5/26/20

क्या कॉमेडी -किंग स्व. जसपाल भट्टी ,भगवान विष्णु के अवतार थे ? # "बर्बाद इंडिया" न्यूज़/मनोज बत्तरा (चीफ एडिटर)

सम्पादकीय- 

आचार्य मनोज बत्तरा के कीपैड से !


   नेशनल अवार्डी ,पदम्-भूषण ,महान शिक्षा -विद ,कॉमेडी को "गंभीर व्यवसाय "समझने वाले ,कॉमेडी -किंग,स्वर्गीय सरदार जसपाल जी भट्टी किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं !गॉड गिफ्टिड अपनी बेमिसाल ''रचनात्मकता'' के कारण ,वे सदियों तक याद किये जाते रहेंगें!
   उनके हास्य-व्यंग्य -कटाक्ष के पीछे ,गरीबों के प्रति दर्द ,वेदना और दया तो छिपी ही थी ,बल्कि वे सिस्टम से बेहद खफ़ा थे!कहीं न कहीं उनमें परिवर्तन की चाहत थी !जितना मैंने उनको समझा हैं ,वे क्रांति लाना चाहते थे !
   जो लोग उनकी ''रचनात्मकता'' से झकझोरे गए ,प्रेरित हुए ,वे आज भट्टी सर को अपना आदर्श मानते है और उनके पद -चिन्हों पर ,चलने की कोशिश कर रहे है !उनकी धर्म -पत्नी श्रीमती सविता जी भट्टी (अग्रणीय समाज -सेविका ),आज भी भट्टी सर के द्वारा छोड़ी गयी ,विरासत को, एक सहृदय माँ की तरह पोषित कर रहीं हैं !
   मुझे आज भी धारावाहिक "रामायण "और भट्टी सर के धारावाहिक "उल्टा-पुल्टा "आदि के बिना दूरदर्शन अधूरा लगता है !तभी दूरदर्शन बार -बार इनके प्रसारण करता हैं!
   और आपका ये पत्रकार मित्र "बर्बाद इंडिया" का कांसेप्ट ,भट्टी सर से प्रेरित होकर ही ,लेकर आया है !"बर्बाद इंडिया "भट्टी सर को ही समर्पित है !

स्वर्गीय जसपाल भट्टी, भगवान् विष्णु के अवतार : मेरे अंतर्मन के विचार!



   भट्टी दंपत्ति का उक्त ,दुर्लभ,एक पुराना चित्र देखकर, मुझे ऐसा लगा ,जैसे क्षीर-सागर में ,शेषनाग पर विराजमान, भगवान् विष्णु जी की,लक्ष्मी जी चरण-वन्दना कर रही हो !
   बिल्कुल सच ही तो है दोस्तों!मेरे अंतर्मन के विचार से , हास्य-व्यंग्य और कटाक्ष के जरिए ,भट्टी सर ने ,विष्णु बनकर ही तो, भ्र्ष्टाचार पर अपना सुदर्शन चलाया था!
   विष्णु के शंख-नाद/ध्वनि की तरह ही तो ,उन्होंने देश में ,भ्र्ष्टाचार के खिलाफ "नाद "किया था !"हल्ला "बोला था!
   विष्णु के दंडस्वरूप "गदा" की तरह ही तो ,उन्होंने भ्र्ष्टाचारियों को डराया ही तो था !
   विष्णु की नाभि से उगे कमल -पुष्प के सन्देश को भट्टी सर ने ,ऐसा लगता है ,उन्होंने अपना रखा था !अर्थात भट्टी सर संसार में रहते हुए भी ,उसमे पूरी तरह लिप्त नहीं थे!वे विष्णु ही तो थे !

Vishnu Aarti, Bhajan, Om Jai Jagdish Hare Aarti Lyrics In Hindi ...

उनकी सादगी ही, उनकी तपस्या!

   मुझे आज भी ख्यालों में ,एक छोटे -से रूम /झोपड़ी में बैठकर ,आस-पास बिखरी अखबारों व मैगजीन्स के साथ ,लुंगी और बनियान में , लेखन करते भट्टी सर नज़र आते है !उनकी सादगी ही उनकी तपस्या थी !
   ऐसी विलक्षण, दिव्य -आत्मा को मेरा शत -शत नमन और "बर्बाद इंडिया "के रूप में सच्ची श्रद्धांजलि !

-चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा 
https://www.youtube.com/watch?v=B0YAOkRlqHo&t=13s&fbclid=IwAR35oAyFjXlgi9hR-T6N73KxwHaH-mLgdVOI93YOTX1d6G-Ft5KU2ocN6Ws