी !लगता है ,मनोज सर ,आप कागज -पैन साथ रखते हो !'
मन में उनकी बात सुनकर ,सोच रहा था कि प्यार हो ,दोस्ती हो या फिर कोई भी रिश्ता ,जब आदत बन जाता है ,तो वह अपनी अहमियत खो देता है !'नहीं ,बिजी नहीं था ,कुछ लापरवाही और कुछ संशय के कारण ,आपसे बात नहीं कर पाया !,,,,और जहाँ तक गहराई और मर्म के साथ लिखने का सवाल है ,तो पहले मैं दिये टॉपिक पर लिखता था। पर फिर जीवन के अनुभवों से ,अंतर्ज्ञान हुआ कि नहीं ,दिमाग के साथ दिल से भी लिखो। जो जियो वो लिखो ,ऐसी सच्चाई लिखो ,जो दुनिया के काम आ सके !और खुद में चिंतन -मनन से ,ऐसे निष्कर्ष पैदा करो ,जो आम -जन को ,जीवन की जटिलता में दिशा दे !शिल्पा जी ,इसी का नाम तो साहित्य है !ऐसा लेखन ,ऐसा साहित्य, जिसमें विश्व का कल्याण और परोपकार छिपा है ! ऐसा साहित्य लिखना-पढ़ना सकारात्मकता पैदा करता है और विश्व-कल्याण और परोपकार की भावनायें ,इंसान को भक्ति की ओर ले जाती है !'
खैर ,दोस्तों ,जो भी है ,शिल्पा 'शैली जी मेरी और 'बर्बाद इंडिया 'की सबसे बड़ी प्रशंसक है !उनकी स्वादिष्ट आवाज में ,तारीफ सुनकर स्वाद आ जाता है ,मानो ऐसे लगता है ,जैसे कोई बड़ा राष्ट्रिय -पुरस्कार मिला हो ,लिखना सफल हुआ हो !अब शिल्पा जी का सम्मान बनता है, भाई ! मुख्य सम्पादक की हैसियत से मैं उनको 'बर्बाद इंडिया 'की सबसे बड़ी प्रशंसक होने की घोषणा,पुरस्कार सहित करता हूं !
हमारे बीच का टेलि-कालिंगनार ,अपने पूरे हुस्न पर था।शिल्पा जी बोली -'मेरे बॉस मुझसे बोले ,शिल्पा ,ऐसा आपमें क्या है ,जो काम हम सीनियर होकर भी नहीं कर पाते ,वो आप कर डालते हो !कंपनी के जो ग्राहक किश्तें नहीं भर रहे होते है ,वे आगे -पीछे किश्तें भरने लगते है !'यह सुनकर मैं भी खुश था कि मेरी सखी की ऑफिस में बहुत इज्जत है !खैर,शिल्पा जी ने आगे बॉस से कहा कि 'सर ,कंपनी के ग्राहकों से मेरी बॉन्डिंग अच्छी रहती है,उनकी मजबूरी को समझती हूँ ,किश्त भरने के लिए ,जोर नहीं डालती !सर ,कोई भी समस्या ,सही समय और सही जरिया आने पर ही ,स्वयं हल होती है !बस ,कंपनी और ग्राहकों को सब्र से काम लेना चाहिए !कंपनी के ग्राहक मुझ पर विश्वास करते है !'उनकी बात बीच में रोक ,उत्सुकता में गलतियां होती रहती है ,मैं बोल पड़ा कि 'विश्वास किया नहीं जाता ,हो जाता है!'
और इधर मुझे ये भी लग रहा था कि अपने फ्रिज का थोड़ा मक्ख़न आज कुछ और कम करूँ !'दरअसल ,आपकी मधुर और बैलेंस आवाज लोगों पर असर डालती है और वे पॉजिटिव होकर ,एक्टिव हो जाते है !'मैं ये सब उनसे बोला ,मन में यह सब सोचते हुए भी ,कि तैनूं तां निन्द आ जांदी है ,इनहादि ग्लां सुनके ,जिवें सप्प ,सो जांदा है ,बीण दी आवाज तें !
दरअसल , शिल्पा जी को खुद भी नहीं मालूम ,कि उनकी आवाज में जादू है ! सुनने वाले में भी ,आवाज की आवृति ,बैलेंस ,मर्म आदि को समझने की शक्ति होनी चाहिए !वैसे तो कोई इंसान पूर्ण नहीं होता ,पर नवजोत सिंह सिद्धू के स्टाइल में कहूं तो,'मोहतरमा ,तुसी कम्प्लीट हो ,सारियां नूं करदे ,पलित्त हो !'भई ,अपनी तो बेहतरीन इंसान वाली तलाश इनसे पूरी हो गयी है !
"बत्तरा साहब ,बस करो आप !इतनी तारीफ भी कोई मुँह पे करता है ?"
-"अरे , पगले मन !मैं तो सखी साहिबा की तारीफ ,फ़ोन पे कर रहा हूँ !"
चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा |
9/8/20
विकास -मुद्दे पर ,शरारती तत्व हमेशा मुँह की खाएंगे ! @पत्रकार मनोज बत्रा -बर्बाद इंडिया / मनोज बत्रा (एडिटर)
विकास -मुद्दे पर ,शरारती तत्व हमेशा मुँह की खाएंगे !
@पत्रकार मनोज बत्रा
दिनांक -8 सितम्बर ,2020 .
कुलदीप नगर ,राजपुरा (पंजाब ). (ईश्वर आज़ाद द्वारा ).
पिछले दिनों लोकल बॉडी विभाग ने,वार्ड -बंदी सम्बन्धी नोटिफिकेशन जारी करके ,वार्ड 15 को ,एस सी महिला आरक्षित घोषित किया था !इस तरह राजनीतिक सरगर्मियों के साथ -साथ ,प्रॉपर्टी सलाहकारों के भी हौंसले बुलंद रहे !उन्हें लग रहा है कि नगरपालिका में ,क्षेत्र के आने से और राजपुरा में आई टी पार्क बनने से ,कुलदीप नगर में ,प्लॉट के रेट 25000/-रुपये गज तक पहुंचेगें !किन्तु वर्तमान में ,यहाँ के निवासी मूलभूत सुविधाओं के अभाव में ,नारकीय जीवन जीने को मज़बूर है !जल -भराव ,गंदगी ,सीवरेज,चोरियां आदि यहाँ की प्रमुख समस्याएँ है !लापरवाही के चलते ,पिछले दिनों बिजली के खम्बों से ट्यूब्स लाइट्स और लोगों के बैठने वाले ,दो सरकारी बैंच भी चोरी हुए है !
फाइल फोटो |
फाइल फोटो |
पिछले कई दिनों से ,स्थानीय लोगों में ,कुलदीप नगर के ,नगरपालिका में आने और मुख्य सड़कों के निर्माण हेतू लाखों रूपये की ग्रांट आने की, चर्चा जोरों पर रही !आज राजनीति की बेहद समझ रखने वाले, पंच सरदार सतविंदर सिंह चंदूमाजरा ने, बेहद उत्साहित होकर बताया कि गांव में ,मुख्य सड़कों का निर्माण किया जा रहा है !इस ख़बर को आप प्रमुखता से ,प्रकाशित करें !
सतविंदर सिंह चंदूमाजरा |
इस सम्बन्ध में पत्रकार बत्रा से बात हुई ,तो उन्होंने कहा कि जीने हेतू क्षेत्र का विकास जरुरी है !गुटबाजी और गांव का माहौल ख़राब करने वाले शरारती तत्त्व ,विकास के मुद्दें पर ,हमेशा मुँह की खाएंगे !बत्रा ने आगे कहा ,चूँकि राजपुरा नगरपालिका और सम्बंधित समस्त ग्राम -पंचायतें ,इस समय राजपुरा -प्रशासक ,माननीय एस डी एम के अधीन है,तो न जाने किस कानून के अंतर्गत , ग्रांटे आ रही है और सड़क का निर्माण शुरू होने जा रहा है !
चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा |
k
9/6/20
दुनिया के पास ,अब बचा यही रास्ता ! वैश्विक -शांति हेतू वैश्विक -उदारता और चीन के यू -टर्न की आवश्यकता ! @ मनोज बत्तरा -बर्बाद इंडिया / मनोज बत्रा (एडिटर)
सम्पादकीय-
आचार्य मनोज बत्तरा के कीपैड से !
दुनिया के पास ,अब बचा यही रास्ता !
वैश्विक -शांति हेतू वैश्विक -उदारता और चीन के यू -टर्न की आवश्यकता ! @ मनोज बत्तरा
"तिब्बत हमारी हथेली है ,तो लद्दाख ,नेपाल ,भूटान ,अरुणाचल और सिक्किम हमारी अंगुलियाँ है !"-सन 1950 में ,दक्षिण एशिया के संदर्भ में,चीन के तत्कालीन शासन -प्रमुख माओत्से तुंग की इस सार्वजनिक टिप्पणी के आते ही ,भारत को सतर्क हो जाना चाहिए था,किन्तु तब हम राग अलापते रहे -"चीनी -हिंदी ,भाई- भाई !"और सन 1962 में चीन ने ,भारत पर आक्रमण कर ,उसका 37000 वर्ग किलोमीटर से अधिक का क्षेत्र,कब्जा लिया ,जिसे भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने ,संसद में भूमि का निर्जन टुकड़ा बताकर ,बात को 'आया राम ,गया राम' कर दिया था। इससे चीन की हिम्मत बढ़ी ,और उसने धीरे -धीरे ,लगातार भारतीय क्षेत्र पर ,बेखौफ अपना कब्ज़ा बढ़ाना जारी रखा और परिणाम-स्वरूप आज वाली स्थिति आ गई।
आज वैश्विक कोरोना -संकट की जिम्मेदारी के, चीन व अमेरिका के बीच आरोप -प्रत्यारोप ,अत्यधिक मानवीय -हानि ,हर प्रकार के संकटों के माहौल में ,चीन को वैश्विक विरोध,बहिष्कार ,अविश्वास ,बदनामी और निर्यात पर टिकी चाइनीज अर्थव्यवस्था को बड़े -बड़े झटके सहन करने पड़ रहे है। चीन को घेरने और उस पर लगाम कसने हेतू ,चीन के खिलाफ वैश्विक -घेराबंदी को तेज किया जा रहा है !चीन के खिलाफ अमेरिका ,भारत -ऑस्ट्रेलिया -जापान संग 'नाटो' जैसा संगठन बनाने की तैयारी में है। पूर्व में ,1991 में अमेरिका ,तिब्बत की सरकार को मान्यता देकर, उसकी स्वतंत्रता का अनुमोदन कर चुका है। और सन 1960-61-65 में तीन बार, संयुक्त राष्ट्र संघ तिब्बतियों पर, चाइना के अमानवीय अत्याचारों की निंदा कर चुका है।
निकट भविष्य में ,पूर्व में हुई भूलों में सुधार करते हुए ,भारत लेह में छोटे से कार्यालय में स्थित ,तिब्बत की निर्वासित सरकार और ताइवान को मान्यता देकर, फ्रांस ,ब्रिटेन,कनाडा,भूटान,ताइवान ,इंडोनेशिया ,अफगानिस्तान ,वियतनाम ,दक्षिणी कोरिया ,इजराइल आदि विश्व के देशों से ,इस मुद्दे पर समर्थन प्राप्त कर ,उनसे भी तिब्बत की निर्वासित सरकार और ताइवान को मान्यता दिलवा सकता है। ताइवान सरकार ने तो बिना मान्यता के भी ,भारत को सैन्य -सहायता देने को कहा है। ताजा घटना-क्रम में ,चीन के खिलाफ मोर्चाबंदी तेज करते हुए ,ताइवान ने उसके एक विमान को,अपने क्षेत्र में घुसने के कारण मार गिराया है।
भारत द्वारा चीन के खिलाफ ,सन 1962 में गठित ,मेजर जनरल सुजान सिंह वाली,गुप्त फ़ोर्स 'स्पेशल फ्रंटियर फ़ोर्स 'को फिर से मोर्चा सँभालने हेतू तैयार किया गया है। दुश्मन को मुँह -तोड़ जवाब देने हेतू भारतीय सेना को ,महाघातक राफेल और इंगला एयर डिफेंस सिस्टम से भी सुसज्जित किया गया है।अभी हाल ही में,भारत ने हाइपरसोनिक मिसाइल -तकनीक का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है।
भारत द्वारा चीनी -एप्स -प्रतिबंध ,चीन से आयातित माल पर ड्यूटी -वृद्धि और चीनी ठेकों को रद्द करने आदि से भी चीन बौखला गया है। ताजा घटना-क्रमानुसार ,500 चीनी-सैनिकों द्वारा ,पैंगोंग त्सो झील के दक्षिणी इलाके को कब्जाने की नाकाम कोशिश हुई। चीन अवैध कब्जों ,लगातार घुसपैठ आदि चालों से सीमा -विवाद को तनावपूर्ण बना रहा है और सैन्य व राजनयिक वार्ताओं को भी सिरे नहीं चढ़ा रहा है ।दोनों के बीच सीमा -विवाद समाप्त होने की संभावना ,दिनों-दिन नगण्य होती जा रही है।
वर्तमान परिपेक्ष्य में , रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और विदेश सचिव हर्षवर्धन शृंगला के ये बयान महत्वपूर्ण मानें जा रहे है।
मास्को में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन के एक सम्मेलन में ,रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि "क्षेत्रीय स्थायित्व ,शांति और सुरक्षा हेतू आक्रामकता ,एक -दूसरे के हितों के प्रति संवेदनशीलता ,मतभेदों का शांतिपूर्ण समाधान ,अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का सम्मान,परस्पर विश्वास का माहौल प्रमुख पहलू है।" उन्होंने आगे अपने बयान में,आंतकवाद के खिलाफ संस्थागत क्षमता विकसित करने और पारदर्शी व् समग्रता लिए, मर्यादित वैश्विक सुरक्षा ढांचे के विकास की वकालत की।
भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन शृंगला ने भी ,चीन को चेतावनी दे दी ,कि "सीमा पर शांति होने तक ,हमारे व्यापारिक -सम्बन्ध ,सामान्य रूप से नहीं चल सकते। भारत अपनी क्षेत्रीय अखंडता व सम्प्रभुता की रक्षा हेतू दृढ़ता के साथ प्रतिबद्ध है और इस पर कायम रहेगा। "उन्होंने आगे कहा की कि संकट के कठिन पलों में ,भारत चीन से सैन्य व राजनयिक स्तर पर ,सम्पर्क व संवाद बनाये हुए है।
चाइना से भी कुछ सवाल किये जा सकते है कि आखिर इतने बड़े वैश्विक -विरोध को चाइना कैसे झेल पायेगा !विश्व -बिरादरी के बिना चाइना जी सकेगा ?क्या अपने करोड़ों लोगों का पेट भर पायेंगा ?क्या तिब्बत आदि देशों की सम्प्रभुता को भंग करने का नैतिक अधिकार चाइना के पास था ?
चाइना को इस बात का डर,आशंका और समझ भी होनी चाहिए कि आम जनता ,सरकार की कुटिल नीतियों का कभी साथ नहीं देती ,उसे तो अपने जीवन से मतलब होता है !अपने परिवार के जीवन को बचाने के लिए ,ये सरकार का प्रबल और हिंसक विरोध तक कर डालते है !वैश्विक-आक्रमण की स्थिति में चाइना में ,भविष्य में गृह-युद्ध के हालात पैदा हो सकते है।
खोई हुई वैश्विक-साख व शक्तिशाली देश का पुनः रुतबा पाने के लिए ,सुरक्षा -परिषद की स्थाई सदस्यता-निलंबन टालने के लिए ,विभिन्न देशों से द्विपक्षीय -सम्बन्ध बेहतर बनाने के लिए ,अंतर्राष्ट्रीय- न्यायालय में लगने वाले संभावित केस को ,कमजोर और उदार करने के लिए ,आज चाइना को वर्तमान की वैश्विक -परिस्थितयों में ,अपने अहंकार ,हवस ,साम्राज्यवादी ,बाज़ारवादी ,भोगवादी ,मानवता विरोधी और कुदरत विरोधी (कोरोना -संकट ) नीतियों में सुधार लाकर , यू -टर्न लेना होगा। अब शांति -दूत के रूप में चाइना को नई भूमिका निभानी चाहिए। शांति -दूत बनकर,चाइना विश्व -बिरादरी को विश्वास दिलायें कि भविष्य में वो ऐसा कोई कार्य नहीं करेगा ,जिससे वैश्विक -संकट उत्पन्न हो और विश्व के विभिन्न देशों के साथ ,उसके सम्बन्ध खराब हो !वर्तमान परिस्थितियों में ,चाइना के पास उक्त उद्देश्यों को पाने के लिए,उक्त रास्ते के अलावा कोई चारा नहीं है। बस, उसे कुछ तकलीफ दायक त्याग करने होंगे !युद्ध से वह कभी भी इन उद्देश्यों की पूर्ति सुनिश्चित नहीं कर पायेंगा।
वैश्विक -शांति-प्रयासों में पहल के तौर पर ,चाइना प्रभावित देशों की सम्प्रभुता बहाल करें और तिब्बत की जमीन से भी अपने पैर पीछे हटाकर ,तिब्बत को स्वतंत्र राष्ट्र घोषित करें।सन 1962 के समय, भारत का 37000 वर्ग किलोमीटर एरिया चाइना ने कब्जा लिया था ,वह भी लौटा दें।ऐसा करने से भारत की विदेश -नीति /तटस्थता की नीति प्रभावित नहीं होगी।
अन्तर्राष्ट्रीय मीडिया के सामने ,चाइना ये भी कह दे ,कि पाकिस्तान को आतंकवाद को प्रायोजित करना बंद करना होगा और कश्मीर-राग अलापना बंद करके, भारत से अपने रिश्तें सुधारने होंगें !ऐसे पाकिस्तान ,चाइना से डरकर ,भारत को परेशान करना बंद कर देगा !वैश्विक -शान्ति -प्रयासों में फिर चाइना की भी तारीफ़ होगी !
चूँकि हर देश सैद्धांतिक रूप से आत्म -निर्भर होना चाहिए ,इसलिए चाइना के अनावश्यक निर्यात को नियंत्रित करने का,चाइना द्वारा विश्व को आश्वासन देना होगा।
कोरोना -संकट से जूझ रहे ,विश्व के विभिन्न देशों और विश्व -स्वास्थ्य -संगठन को,और अधिक आर्थिक सहायता चाइना को देनी होगी।
आज आवश्यकता है ,वर्तमान की वैश्विक -परिस्थितयों में ,वैश्विक -शांति के प्रयासों में ,वैश्विक -उदारता,सकारात्मक सोच और विश्व के लिए सद्बुद्धि और सदभावना की !रक्त -रंजित,भीषण संभावित तीसरे विश्व -युद्ध की विभीषिका से समस्त विश्व को बचाने ,सामान्य अवस्था में लाने और सुगमता से विकास की ऒर अग्रसर करने हेतू विश्व-बिरादरी को पिछला सब-कुछ भुलाना होगा।मजबूर विश्व के पास भी ,इसके अलावा कोई चारा नहीं है।
निष्कर्षतः चाइना को जिद्द छोड़नी होगी। अपनी विस्तारवादी नीतियों पर अंकुश लगाना होगा। बच्चें कम पैदा करने होंगें या बच्चों की पैदाइश पर ,कुछ समय प्रतिबंध लगाना होगा। ताकि दूसरे की जमीन हड़पने की जरूरत ही न पड़े ! निर्वासित जीवन की कठिनाइयों और असीम दर्द -वेदना को समझना होगा। चाइना को ये भी समझना होगा कि वैश्विक -शांति में ही चाइना और विश्व का चंहुमुखी विकास संभव है !
चाइना चूँकि महान शक्तिशाली है,जो चाहे फैसला लें। दुनिया को बर्बाद या आबाद करना ,अब चाइना के हाथ में है !अब देखना होगा, कि चालबाज समझे जाने वाला चीन, दुनिया को किस और धकेलता है !अब ईश्वर ही ,चाइना में विश्व हेतु सद्बुद्धि और सदभावना भर पाएं -ऐसी कामना है !
-मनोज बत्तरा
(लेखक स्वतंत्र पत्रकार और 'बर्बाद इंडिया न्यूज़' के मुख्य संपादक है!)
crownmanojbatra@gmail.com
चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा |