मेरी प्रेरणा !
राष्ट्रपति -पुरस्कार से सम्मानित व मिसेज इंडिया रही ,श्रीमती कंचन शर्मा ,साहित्यिक व सामाजिक गतिविधियों के अतिरिक्त ,हिमाचल के पर्यावरण व संस्कृति को बचाने आदि के लिए कार्य कर रही है !कोरोना -संकट में ,उनका नया रूप देखने को मिला !एक सरकारी विभाग की ,एक इंजिनयर के रूप में ,वे एक कोरोना- योद्धा का दायित्व भी निभाती नज़र आई !अक्सर उनका साहित्य और विशिष्ट कार्य ,मुझे प्रेरित करता रहता है !
-आचार्य मनोज बत्तरा (चीफ एडिटर ,बर्बाद इंडिया न्यूज़ )
कंचन शर्मा की कलम से !
मैं फूल हूँ ,फूल ही रहूंगा !
तुम कांटों की तरह, मचलतें रहो !
मेरी फितरत हैं, खुशबू बिखेरना !
तुम चाहे, नफरत से भी, मसलतें रहो !
कविता -
"कांटें की व्यथा !"
तुझे सहेज कर रखूं !
तुझे सुरक्षा दूँ !
-काम यही मुझ कांटें का !
पर हो जाता हूँ ,
उस समय मैं बेबस !
जब पवन का तेज झोंका ,
तुझे उड़ा ले जाता है !
तेरा अस्तित्व मिटा जाता है !!
फिर रह जाता हूँ मैं ,
बेबस ,अकेला और तन्हा !
-कवि मनोज बत्तरा द्वारा !
राष्ट्रपति -पुरस्कार से सम्मानित व मिसेज इंडिया रही ,श्रीमती कंचन शर्मा ,साहित्यिक व सामाजिक गतिविधियों के अतिरिक्त ,हिमाचल के पर्यावरण व संस्कृति को बचाने आदि के लिए कार्य कर रही है !कोरोना -संकट में ,उनका नया रूप देखने को मिला !एक सरकारी विभाग की ,एक इंजिनयर के रूप में ,वे एक कोरोना- योद्धा का दायित्व भी निभाती नज़र आई !अक्सर उनका साहित्य और विशिष्ट कार्य ,मुझे प्रेरित करता रहता है !
-आचार्य मनोज बत्तरा (चीफ एडिटर ,बर्बाद इंडिया न्यूज़ )
कंचन शर्मा की कलम से !
मैं फूल हूँ ,फूल ही रहूंगा !
तुम कांटों की तरह, मचलतें रहो !
मेरी फितरत हैं, खुशबू बिखेरना !
तुम चाहे, नफरत से भी, मसलतें रहो !
कविता -
"कांटें की व्यथा !"
तुझे सहेज कर रखूं !
तुझे सुरक्षा दूँ !
-काम यही मुझ कांटें का !
पर हो जाता हूँ ,
उस समय मैं बेबस !
जब पवन का तेज झोंका ,
तुझे उड़ा ले जाता है !
तेरा अस्तित्व मिटा जाता है !!
फिर रह जाता हूँ मैं ,
बेबस ,अकेला और तन्हा !
-कवि मनोज बत्तरा द्वारा !
चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा https://www.youtube.com/watch?v=B0YAOkRlqHo&t=13s&fbclid=IwAR35oAyFjXlgi9hR-T6N73KxwHaH-mLgdVOI93YOTX1d6G-Ft5KU2ocN6Ws |