7/11/20

दैनिक ट्रिब्यून द्वारा पत्रकार मनोज बत्तरा पुरस्कृत !-बर्बाद इंडिया /मनोज बत्रा (एडिटर )

दैनिक ट्रिब्यून द्वारा पत्रकार मनोज बत्तरा पुरस्कृत !

10 जुलाई,2020.
राजपुरा (पंजाब ).(ईश्वर आज़ाद द्वारा ).

     दैनिक ट्रिब्यून,चंडीगढ़ द्वारा ,बर्बाद इंडिया  न्यूज़ के मुख्य संपादक,फिल्म-निर्देशक,पत्रकार व साहित्यकार  मनोज बत्तरा को सम्मान दिया गया।



     सम्मान-स्वरूप, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री तथा महामहिम राज्यपाल से सम्मानित, डॉक्टर मधुकांत के लघु-कथा-संग्रह"तूणीर " की पुस्तक भिजवाई गई !






   यह पुस्तक दैनिक ट्रिब्यून ,चंडीगढ़ के मुख्य संपादक श्री राज कुमार सिंह द्वारा, अपने प्रमाणित हस्ताक्षर के साथ, बत्तरा को भिजवाई गई।



      आपको जानकारी दें दें कि दैनिक ट्रिब्यून के संपादक द्वारा ,अपने सम्पादकीय -पृष्ठ पर "जन -संसद" नामक कॉलम के लिए, प्रबुद्ध और विचारशील पाठकों से "चीनी उत्पादों के बहिष्कार की तार्किकता "  विषय में विचार आमंत्रित किये थे।
       अपने विचारों के अंतर्गत ,बत्तरा ने चीनी -सामान के बहिष्कार की पुरजोर वकालत की और इस बात पर जोर दिया कि चीनी -सामान का ,जनता से पहले सरकार बहिष्कार करें।
       यहाँ यह जानना भी जरूरी है कि इस पत्र के प्रकाशित होने से पहले ही ,भारत सरकार ने ,भारत की सम्प्रभुता और रक्षा का बहाना बनाकर ,चीन के बहुत सारे एप्प प्रतिबंधित करके ,गलवान घाटी में ,चीन से झड़प में शहीद हुए सैनिकों का बदला ले लिया। 
       6 जुलाई,2020 को बत्तरा के विचारों के आशय का सम्पादित और संक्षिप्त पत्र ,पुरस्कृत पत्र के रूप में,दैनिक ट्रिब्यून के चंडीगढ़ ,करनाल और गुड़गांव संस्करण में  प्रकाशित हुआ।




     बहुत बड़ी सर्कुलेशन वाले और बेहद सम्मानित पत्र "दैनिक ट्रिब्यून" से सम्मान पार कर ,बत्तरा बेहद उत्साहित और प्रफुलित है। वे दैनिक ट्रिब्यून के संपादक -मंडल के हृदय से आभारी है।


मनोज बत्तरा  का विस्तृत -पत्र -


चीनी उत्पादों के बहिष्कार की तार्किकता !



चीनी सामान का, जनता से पहले सरकार बहिष्कार करें!-आचार्य मनोज बत्रा 

India said tata-byebye to Chinese products by boycotting it


     देश में चीनी सामान के बहिष्कार की मांग समय -2 पर ,पूर्व में उठती रही है !क्योंकि बहुत सारे लोग स्वदेशी सामान के उपयोग को निश्चित करके ,भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देना चाहते है!आज वर्तमान में ,गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों की घात लगाकर,चीनी सैनिकों द्वारा निर्मम हत्या,उनकी शहादत ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया !

हर कोई दुत्कार रहा चीन में बने ...

    फलस्वरूप प्रत्युत्तर में ,चीनी सामान के बहिष्कार की मांग ,भारत में जोर पकड़ रही है !
  क्या इस दिशा में सरकार के पास कोई ठोस नीति है ?इस प्रश्न के जवाब में यही कहा जा सकता है कि नहीं है !क्योंकि सरकार का पूर्व व्यवहार इस पक्ष में दिखाई नहीं देता !वीवो जैसी कम्पनी को लगभग 441 करोड़ के कंटरोपट /टेंडर दिए जाते है ! पटेल की मूर्ति तक चीन से मंगवाई जाती है !ये मूर्ति देश में बन सकती थी !

OLX पर 'स्टेच्यू ऑफ यूनिटी' को बेचने ...

  क्या हम चीनी सामान का विकल्प दे सकते है ?शायद समान विकल्प नहीं दे सकते !कुछ विभिन्न उत्पादों के लिए अनुपलब्ध कच्चा माल,चीन से ज्यादा प्रोडक्शन ऑफ़ कास्ट,उच्च क्वालिटी और उच्च टेक्नोलॉजी का आभाव ,पर्यावरण व श्रम कानूनों का सख्त होना तथा शिथिल प्रशासन आदि इसके पीछे के कारण है!
  क्या लोग सस्ते का मोह छोड़कर ,देसी उत्पादों को प्राथमिकता देंगे ?देखिए ,जब प्रश्न देश -भक्ति का होता है ,मातृभूमि का होता है ,तो देशभक्त जनता सस्ते का मोह नहीं करेंगी !  देसी उत्पादों को प्राथमिकता जरूर देगी ! परिणाम आने शुरू तो हो गए है !बहुत सारे लोगो ने चीनी एप्स डिलीट किये है !

RepublicDay2019: आज भी दिल को छू लेते हैं ये ...

  और अगर देश में स्वदेशी वस्तुओं के अधिकतम उपयोग का कानून बन जाये !कम आर्थिक -विषमता हो !धन का समान वितरण हो !प्राकृतिक संसाधनों पर समाजवादी व साम्यवादी दृष्टिकोण हो !भ्र्ष्टाचार खत्म हो ,तो देश आर्थिक रूप से सबल बन जायेगा !
    किन्तु "जैसा राजा ,वैसी प्रजा"वाली कहावत को भी नहीं भूलना चाहिए !यदि सरकार चीनी सामान के बहिष्कार की पहल नहीं करेंगी ,तो हममें से बहुत सारे भोले-भाले लोग ,स्वदेशी के महत्व को समझ नहीं पाएंगे !भारत सरकार को चाहिए कि वीवो सहित समस्त चीनी कंपनियों के कंटरोपट ,टेंडर रद्द करें !चीनी सामान के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाएं ! 
   निष्कर्षः चीन को सबक सीखने के उद्देश्य से ,आर्थिक चोट पहुँचाने के लिए ,भारत सरकार को ,जनता से पहले बहिष्कार करना होगा !

Modi should learn from Nehru to improve india-china relations ...


चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा


  

7/8/20

विकास दुबे जैसे अपराधियों को राजनितिक सांठ -गांठ पर कैसे रोक लगे ?-बर्बाद इंडिया /मनोज बत्रा (एडिटर )

सम्पादकीय- 

आचार्य मनोज बत्तरा के कीपैड से !


अपराधियों को राजनितिक -संरक्षण /सांठ -गांठ पर कैसे रोक लगे ?

     कुख्यात अपराधी विकास दुबे द्वारा, कानपुर में एक डी एस पी समेत आठ पुलिसकर्मियों की निर्मम हत्या का दुस्साहस,अपराधियों का राजनितिक सांठ-गांठ  स्पस्ट करता है। समय-समय पर कोर्ट और चुनाव- आयोग इस दिशा में पहल करते रहे है, किन्तु राजनितिक दलों की इच्छा- शक्ति के बिना, तमाम कोशिशें  विफल रही है!

vikas dube के लिए इमेज परिणाम

      एक विद्वान ने कहा था कि अपराधी जन्मजात नहीं होते ,बल्कि बनाये जाते है !बहुत सारे कारण  है ,जिनसे अपराधी बन जाते है या बनायें जाते है !जैविक- कारण ,मनोवैज्ञानिक -कारण ,गरीबी ,बेरोजगारी ,भौतिकवाद ,जटिलताएं,आगे बढ़ने की होड़ ,धन-तन-पिपासा ,अतिमहत्वांक्षा आदि ही ऐसे ही प्रमुख कारण है !अपराधियों को मुख्यतया चार श्रेणियों -स्वाभाविक ,सामान्य ,मशीनरी और सफेदपोश अपराधी ,में बांटा जा सकता है !सर्वप्रथम ,सकारात्मक वैचारिक -क्रांति के साथ-साथ ,निश्चित रूप से व्यवस्था और नीतियों में परिवर्तन करके ,इन कारणों को कम करना होगा ,ताकि अधिकांश अपराधी बने ही न !




    इसके पश्चात ,अपराध और अपराधी को पनपने ही न दिया जाये !इसके लिए प्रशासन और कानून को हाईटेक  व सख्त होना होगा !सविंधान में परिवर्तन करके ,पुलिस को राज्य -सूची के साथ ही ,केंद्र -सूची में भी डालने की आवश्कयता है ! स्थानीय -स्तर पर राज्य -पुलिस ,केंद्रीय -बल ,सरकारी गुप्तचर-विभाग ,सम्बंधित NGO और सामाजिक-कानूनी संस्थाओं आदि के प्रतिनिधियों व सदस्यों को संयुक्त -रूप से संगठित कर ,प्रशासनिक गतिविधियों को पारदर्शी रूप में अंजाम देना होगा !अपराधियों में  इस संयुक्त -प्रशासन और सख्त कानून का डर भी अपराध पर निश्चित रूप से अंकुश लगाएगा !

www.ujalahiteshiexpress.com/admin_privacy/image...


   अब मुख्यता ,अपराधियों को राजनितिक -संरक्षण /सांठ-गांठ पर कैसे रोक लगे ?इसके लिए ,एक ऐसे कानून के निर्माण और शत -प्रतिशत क्रियावन्यन की अतिआवश्यकता है ,जो स्वच्छ राजनीति  के लिए, ईमानदार और स्वच्छ छवि वाले ,पढ़े -लिखे देशभक्त लोगों को ही मुख्यता ,लोकतान्त्रिक परम्पराओं और मूल्यों का हिस्सा बनायें !यहाँ सविंधान की मूल -भावना और उदेश्यों का भी ध्यान रखा जाएँ!



   साथ ही राष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट की शक्तियों में भी वृद्धि की जाये,कि यदि सरकार ,विपक्षी-दल या अन्य दल /संस्था /संगठन आदि भर्ष्टाचार व आपराधिक गतिविधियों या अपराधियों को संरक्षण/सांठ-गाँठ में लिप्त पाया जाता है ,तो उनकी तुरंत बर्खास्ती हो!उनकी चल-अचल संपत्ति जब्त की जाएँ और उन पर आपराधिक व देश-द्रोह का मुकदमा चलाया जाये !और ऐसे केसों में त्वरित फैसला हो!




चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा





7/6/20

तेल के दामों में कमी का लाभ जनता को क्यों नहीं ?-बर्बाद इंडिया /मनोज बत्रा (एडिटर )

सम्पादकीय- 


आचार्य मनोज बत्तरा के कीपैड से !


तेल के दामों में कमी का लाभ जनता को क्यों नहीं ?
    
  Fuel Price: Petrol and diesel prices reduced again due to fall in ...  

     बजट -निर्धारण में धन -आगमन और विभिन्न क्षेत्रों के विकास व लोक-कल्याणकारी योजनाओं आदि पर व्यय ,सब निश्चित होता है। सैद्धांतिक रूप और आर्थिक -दृष्टिकोण से ,सरकार आय -व्यय के असंतुलन पर ,घाटे की अर्थव्यवस्था को अपनाती है और प्राय उसका प्रयास रहता है कि वह इस घाटे की अर्थव्यवस्था को कम से कम अपनाएं। 
     इसके साथ ही ,व्यावहारिक रूप से ,सरकार की सोच यह भी रहती है कि वह लोक -कल्याणकारी योजनाओं को भी बजट के अनुसार चलाएं ,न कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमतों के उतार -चढ़ाव के रहते ,जनता को अतिरिक्त लाभ पहुंचायें !क्योंकि इसके पीछे कहीं न कहीं सरकार की सोच ,प्राय लोक -कल्याणकारी होते हुए भी ,व्यापारिक रहती है। वह अपना राजस्व कम कर ,बजट को प्रभावित नहीं होने देती !वह अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमतों के गिरने का लाभ उठाते हुए ,राजस्व बढ़ाती है और घाटे की अर्थव्यवस्था को कम करती है।फलस्वरूप जनता को ये वाले लाभ मिल नहीं पातें !

Gold And Silver Rate On 8th June 2020, Bullion Rates In Major ...

    और सरकार के इस व्यावहारिक रूप का दूसरा पक्ष भी है!अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमतों के बढ़ने पर ,सरकार दोहरापन दिखाती है। वह जनता पर बढ़ी कीमतों का बोझ डाल देती है!जोकि नैतिक नहीं है !बस यहीं से सरकार पर ऊँगली उठनी शुरू हो जाती है। इसके पीछे भी दो कारण समझ आते है - सरकार द्वारा राजस्व बढ़ाना और घाटे की अर्थव्यवस्था को कम करना !पर अगर सूक्ष्म -रूप से विचार किया जाएँ ,तो संभवतः राजस्व बढ़ाने के विकल्प  व संसाधनों की कमी ,भर्ष्टाचार ,आर्थिक -नीतियां ,आर्थिक -विषमता,उपनिवेश और एक सम्रग आर्थिक दृष्टिकोण आदि सरकार के जनता के प्रति सौतेले व्यवहार के प्रमुख कारण है! 
    एक लोक-कल्याणकारी सरकार को संविधान के लोक-कल्याणकारी नीति -निर्देशक तत्वों का स्वेच्छा से पालन करना चाहिए। सरकार को चाहिए कि तेल के दामों में अनावश्यक वृद्धि करने और आम जनता पर अनावश्यक कर लगाने से बचना चाहिए। अन्यथा ,विशेषतः किसानों की परेशानियां बढ़ेगी और आम जनता को महंगाई की मार झेलनी पड़ेगी। अंतर्राष्ट्रीय परिस्थितयों में देश को आज उदार नीति की आवश्यकता है। 

  किसान क्यों रो रहे हैं प्याज़ के ...
    
  
चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा



     

7/5/20

स्ट्रीट -लाइट चोरी से ,लापरवाह चौकीदार के प्रति लोगों में भारी गुस्सा !-बर्बाद इंडिया /मनोज बत्रा (एडिटर )

स्ट्रीट -लाइट चोरी से ,लापरवाह चौकीदार के प्रति लोगों में भारी गुस्सा !

4 जुलाई ,2020 . 
राजपुरा (पंजाब ).(मनोज बत्तरा द्वारा ).



     जिला पटियाला की राजपुरा तहसील के अंतर्गत पड़ने वाली ,कुलदीप नगर ग्राम -पंचायत(वर्तमान में,अंडर प्रोसेस नगरपालिका-वार्ड ) ,जहाँ पिछले 20 वर्षों से विकास का अकाल पड़ा है ,अब चोरों ने यदा -कदा हुए विकास में भी सेंध मार दी है !


फाइल फोटो 

     कुलदीप नगर वासियों ने बताया कि गांव के मुख्य चौक ,जोकि डॉक्टर मनजीत सिंह के क्लिनिक व मुल्तानी प्रॉपर्टी सलाहकार के निकट पड़ता है, पर स्थित बिजली के खम्बें से, पंचायती स्ट्रीट -लाइट कल रात चोरी हो गई है!इस कारण बेहद लापरवाह चौकीदार तारानाथ नेपाली के प्रति लोगों में भारी रोष और गुस्सा है !अज्ञात चोरों को खोजने की भरपूर कोशिश की जा रही है !


स्ट्रीट -लाइट के बिना उदास बिजली के खम्बें !


     आपको जानकारी दे दें ,कि चौकीदार तारानाथ नेपाली की ,लापरवाही के चलते ,पहले भी कुलदीप नगर में स्थित एक प्लास्टिक के गोदाम के ताले पर ,चोरों ने हथोडें बजाएं थे !


चौकीदार तारानाथ नेपाली 

     स्थानीय लोग अच्छे से जानते है ,कि कुलदीप नगर में ,पिछले 20 वर्षों से चोरियों का सिलसिला जारी है ,किन्तु प्राय चोर पकडे नहीं गए है !पिछले वर्षों में कई घटनाएं घटी,जिसमें प्रमुख रूप से ,भटिंडा से आये एक मेहमान को रात्रि के अँधेरे में,पेड़ों व झाड़ियों के झुरमुट में छिपे चोरों द्वारा घेरकर घायल करने व् लूटने की घटना तथा एक जनरल स्टोर के शटर को काटने की घटना ,चोरों के दुस्साहस की सदैव याद दिलाती रहेगी !


चोरों के छिपने की जगह /गुफा !

    जहाँ तक हमें सूचना मिली है कि चौकीदार तारानाथ नेपाली के पास ,भारतीय आधार कार्ड है !और कुलदीप नगर में ,अपने आप ही चौकीदार बदलते रहते है !कौन इन चौकीदार की न्युक्ति और बदलाव करता है ?ये प्रश्न यक्ष खड़ा है !
      खबर लिखे जाने तक,स्ट्रीट -लाइट मामले में कोई पुलिस-कम्पलैंड नहीं हुई थी!
    
चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा



7/2/20

हाई कोर्ट -आदेश :एडमिशन व ट्यूशन -फीस ले सकेंगें ,सभी स्कूल !-बर्बाद इंडिया /मनोज बत्रा (एडिटर )

हाई कोर्ट -आदेश :एडमिशन व ट्यूशन -फीस ले सकेंगें ,सभी स्कूल !


30 जून ,2020 . 
चंडीगढ़ (पंजाब ). (मनोज बत्तरा द्वारा ). 

     पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायलय की जस्टिस माननीय निर्मलजीत कौर ने कहा कि डिजास्टर मैनेजमेंट कानून या महामारी एक्ट के अंतर्गत ,फीस बढ़ाने या कम करने बारे ,कोई निर्देश नहीं दिया जा सकता !क्योंकि यह इन एक्ट के अधिकार -दायरे में नहीं आता !सभी स्कूल एड्मिशन और ट्यूशन -फीस ले सकेंगें !

Great relief for teachers from Punjab and Haryana High Court ...

   हाई कोर्ट ने स्कूलों को हिदायत देते हुए कहा कि वर्तमान सत्र में, स्कूल- फीस बढ़ाने से बचें और अवास्तविक चार्ज से भी बचें !
   हाई कोर्ट ने आगे कहा कि मजबूर अभिभावक स्कूल -फीस-माफ़ी  का आवेदन, स्कूल को दे सकते है !फीस पर स्कूलों से छूट न मिलने पर, अभिभावक "रेगुलेटरी बॉडी" को भी शिकायत कर सकेंगें !
   कोर्ट ने ये भी कहा कि स्कूल भी इस सम्बन्ध में ,अपनी समस्याएं जिले के शिक्षा-अधिकारी को बता सकते है !

चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा

https://www.youtube.com/watch?v=B0YAOkRlqHo&t=13s&fbclid=IwAR35oAyFjXlgi9hR-T6N73KxwHaH-mLgdVOI93YOTX1d6G-Ft5KU2ocN6Ws