चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा |
देश की सच्ची तस्वीर ! सच्ची खबरें ! अनछुई खबरें ! #चीफ एडिटर- मनोज बत्तरा #आदर्श व समर्पण -पदम्-भूषण स्व.जसपाल भट्टी !
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11/5/20
इंडिया टाइम्स हिंदी का इंटरनेट पर वीडियो हुआ वायरल ! उड़ने वाली कार में; अब मनाइये हनीमून !-बर्बाद इंडिया न्यूज़ / मनोज बत्रा (एडिटर)
10/12/20
उस संडे को उनकी अचानक कॉल आई ,तो मैंने आश्चर्य से ,शिल्पा जी से पूछा -'संडे को ऑफिस खुला है ?'वे तपाक से बोली -'हाँ ,आज आधा दिन मेरी ड्यूटी लगी है !अरे ,काम करना है ,तो नखरा कैसा ?'
कितना सटीक बोला शिल्पा 'शैली 'जी ने !बिना काम किये ,लक्ष्यों को कैसे प्राप्त किया जा सकेगा?बिना सामूहिक -कर्म के मानव -सभ्यता का विकास कैसे संभव होगा ?बिना कर्म के हम दुनिया को कैसे सुन्दर बना पायेंगे ?-ऐसे ही तमाम सवाल मेरे मन में कौंध गए !फिर सच भी तो हैं -
"दुनिया में रहना है ,तो काम कर प्यारे !सबको हाथ जोड़, सलाम कर प्यारे !
वरना ये दुनिया जीने नहीं देगी ,मरने नहीं देगी !"
बातों का सिलसिला ,आगे बड़ा ,तो शिल्पा जी बोली -'जे अस्सी ,सिर मिलाये है ,तो अग्गे वध्धों !आपका लास्ट कुछ डयूज पेंडिंग है !हाथी निकल गया है ,पूंछ बाहर है !'
मैंने इसके लिए टाइम माँगा ,तो उन्होंने कहा -'ग्रेस पीरियड है!अब आगे मेरे हाथ में नहीं है !आप इंतजाम कीजिये !'
खैर ,रब का आदेश था ,तो अपना बेस्ट देना था और मैंने अपने प्रयासों को दोगुना करके ,ठोस फैसले लेकर अपना बेस्ट दिया और सब क्लियर किया !
पर आगे कुछ और अड़चन आ गई ,तो एक हफ्ते के बाद शिल्पा जी ने कहा -'अब सिस्टम से और आगे अकेले लड़ नहीं सकती!तभी आपको बता रही हूँ .... '
खैर ,मैंने सिस्टम को फॉलो करते हुए ,फिर तुरत एक्शन लिए !दरअसल मैं शिल्पा जी के वजूद ,सब्र और कर्म -आराधना आदि के समक्ष,अंदर से नत -मस्तक हूँ ,उनको नीवा कैसे होने दे सकता था !
एक हफ्ता फिर बीत गया !
मैं परेशान था कि शिल्पा जी की कोई कॉल नहीं आई ,एक हफ्ते से !कहीं वे काम को सिरे चढ़ाने के चक्कर में ,कोई टेंशन तो नहीं ले रही !मुझसे रहा न गया ,तो मैंने उन्हें सन्देश भेज दिया !मेरे समर्पण को यही कर्तव्य लगा -
'शिल्पा जी ,अगर सिर जोड़े है ,तो लड़ाई अकेले क्यों ?आप बिल्कुल भी टेंशन मत लीजिये !मुझे ऐसे मेटर्स को सॉल्व करना आता है !'
दो दिन तक उनका कॉल नहीं आया तो ,मुझे उनकी बेहद चिंता होने लगी !मैंने उन्हें कॉल करना ही ठीक समझा !
आगे की बातचीत के प्रमुख अंश :-
'हेलो ,शिल्पा जी आपको याद दिलाने के लिए फोन किया है कि हमारे बीच एक दोस्ती भी है !'-मेरी बात सुनकर वे खिलखिला दी ,तो मैंने उनसे आगे कहा -'आपकी चिंता हो रही थी !वो ऑफिशियल- मेटर अगर सॉल्व नहीं हो रहा है ,तो आप बिल्कुल भी चिंता न करें !हम कोर्ट का सहारा लेंगें!'
'नहीं ,वहाँ तक नौबत नहीं आयेगी !आपका काम सॉल्व हो गया !'
9/20/20
साढ़े सात ,पौने उन्नीस जैसे पहाड़े बोलता है ,गणित का ये महान सम्राट! इस शख्स हेतू पंजाब मुख्यमंत्री से माँगा है ,आर्थिक पैकेज !@पत्रकार मनोज बत्रा
बर्बाद इंडिया टेलीविज़न !
साढ़े सात ,पौने उन्नीस जैसे पहाड़े बोलता है ,गणित का ये महान सम्राट!
इस शख्स हेतू पंजाब मुख्यमंत्री से माँगा है ,आर्थिक पैकेज !@पत्रकार मनोज बत्रा
दिनांक -20 सितम्बर ,2020 .
फिल्लौर (पंजाब ). (मनोज बत्तरा द्वारा ).
देखने में मासूम ,भोला -भाला और गरीब ये शख्स गढ़ा रोड़ ,फिल्लौर ,पंजाब का रहने वाला है !पर कुदरत ने इनको ऐसी नेमत बक्शी है कि अच्छे पढ़े -लिखे लोग भी ,गणित के मामले में ,इनके सामने चारों खाने चित्त है !ये पौने एक ,सवा एक ,डेढ़ ,पौने दो ,सवा दो ,ढाई ,पौने तीन..... जैसे पहाड़ों को बखूबी सटीकता के साथ बोल लेते है !
अब ये शोध का विषय हो सकता है कि ये शख्स कैसे ,इतने मुश्कित पहाड़ों को बोल पाता है ,जबकि ऐसे पहाड़े स्कूल में तो कभी पढाये गए ही नहीं और न ही आधुनिक तकनीक के चलते ,हम सब साधारण पहाड़ों को भी ,अच्छे से याद कर पाये !
'बर्बाद इंडिया 'मानता है कि इस शख्स का कांसेप्ट यूनिक है ,शोध का विषय है !इसलिए 'बर्बाद इंडिया 'इनकी आर्थिक दशा सुधारने हेतू 5 लाख रूपए,सरकारी नौकरी और उत्साहित करने के लिए राजकीय-सम्मान की मांग ,पंजाब के मुख्य मंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह से करता है ! कृपया वे इस शख्स को खोज कर पुरस्कृत करें !
यहाँ बताने योग्य है कि पूर्व में ,इस पत्रकार की प्रार्थना पर ,पंजाब के मुख्यमंत्री 5 लाख रूपये का चेक ,एक बीमार प्रसिद्ध फिल्म कलाकार को भिजवा चुके है !
बर्बाद इंडिया टेलीविज़न पर, इससे सम्बंधित वीडियो देखने हेतू लिंक इस प्रकार है -
https://www.youtube.com/watch?v=yoPskQEcwXk
चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा -मुख्य कार्यकारी अधिकारी (चैनल ) |
9/18/20
रब को भक्त के सामने हाथ जोड़ते ,किसी ने देखा है ? -बर्बाद इंडिया न्यूज़ / मनोज बत्रा (एडिटर)
टेली-कलिंगनार !
पाठक ,कृपया किसी भी बात को अन्यथा न लें !
रब को भक्त के सामने हाथ जोड़ते ,किसी ने देखा है ?
दिनांक -18 सितम्बर ,2020 .
राजपुरा -चंडीगढ़ (पंजाब ). (मनोज बत्तरा द्वारा ).
रब को भक्त के सामने हाथ जोड़ते ,किसी ने देखा है ?मैंने देखा है !दो दिन से बोल रही है कि 'मुझसे हाथ जुडवा लो ,पर उस ऑफिस वाली समस्या का, हल आज ही निकालों !नेगेटिविटी आ जायेगी और फिर मेरे रेपुटेशन का भी सवाल है !'
ये कोई और नहीं ,मेरे जीवन की वो 'गॉड -पर्सन 'है ,जिन्होंने विषम -परिस्थितियों में मेरा साथ निभाया और मेरे जीवन की दिशा को बदल दिया !अब इतनी शक्ति तो ,रब में ही होती है !यहाँ रब तुल्य प्रिय सखी से पूछना चाहता हूँ कि आखिर क्यों ,रब की मर्यादा का हनन कर रही हैं ?कहीं रब भी ,हाथ जोड़ते है ,भक्त के सामने ?
कृपया पाठक भी इस बात को अन्यथा न लें !किसी भी रिश्तें की ,चाहे वो दोस्ती का रिश्ता भी हो ,सार्थकता अपनेपन ,परस्पर विश्वास और श्रद्धा (रब के जैसी पवित्रता )से ही है!
खैर ,मैंने उन्हें समझाया (देखो जी ,रब को समझा रहा हूँ !),कि 'आपका भाग्य मुझसे जुड़ चुका है ,वह काम करेगा !निश्चित रूप से समस्या हल होगी !विधाता आपका रेपुटेशन ख़राब नहीं होने देगा !अरे ,आपके आने से ,तो मैं बहुत स्ट्रांग हो गया हूँ !टेंशन लेनी बंद कर दी है ,मैंने!सुख हो,या दुःख हो ,महापुरुषों की तरह एक समान रहता हू !मैं हरसंभव ,निरन्तर कोशिश करके ,समस्या के प्रति सफलता का परिणाम दूंगा !'
मेरी सखी की साख का सवाल था ,इसीलिए फिर मैंने उस समस्या को मन में 'गोल'माना और चिलचलाती धूप और गर्मी में ,पसीने व भूख-प्यास की ,परवाह किये बगैर ,रास्तों की तलाश में जुट गया !पर मेरे साथ भी वही हुआ ,जो अक्सर होता है ,सब जगह से ना हुई!अंततः मेरे भेजे गए मैसेज का ,मेरे फ़ोन पर रिप्लाई आया कि मैं आपकी समस्या हल कर देती हूँ !खैर ,उन्होंने झट से समस्या ,बिना कोई ज्यादा सवाल किये,हल कर दी !उनकी मित्रता और अपने प्रति सम्मान देख ,मैं आत्म-विभोर था !उन्हें प्रत्युत्तर में ,अपनी दुआयें और धन्यवाद के शब्द ही दे पाया !
मेरी सखी खुश थी !पर अंदर ही अंदर मुझे अफ़सोस भी हो रहा था कि आज तेरा एक उसूल टूटा है !क्या तू लोगों की सहायता ,भविष्य में अपनी सहायता पाने हेतू करता है !मैंने इस सम्बन्ध में सखी से भी कहा कि 'आज मैंने ऐसे अपने जीवन का यू-टर्न लिया !मैं बिल्कुल भी ऐसा नहीं हूँ !'मेरी इस बात पे ,वे तपाक से बोली-'कभी -कभी यू -टर्न लेने से भी ,सफलता मिल जाती है !'
उनके शब्द गंभीर लगे !चिंतन -मनन किया तो लगा की सखी ,सोलह आने सही बोल रही है !पर क्या दोस्तों !आने -दोआने चलते है अभी?
'सब आपकी वजह से है ,सखी !'मैंने आगे उनसे कहा !
'अरे नहीं ,घर के लोग मुझे भाव नहीं देते,और एक आप हो ,तारीफ पे तारीफ किये जातें हैं !ये मेरा रूटीन व्यवहार है !' सखी ने मुझसे हँसते हुए कहा !
'ओहो ,तो आप अंदर और बाहर से एक जैसे हैं !'मैंने भी मस्ती में उनसे कहा !
'आज आपकी जुबान,लगन और कर्तव्यनिष्ठा देखकर ,मैं कह सकती हूँ ,कि आप सिंगल पर्सन है ,जिन पर मैं ट्रस्ट कर सकती हूँ !'सखी के आगे कहे ये शब्द, मैंने रिवॉर्ड मानकर ,उन्हें शुक्रिया कहा !
जीवन में एक इंसान भी ,आप पर सच्चे मन से विश्वास कर लें ,तो आपका जीवन सफल है !जीवन में इससे ज्यादा कुछ चाहिए आपको ?भाई ,मुझे तो चाहिए ,अगर इनके हाथ का बना खाना मिल जाये ,तो मज़ा आ जाये !'पर सखी साहिबा !आप थक जाओगे खिलाते -खिलाते !पेटू हूँ मैं !और लोग पता क्या कहेंगे ,देखो जी देखों ,रब भक्त को भोग लगा रहे है !'
वैसे इसमें बुरा भी क्या है ?सखा -भाव में रब भी ,बराबर के हक़दार है भोग लगाने के लिए !
वैसे दोस्तों !मेरी ये सखी कौन है ?
शिल्पा 'शैली' और रेखा 'रुद्राक्षी' तो बिल्कुल भी नहीं है !
चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा |
9/17/20
टेली -कलिंगनार ! .... जब बत्तरा ने ठुकराई ,एक ठग की 10 लाख रूपये की ऑफर ! लेडी श्रवण कुमार हैं ,शिल्पा 'शैली '!@मुख्य संपादक मनोज बत्तरा -बर्बाद इंडिया / मनोज बत्रा (एडिटर) )
टेली -कलिंगनार !
.... जब बत्तरा ने ठुकराई ,एक ठग की 10 लाख रूपये की ऑफर !
लेडी श्रवण कुमार हैं ,शिल्पा 'शैली '!@मुख्य संपादक मनोज बत्तरा
दिनांक -17 सितम्बर ,2020 .
राजपुरा -चंडीगढ़ (पंजाब ).(शिल्पा 'शैली 'और मनोज बत्तरा द्वारा )
आज 'बर्बाद इंडिया 'की को -एडिटर शिल्पा 'शैली 'जी से ,मुख्य संपादक मनोज बत्तरा की संक्षिप्त वार्ता हुई !प्रस्तुत है कुछ अंश :-
"मैंने जीवन में दो बातें सीखी है,पहली कि सफलता के लिये ,विकल्प और दूसरी ,उस लक्ष्य को ,जिसे आप पाना चाहते है ,'गोल'मानकर ,सकारात्मक सोच के साथ ,सतत प्रयास जरूरी है !"मैंने शिल्पा जी से कहा।
प्रत्युत्तर में शिल्पा जी बोली -'आपकी पहली बात ,100 %सच है !विकल्प जीवन में होने चाहिए !जीवन जीने का यहीं सलीका है!एक रास्ता बंद होता है ,तो अन्य रास्ते खुलते है !'
मन ही मन सोच रहा था कि दूसरी बात पर ,शिल्पा जी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। खैर ,मैंने ही इस बात को प्रमुखता देते हुये ,उनसे कहा -" 'गोल' वाली बात में भी ,कुछ पॉइंट है !'गोल'को हासिल करने में ,आपकी जिद्द या आपका अंहकार और या आपका स्वाभिमान भी ,महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है !"
'स्वाभिमान के साथ ही ,इंसान को जीवन में आगे बढ़ना चाहिये और ध्यान रखना चाहिए ,कि माता -पिता का नाम ख़राब न हो !'-शिल्पा जी की बात सुनकर ,ऐसा लगा जैसे वे 'लेडी श्रवण कुमार' है !बात -बात में माता -पिता को याद करना ,उनके दिए संस्कारों का प्रकटन आदि मातृ -पितृ -भक्ति का ,इस कलियुग में अद्भुत उदाहरण है !
'जी ,.... मैंने जीवन में सच्चाई के मार्ग को चुना !आपको बताऊँ मैं ,विषम -परिस्थितियों में ,एक ठग(ग्राहक ) ने लोगों से ठगी मारने के लिए ,10 लाख रुपये का ,मुझे ऑफर दिया ,तो मैंने अपनी ईमानदारी और देश-भक्ति का हवाला देते हुए ,उसे चलता कर दिया ! पर वो मुझसे प्रभावित होकर बोला कि आपकी मैं इज्जत करता हूँ ,बुरे वक़्त में कभी आपने 500 /-रूपये की मेरी मदद की थी !सोचा, आपकी परेशानियों में ,10 लाख रूपए आपकी मदद करेंगे !पर आपकी देश-भक्ति देखकर ,मेरी आत्मा भी जाग गई है !अब मेहनत से बेटी और बीवी का भरण-पोषण करूँगा !... फिर वह पंजाब छोड़कर कहीं चला गया !पिछले 5 वर्षों से ,अपनी शॉप पे उसके दर्शन नहीं हुये !'- मेरी ये बात सुनकर, शिल्पा जी सोच रही होंगी कि कितने 'मिया मिठ्ठू' है !मुझे तो डर है ,कहीं मुझे 'मिठ्ठू जी ' बुलाना न शुरू कर दें!मैंने उनसे आगे कहा -'सच्चाई का मार्ग एक कठिन मार्ग है!काँटों का बिछोना है !मेरे मन में एक ही बात रहती है कि कष्टों वाले, इस मार्ग पर, जब भी सफलता मिलेंगी ,वह आनंदमय ,स्थायित्व और संतोष पूर्ण होगी !'-शिल्पा जी ने मेरी इस बात पर पूर्ण समर्थन में ,अपनी हामी का मुझे रिवॉर्ड दिया !और बोली कि 'गलत रास्तों पर जाकर ,शॉर्टकट से सफलता पाना ,मतलब खुद को बर्बाद करना !'
व्यक्तिगत कारणों से शिल्पा "शैली " के स्थान पर,प्रतीक -रूप में
अभिनेत्री शिल्पा शैट्टी का चित्र लगाया गया है !
थैंक यू सो मच ,शिल्पा जी !कभी -कभी तो ऐसे लगता है कि हम दोनों एक ही थैली के चट्टे -बट्टे है !फोटो -कॉपी है !अब प्लीज ,लड़ना मत कि चट्टा कौन है ,और बट्टा कौन है ?
चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा |